हेलो दोस्तो, मैं प्रेम उम्र 24 साल, और लंबाई 5 फीट 9 इंच, रंग एकदम गोरा भरा हुआ बदन. मैं छतीसगढ़ के एक छोटे शहर से हूँ. अपनी पढाई खत्म करके मैं रायपुर में जॉब करने चला गया.
मैं बहुत ही कामुकता से भरा हुआ व्यक्ति हूँ जवानी मेरे आँखों में झलकती है. अब मैं अपनी कहानी पर आता हूँ.
रात भर कहानी पढ़ने के बाद मैं सुबह अपने काम पर निकल गया. दोपहर दो बजे के करीब मैं घड़ी चौक से गुजरते हुए अपनी आदत से मजबूर लड़कियों को लिफ्ट देने का इशारा करते हुए धीमी गति से चल रहा था.
तभी मुझे एक लड़की दिखी जो अपना चेहरा ढके हुई थी. मुझे सिर्फ उसकी आँखें और बड़े-बड़े मम्मे ही दिख रहे थे. मैंने अपनी बाइक रोक कर उसे इशारा किया, तो वह मुसुकुराते हुए आगे चली गई.
मैंने तुरंत अपनी बाइक चालू की और उसके पीछे चलने लगा. तभी उसने मुझसे कुछ कहना चाहा और मैंने तुरंत पूछ लिया- कहाँ जा रही हो तुम ! क्या मैं तुम्हे छोड़ दूँ !
उसने कहा- मुझे एक्सिस बैंक जाना है, बैंक बंद होने का टाइम हो रहा है… क्या आप मुझे वहाँ तक छोड़ देंगे !
तो मेने कहा- मैं भी उधर ही जा रहा हूँ, आप चल रही हो !
और वो बाइक पर बैठ गई. मैं धीरे धीरे बाइक चलाते हुए बातें करने लगा- आपका नाम क्या है?
तो उसने कहा- गीता और आपका?
मेरा नाम प्रेम है.. आप किस जगह जॉब करती हो !’
तो उसने कहा- मैं एक स्कूल में एकाउंट डिपार्टमेंट देखती हूँ और आप?
‘मैं हॉस्पिटल में मार्केटिंग की जॉन करता हूं !’
बातों ही बातों में बैंक आ गया, मैं उसे उतार कर ‘बाय’ करते हुए आगे बढ़ने को हुआ.
तो उसने कहा- मुझे केवल दस मिनट का काम है, उसके बाद क्या आप मुझे स्टेशन तक छोड़ देंगे?
तो मैंने हां कहते हुए बोला- आप अपना काम खत्म कर लो, मेरा घर यही ही है.. तब तक मैं कुछ खा आता हूँ. आप मेरा नम्बर ले लो, जब आपका फ्री हो जाओ, तो मुझे कॉल कर देना।
नम्बर देकर मैं घर निकल गया.
तभी मेरे बॉस का कॉल आ गया, उनसे बातें करते करते दस मिनट कब निकल गए, मुझे पता भी न चला.
तभी गीता का भी कॉल आ गया- प्रेम जी, आप आ जाओ.. मैं फ्री हो गई हूं!
तो मैं बोला- पर मेरा काम तो अभी नहीं हुआ है, पर आप वही रुको, मैं आता हूँ.
उसने कहा- ओके !
और कुछ देर में मैं बैंक पहुँच गया तो गीता बोली तुमने कुछ खा लिया या नहीं?
तो मैं बोला- गीता जी बैंक से निकलते ही मेरे बॉस का कॉल आ गया, तो उनसे बातें करने में बसी हो गया और फिर आपका कॉल आया तो मैं यहां आ गया.
उसने कहा- प्लीज.. आप मुझे स्टेशन छोड़ दीजिए, वरना मेरी ट्रेन छूट जाएगी.
मैंने पूछा- आप को कहाँ जाना है?
तब वह बोली- मेरा घर दुर्ग में है, मैं डेली वहा से यहां आती हूँ !
मैंने उनसे कहा- ट्रेन तो हर एक घंटे में है और बस भी जाति रहती है ! अगर आप को कोई तकलीफ ना हो तो आप मेरे साथ घर चल सकती हो, मैं जल्द से खाना खाकर आप को स्टेशन तक छोड़ दूँगा.
तो वह बोली- मैं आपके घर कैसे जा सकती हूँ..? आपके घर वाले क्या समझेंगे !
मैंने कहा- आप चिंता मत करो, मैं घर में अकेला रहता हूँ. अगर तुम्हे मुझ पर भरोसा हो तो तुम मेरे घर चल सकती हो.
तो उसने कहा- ठीक है, पर मुझे जल्दी जाना है, आप कुछ खाकर जल्दी ही मुझे स्टेशन छोड़ देना.
और वो मेरे साथ मेरे घर की ओर चल दी. मै मन ही मन सोचने लगा ‘ये पटाका माल… काश मुझे चोदने को मिल जाए !’
यह सोच कर मेरा लंड भी खड़ा रहा था. शायद चुदाई की खुशी के कारण आंसू बहा रहा था.
तभी हम घर पहुंच गए और मेने उसे घर के अन्दर को कहा।
मैं टीवी चालू करते हुए बोला- गीता जी आप टीवी देखो, मैं आता हूँ.
उसने कहा- ठीक है !
मैं रसोई में गया और थोड़ा बहुत खाया और गीता जी के लिए पानी और दोनों के लिए केला लेकर गीता जी के पास बैठ गया और उन्हें पानी दिया.
पानी पीने के बाद गीता ने कहा- आप केला अकेले खायेंगे या मुझे भी खिलाएंगे !
मैंने भी मौके पर चौके लगाते हुए कहा- आपही का तो है, जो दिल करे जी वो करिए !
उस समय टीवी पर सावधान इंडिया चल रहा था, तो हम वह देखने में बिजी हो गए.
तभी ब्रेक आते ही मैं उनसे बोला- गीता जी चलें, आपको देर हो रही होगी !
तो उसने कहा- अभी 4.30 बजे हुए हैं.. अगली ट्रेन 5.30 बजे है, तब तक यह सीरियल भी ख़त्म हो जाएगा.
मुझे क्या.. मैं भी ऐसे ही किसी मौके को ढूंढ रहा था कि कुछ काम बन जाए. पर आप लोगों से कहना चाहूँगा कि लड़की को उसकी मर्जी से पेलने में जो आनंद है, वो जबरदस्ती पेलने में नहीं है.
तभी टीवी देखते देखते मेने उससे कहा- गीता जी, आप बहुत खूबसूरत हैं.
तो वह कहने लगी- झूट मत बोलो, आप मुझसे कई ज्यादा स्मार्ट हो !
तो मैंने बोला- वो तो मैं हूँ !
बातों को आगे बढ़ाते हुए मैं बोला- गीता जी मुझे आपको ‘किस’ करने का मन कर रहा है.
एकाएक उसने टीवी बंद किया और खड़ी होकर मेरी तरफ देखने लगी. मेरी तो डर ही गया कि अब क्या बबाल करेगी ये… कहीं शोर न मचा दे… डर के कारण मैं अपना सर नीचे किए बैठा रहा और वो मुझे घूरे जा रही थी.
फिर वो बेड पर बैठ गई और मुझसे कहने लगी- इधर देखो !
मैं डरते हुए ऊपर देखा तो उसने कहा- तुम्हारी उम्र कितनी है !
मैं बोला- 24 वर्ष !
तुरंत मैंने पूछा- और आपकी?
तो उसने कहा- तुमसे दो साल बड़ी हूँ.
तो मैंने खा- आपको देखकर लगता नहीं है कि आप 26 वर्ष की हो !
फिर उसने कहा- तुम मुझे जानते हो?
मैंने कहा- जितना आपने मुझे अपने बताया है, बस उतना ही जानता हूँ.
तो वह बोली-ठीक है ज्यादा जानने की तुम्हे जरुरत भी नहीं है !
मैंने अपने मन में ही सोचा ‘मुझे चूत दे दे अपनी.. बाकी मुझे क्या मतलब!’
तभी उसने कहा- क्या सोच रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं.. मुझे आपसे ऐसी बात नहीं करनी चाहिए, आप क्या सोचती होंगी मेरे बारे में !
उसने कहा- कोई बात नहीं, अब आपने गलती कर ही दी है, तो सजा भी माननी पड़ेगी आपको !
मुझे तो लगा, साली रण्डी है चुदने के रुपए मागेगी!
पर उसने कहा- मुझे आपको गले लगाना है.
‘हे कामिनी देवी आपकी जय हो !’
मैं खुशी से फूला ना समाया और उतने में गीता मुझसे अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर दबाव बनाते हुए चिपक पड़ी.
मैं आपको को गीता के कसीले जिस्म के बारे में तो बताना ही भूल गया.
गीता ज्यादा सुन्दर तो नहीं थी, पर वो लगभग 5 फिट 7 इंच और फिगर 34-30-32 की होगी और वो अपने मम्मे मेरे सीने में गड़ाती हुई मुझसे चिपकी थी. मैंने भी अपने दोनों हाथों को गीता की पीठ से चिपका कर दबाव देना जारी रखा.
फिर पता नहीं कब.. हम दोनों के होंठ मिल गए और हम एक दूसरे को चूमने लगे.
मुझे तो लगा ये तो मुझसे भी ज्यादा गर्म है और यह सच भी था. वो आप सब को आगे पता चल जाएगा. फिर इस चिपका-चिपकी और चुम्बनों ने नया रूप ले लिया.
मैने कहा- गीता जी, बेड पर बैठ जाओ !
पर उसने मेरी बातो को अनसुना कर दिया फिर मैंने गीता को अपनी गोद में उठा कर बिस्तर पर ले गया और कमरे की लाइट बंद करके, बिस्तर पर लेट गया।.
अब फिर से चुम्बनों की बरसात चालू हो चुकी थी. धीरे-धीरे मेरे हाथ गीता के बदन का जायजा लेने को तड़फ रहे थे और मेरी कोशिश भी कामयाब रही. जल्दबाजी ना करते हुए गीता के कुर्ते में हाथ डाल कर पेट को सहलाने लगा और धीरे-धीरे हाथ उसकी पहाड़ियों को कैद की हुई ब्रा पर जा लगे, ब्रा के ऊपर से ही निप्पलों को मसलने लगा और दूध को दबाने लगा.
आप लोगों को क्या बताऊँ, उसके इतने कठोर मम्मे थे.. मुझसे रहा न गया.
मैं गीता से पूछा- इस उम्र में भी आपके मम्मे इतने कड़े?
तो गीता बोली- मेरे चूची को मेरे सिवा आज आप छू रहे हैं !
पर उसकी इस बात पर मुझे यकीन करना ही पड़ा क्योंकि मम्मे मेरे हाथ में थे.
मैंने उससे कहा-अपना कुर्ता उतारो, वरना फट जाएगा.
पर उसने तुरंत मना कर दिया, मैंने कहा- कोई बात नही जैसी आपकी मर्जी !
और उसके दूध को दबाने लगा और अपने हाथ से कुर्ते को उतारने लगा, जिसमे कामयाब रहा.
उसका कुरता उतारते समय उसके गले में अटक रहा था, तो उसने कहा- रुक जाओ !
फिर उसने कुर्ता खुद उतार कर साइड में रख दिया और अब वह अब सलवार और ब्रा में मेरे सामने बैठी थी. मेरा लंड खड़ा हो कर पैंट फाड़ने को तैयार था क्योंकि मेरी अंडरवियर सामने से लंड के पास फटी थी.
खड़े लंड का जायजा गीता अपनी जाँघों से ले रही थी. फिर वह मुझसे चिपक गई और मैं ब्रा उतारे की कोशिस करने लगा.
ब्रा खोलते ही क्या नजारा था दोस्तो …अय..हय.. वो देखने लायक था !
सच में गीता के एकदम कड़क चूचे बिल्कुल अनछुए से लग रहे थे, मैं उसके निपल्लों को अपने मुँह में ले कर चूसने लगा.
मैं तो पुराना चुदक्कड़ था, सो अपने पूरे अनुभव से गीता को गर्म कर रहा था और हाथों से मसल भी रहा था.
एकाएक गीता के मुँह से सिसकारियाँ चालू हो गईं. वो सिसकियां लिए जा रही थी और जोश में बडबडा रही थी, मेरे मुँह पर अपने चूचे दबाव डाल रही थी.
मुझे समझ आ चुका था कि गीता गर्म हो चुकी है. फिर मैं सलवार का नाड़ा खोल कर नीचे सरकाने लगा, तो गीता ने खुद सलवार उतारने में मेरी मदद की और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी, तो मैं खुद अपनी शर्ट उतार कर अपनी पैंट को उतारने लगा.
कुछ ही पलों में हम दोनों सिर्फ अंडरवियर में थे.
फिर वो तो इस तरह मुझसे चिपक गई कि मैं बेकाबू हो गया और उसके चूचे चूसने हुए उसकी पैंटी में हाथ डालकर चूत को सहलाने लगा.
उसकी चूत पर हल्के से बाल उगे हुए थे और चूत से रिसते हुए पानी से मेरे हाथ चिपकने लगे.
गीता की चूत इतनी गर्म हो गई थी कि अगर उस टाइम मैं अपने लंड से सहला दूँ, तो कही मेरा लन्ड जल कर पानी न हो जाए. फिर धीरे से उसकी पैन्टी उतार दी और उसकी चिकनी चूत पर अपना हाथ फिराने लगा.
गीता की सीत्कारें बढ़ने लगीं.
जैसे ही मैने उसके चूत के दाने को सहलाया, तो गीता मुझसे कसकर चिपक गई और मेरा पूरा हाथ उसकी चूत के पानी से सन गया. मैं समझ गया कि गीता झड़ गई है. वो कुछ देर मुझसे चिपकी लेटी रही.
कुछ देर बाद गीता ने बोला- आपने मेरे तो सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी उतारो न !
हमने कहा- खुद उतार लो !
फिर गीता ने मेरी अंडरवियर उतार कर फेंक दी और मेरा लंड देखते ही बोलती है- बाप रे इत्ता बड़ा!
मैने भी पूछ लिया – पहली बार देखा है क्या !
तो बोली- नहीं, देखा तो है, पर स्कूल के बच्चों का.. लेकिन आपका तो बड़ा और मोटा है लेकिन जैसा मैंने कंप्यूटर में देखा है वैसा आज रियल में देख रही हूँ !
मैं बोला- कंप्यूटर में कहाँ देखा है?
तो गीता ने बताया- स्कूल में अकाउंट डिपार्टमेंट में हम 3 लड़कियाँ हैं.. जो एक केबिन में तीनों रहती हैं. जब लेकिनटीचर्स की क्लास होती है, तो हम सब ब्लू फिल्म देखते हैं. हम तीनों में केवल प्रियंका मेम ही मेरिड हैं. वो हमें सेक्स के बारे में हमेशा बताती हैं. आज मेरा पानी जल्दी इसी वजह निकल गया, क्योंकि आज भी मैं ब्लू फिल्म देख कर बैंक के लिए निकली थी. आप से मिलने के बाद मेरा भी सेक्स करने का मन होने लगा, पर आपको मेरी कसम है कि हमारे बारे में आप किसी को भी नहीं बताओगे!
मैं बोला- ठीक है !
और हम दोनों फिर से किस करने लगे और गीता के गर्म होने के बाद मैं उससे बोला- गीता मेरे लंड को चूसो ना !
तो गीता ने इंकार कर दिया और अपने हाथों से मेरे लंड को ऊपर-नीचे करके हिलाने लगी. मैं भी उसके चूत के दाने को रगड़ने लगा और गीता सिसकियां लेने लग गई.
वो मुँह से ‘आह उह्ह’ की आवाजें निकालने लगी और कहा- अब डालो न !
मैने तुरंत गीता के दोनों पैरों को उठाकर अपने कन्धों पर रखा और अपनी उँगलियों से चूत के छेद का जायजा लेने लगा, तो मालूम पड़ा ऊँगली लगते ही गीता को दर्द होने लगा !
‘मैं बहुत खुस हुआ.. की यह तो अभी तक सील पैक है !’
मुझे तो जैसे यकीन ही नहीं हुआ था ! फिर गीता की चूत, जो गीली हो गई थी, उस पर अपने लंड को लगा कर हल्का सा धक्का दिया, तो गीता छटपटाने लगी.
मैं लन्ड का दबाव हल्का करते हुए उसके चूचों को मसलने में गीता का ध्यान लगा दिया और किस करते हुए थोड़ा सा दबाव डाला, तो लंड चिकना होने की वजह से अन्दर थोड़ा सरक गया.
गीता दर्द से तड़प रही थी, लंड आधे से ज्यादा अन्दर पेलने के बाद मैं कुछ देर तक रुका रहा और उसके निप्पलों को चूसने लगा .
अब गीता कुछ सामान्य हुई और उसने कहा- थोड़ा जोर से दबाओ.. अच्छा लग रहा है !
मै उसके चूचों को मसलते हुए मैं लंड को धीरे धीरे अन्दर-बाहर करने लगा।
अब गीता को भी खूब मजा आने लगा था, उसने कहा- प्रेम..खूब मजा आ रहा है, करते रहो !
और दोनों की मस्ती ने कब पागलपन का रूप ले लिया, यह तो झड़ने के बाद ही मालूम हुआ !
मैं अपने लन्ड का सारा पानी गीता की चूत में डाल रहा था और गीता से चिपक कर लेता हुआ था. गीता भी मुझे जोरों से पकड़े हुई थी.
थोड़ी देर के बाद हम दोनो अलग हुए तो मेरे लंड से पानी के साथ खून को देख कर गीता दर गई, तो मैंने गीता को समझाते हुए उसे शांत किया कि पहली बार में यह होता है, अब दोबारा नहीं होगा!
फिर हमने टाइम देखा तो 5.45 हुए थे, गीता ने कहा- मुझे तुरंत बस-स्टाप पर छोड़ो.. वरना घर से फोन आने वाला है.
हम जल्दी से बाथरूम में जा कर फ्रेश हुए और गीता को मैं बस-स्टैंड छोड़ कर, फोन पर बात करेंगे.. बोल कर, गीता को ‘बाय’ किया. गीता बस में चली गई और मैं अपने घर लौट आया और फिर रात में हमने खूब बातें की.
अगले दिन मैंने कैसे गीता को पेला और फिर उसकी स्कूल की सहेलियों को चोदा, यह मैं आपको अपनी अगली स्टोरी में बताऊंगा.