नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अमर है. मैं मथुरा के पास का रहने वाला एक व्यापारी हूँ. यह मेरी कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है.
सबसे पहले अपने बारे में बता दूं, मेरी उम्र 24 साल है मेरा कद 5’ 8″ है. दिखने में हैण्डसम हूँ. अपनी कातिल स्माइल से किसी भी लड़की का दिल जीत लेता हूँ. मेरे लंड 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है जो किसी भी लड़की को मेरा दीवाना बना देता है.
मथुरा से ही मैंने बारहवीं पास करके कंप्यूटर का कोर्स सीखा. उस समय मुझे कोई भी लड़की भाव नहीं देती थी. पर जैसे ही मैंने जवानी में कदम रखा, मेरा एक के बाद एक हसीनाओं से मिलना जुलना होने लगा. जिसके किस्से मैं अपनी कहानी में आपको बताऊंगा.
आज मैं आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी के बारे में बताऊंगा जो मैंने 19 साल की पंजाबन लड़की के साथ की. जब मैं अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद जॉब के लिए पंजाब आ गया.
मेरा स्वभाव बहुत मिलनसार है जिससे थोड़े समय में ही सबके साथ घुलमिल गया. कंपनी की तरफ से मुझे रहने के लिए एक कमरा मिला जो वहीं के निवासी का था. उस घर में अंकल, आंटी उनके 3 बच्चे जिनमें सबसे बड़ी लड़की 19 साल की थी उसका नाम कल्पना था.
कल्पना वाकई दिखने में बहुत खूबसूरत थी. क्या बला की सुंदरता थी उसमें!
वो कहते हैं न कि बुड्ढा भी देख ले तो उसका भी सामान खड़ा हो जाए.
सोचो मेरा क्या हाल हुआ होगा.
पहली बार जब मेने उसको देखा तो मेरा लंड तो लोहे की तरह सख्त हो गया था फिर उसकी तरफ देख के मेने एक स्माइल की और सोने चला गया.
धीरे धीरे मैंने उससे बात करना चालू किया. किसी चीज़ की जरूरत पड़ती थी तो उसी से कहता था.
उसे भी मुझमें रूचि आने लगी थी, इसका एहसास भी मुझे होने लग गया था.
कुछ ही दिनों में हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे और अब हमारी बाते व्हाट्सएप पर होने लगी.
मैं उस पर दिल खोल के लाइन मारता, उसे भी मेरी बातें बहुत अच्छी लगती थी. हम रोज रात में सेक्स चैट किया करते थे. उसे मैं सेक्सी चैट से पूरी तरह गर्म कर देता था.
वैसे तो हम दोनो एक ही घर में रहते थे पर डर के कारण कभी मिलते नहीं थे . क्योंकि अगर कोई देख लेता तो मुझे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता.
पर कहते हैं कि प्यार तो अँधा होता है.
एक दिन की बात है हम दोनो फ़ोन पर बात कर रहे थे तब उसने मुझे अपने रूम में आने को कहा जो कि मेरे रूम के जस्ट ऊपर वाले फ्लोर पर था.
सेक्सी चैट से पहले ही मेरे लंड में आग लग चुकी थी, मैने तुरंत बाहर निकलकर इधर उधर देखते हुए से मैं उसके रूम के पास पहुंच गया.
उस दिन वो अपने रूम में अकेली थी. जैसे ही मैं खिड़की से अन्दर पहुंचा उसने मुझे जोर से हग किया और मैं उसे चूमने लगा. उसने पहले ही रूम को हीटर से गर्म किया हुआ था और उसके जिस्म की गर्मी मेरे लंड को फाड़ देने को तैयार थी.
पर मै अपनी पहली चुदाई को यादगार बनाना चाहता था, करीब 10 मिनट तक किस करने के बाद हम बिस्तर पर बैठ गए, मेरे होंठ किस करने के वजह से सूखने लगे थे.
उसके बाद हमने पानी पिया.
फिर चालू हुआ चुदाई का अद्भुत खेल. उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था जो चिपका चिपकी में कब उसके बदन से उतर गया, पता ही नहीं चला.
क्या धाकड़ जिस्म की मालिक थी वो!
उसके मम्मे काफी टाइट थे और नहीं की तरह बलखाती हुई कमर जैसे बनाने वाले ने फुरसत से बनाया हो.
उसके जिस्म के हर अंग को मैंने चूस चूस के लाल कर दिया.
हम दोनों बहुत गर्म हो गए थे कि हमारी आवाजें पूरे कमरे में गूँजने लगी थी.
दोस्तो क्या ही नज़ारा था वो मैं आपको बता नहीं सकता.
उसकी ‘आअह्ह येस्स्स सक मीई ईई’ वाली सिसकियों से मुझे और जोश आ गया. मैंने उसके चूचे चूस चूस कर उनका पूरा रस निचोड़ लिया.
वह अब बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगी. वो मुझसे चुदाई की भीख मांगने लगी.
फिर मैंने अपनी जीभ उसकी चूत की पंखुड़ियों पर रख दी. मैं उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से चाट रहा था और बीच बीच में दांत से काट भी देता था. जिससे उसकी आआहह निकल जाती.
उसकी चूत से पानी निकलना शुरू हो गया था.
उसका इशारा मिलते ही मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा. लंड की गर्मी से वो मचलने लगी और लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी.
मैंने अपने लंड को चूत की दरार पर रगड़ना चालू रखा. वो अपनी गांड उचकाकर लंड को चूत में डालने की कोशिश करने लगी और जोर जोर से ‘फ़क मीईई ईई ओह्ह्ह प्लीजज फ़क मीईईईइ हार्ड!’ चिल्लाने लगी.
फिर मैंने एक हल्का झटका मारा और आधा लंड उसकी भट्टी जैसी चूत में डाल दिया. उसने अपने नाखून मेरी पीठ पर गड़ा दिए और दूसरे झटके में पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में पेल दिया.
उसके मुंह पर मैंने पहले ही अपने होठ रख दिए थे ताकि आवाज बाहर न जाये. उसको और ज्यादा गरम करने के लिए मैं धीरे से झटके मारता रहा और कुछ देर बाद उसका दर्द भी कम हो गया.
थोड़ी देर में उसे मजा आने लगा और वो खुद अपनी गांड हिला हिला कर लंड को अन्दर तक लेने लगी.
जैसे ही मेरे लंड का टोपा उसके बच्चेदानी से टकराता, उसके मुख से आअह्ह ह्ह्ह्ह निकल जाती. 20 से 25 झटकों के बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
और कुछ देर बाद ही मैंने भी अपना पानी उसकी चूत में ही निकल दिया और लंड को अन्दर डाले ही उसके ऊपर गिर गया .
पहली चुदाई का वह एहसास इतना अच्छा था कि उसे मैं अपनी पूरी जिन्दगी में कभी नहीं भूल सकता.
हम दोनों एसे ही एक दूसरे की बाँहों में बांहें डालकर पड़े रहे.
उसके चेहरे पर संतुष्टि साफ नजर आ रही थी और वो मेरे चेहरे पर किस किए जा रही थी.
वो बोल रही थी- आई लव यू मेरी जान!
उसके जिस्म की गर्मी से मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा और मैं उसके पूरे बदन को किस कर रहा था.
वो भी गर्म होने लगी. उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया. मैं उसकी चूत का सारा पानी पी गया और उसकी चूत को चाट चाट कर साफ कर दिया.
‘क्या स्वाद था उसके चूतरस का!’
जब मैंने इस बार अपना लंड उसकी चूत पर रखा तो पूरा लन्ड एक ही बार में चूत में समा गया.
थोड़ी देर चोदने के बाद मैंने उससे घोड़ी बनने को कहा और उसको पीछे से चोदने लगा. उसकी चुदाई की आवाजे पूरे कमरे में गूंजने लगी थी.
इस बार वो जैसे पागल हो गयी. वो अपनी गांड को बार बार उछाल रही थी और आगे पीछे भी कर रही थी। मेरे लंड का एहसास वह अपने अन्दर तक महसूस कर रही थी.
वो जोर जोर से सिसकारी लेने लगी- आअह्ह ह्ह्ह ओह हह्ह याह्ह हह्ह सीईईई ईईई’ वो तेजी से हिलते हुए झड़ गयी.
अभी मेरा हुआ नहीं था.
मैंने भी अपनी रफ़्तार को तेज कर दिया. कुछ समय की भरपूर चुदाई के बाद मेरे लन्ड ने अपना पानी छोड़ दिया और मैं उसके ऊपर ही गिर गया.
सुबह के 4:30 बज चुके थे. एक लंबे से किस ओर टाइट हग के बाद मैं अपने कमरे में वापिस आ गया. उस रात उसको चोदने के बाद तो जैसे मुझे चुदाई का चस्का ही लग गया था. हम दोनो चुदाई का मौका ढूंढते, और खूब चुदाई किया करते.
उसके बाद तो जैसे उसकी जवानी में चार चाँद लग गये थे. वो अब दिल खोल कर मुझसे अपनी चूत चुदवाती, जब भी उसे मौका मिलता.
उसके कुछ ही महीनों बाद वो पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ चली गयी.
फिर कैसे मैंने चंडीगढ़ में जाकर उसको और उसकी एक सहेली को पेला, वो आपको मैं अपनी अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा.