पड़ोस की आंटी को उन्ही के घर में पेला

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Padosan aunty ki garam chudai

हेलो मित्रो, मेरा नाम राजेश है. मैं नवी मुंबई से हूँ। मेरी उम्र 21 साल है.. मैं पिछले कई सालों से अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरी पढ़ता आ रहा हूँ। मुझे इस तरह की हिंदी में चुदाई की कहानी पढ़ने में बहुत मजा आता है। मैंने सोचा कि मैं भी अपने साथ घटी एक सच्ची घटना को सेक्स स्टोरी के रूप में लिख कर आप लोगों को सुनाऊं।

मेरी ये सेक्स स्टोरी मेरे और मेरे बगल में रहने वाली एक आंटी की है। इस सेक्स स्टोरी में मैंने उनको कैसे पटाया और उनको कैसे बड़े प्यार से चोदा.. ये सब लिखा है। ये कहानी लगभग 6 महीने पुरानी है।

अब मैं अपने बारे में बताता हूँ मेरा रंग हल्का सांवला है और मेरे लंड 7″ इंच का है।

मेरी पड़ोसन आंटी का नाम सरिता है। लेकिन जब से आंटी को चोद लिया है तब से मैं उनको जानू बोलता हूँ। वो एक दुबली पतली सी मराठन हैं। उनके मम्मे ज्यादा बड़े तो नहीं हैं लेकिन टाइट बहुत  हैं। सरिता आंटी की गांड तो लाजवाब और मुझे भी गांड़ मारने बहुत मज़ा आता है।

कुछ दिनों पहले ही मेरे पड़ोस में एक परिवार रहने आया। उस परिवार में 3 लोग थे.. मेरी जानू और उनका पति और उनकी एक छोटी सी लड़की थी।

आंटी का पति ज्यादातर अपने काम में ही व्यस्त रहता था और उनकी तरफ़ ज्यादा समय नहीं दे पाता था। मेरी जानू आंटी का शरीर थोड़ा कमजोर था.. जिस वजह से वे आएदिन बीमार हो जाती थीं। इसी वजह से आंटी अक्सर घर पर ही रहती थीं।

कभी-कभी मैं भी उनके घर पर चला जाता था और उनकी बेटी को खिलाकर अपना टाइम बिता लिया करता था। पहले तो मेरे दिमाग में जानू आंटी के लिए कुछ न था.. लेकिन बाद में धीरे-धीरे वे मेरी अच्छी दोस्त बन गईं।

एक दिन की बात है वो मेरे फोन में गाने सुन रही थीं। तभी उन्होंने मेरे फोन की एल्बम ओपन कर ली और उसमे पड़ी वीडियो देखने लगीं। ये सब देखते देखते आंटी ने उसमें व्हाटसएप का एक वीडियो भी देख लिया जिसमें एक किसिंग का सीन था।

तो वो ये देख कर हंसने लगीं।

मैंने जब हंसने की वजह पूछी तो उन्होंने कुछ नहीं बताया और मुझे फोन लौटा दिया।

फिर आंटी बोलीं- आज की जेनरेशन में ये सब तो चलता है।

मैं भी मुस्कुरा दिया और बोला- आपको यह पसंद है क्या?

वो एकदम से शर्मा गईं.. तो मेरी भी समझ में आ गया कि लाइन क्लियर है फिर मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हे अपनी तरफ़ खींचा तो वो मेरी बाहों में आ गईं।

फिर आंटी इठला कर बोलीं- क्यों खींचा मुझे?

मैने कुछ नहीं कहा.. बस चुप खड़ा रहा.. इतने मैं आंटी की बेटी उठ गई और रोने लगी।

आंटी तुरन्त भाग कर अपनी लड़की को उठाने गईं.. मैं पीछे चला गया और आंटी के पीछे खड़ा होकर उनकी गांड देखने लगा। सच्ची इस वक्त झुकी हुई आंटी की गांड देख कर तो मेरा लंड एकदम से टाइट होने लगा।

उस दिन बात यही खत्म हो गई और मैं अपने घर चला गया।

एक दिन मैं उनके घर पर दोपहर के टाइम गया.. उस वक्त आंटी की बेटी सो रही थी और उनका पति ऑफिस गया था। आंटी बेड पर लेटी हुई अपनी लड़की को दूध पिला रही थीं।

मुझे देखते ही आंटी ने अपनी मम्मे को मैक्सी में डाल दिया।

मैं भी हस्ते हुए बोला- उसे पूरा दूध तो पिला दो।

तो आंटी बोलीं- उसकी बड़ी चिंता हो रही है तू अपनी बता.. तुझे भी पीना है क्या??

मैंने लंड सहलाते हुए ‘हाँ’ बोल दिया।

आंटी मुसुकुराई तो मैं उनके बगल में बैठ गया। वो लेटी थीं उनके चेहरे पर एक घायल करने वाली मुस्कान थी और वो मुझे हवस भरी नजरो से देख रही थीं।

मैंने सीधे उनके होंठों को किस कर लिया।

आंटी मुझे धक्का देते हुए बोलीं- ये क्या कर रहे हो तुम?

मैं उनके ऊपर चढ़ गया और उनके होंठों को कसके किस करने लगा। वो बार-बार मुझे धक्का दे रही थीं.. पर उनके धक्कों में कोई जोर नहीं था। फिर कुछ देर तक किस करने के बाद वो भी मेरा साथ देने लगीं।

मैंने अपने एक हाथ से उनके चूचों को दबाना चालू किया। अब वो भी गरम होने लगी और फिर एकदम से वो मुझ से लिपट गईं।

फिर मैं अपना दूसरा हाथ उनकी चूत की तरफ़ ले गया और मैक्सी के ऊपर से उनकी चुत को दबाने लगा। अब जानू आंटी को कुछ कुछ हो रहा था और वो जोर-जोर से मुझे किस कर रही थीं।

लगभग 5 मिनट बाद मैंने अपने होंठों को उनसे अलग किया तो वो मुझे देख कर सिसकियां ले रही थीं।

मैं अभी भी उनकी चुत को सहला रहा था वो ‘आह.. आअह..’ की आवाजें निकाल रही थीं।

मैंने अब उनकी मेक्सी के दो बटन खोल दिए और उनके चूचों को निहारा तो जानू आंटी ने अन्दर पिंक कलर की ब्रा पहन रखी थी। आंटी एकदम मस्त पटाखा माल लग रही थीं।

मैंने ब्रा उतरकर उनके चूचों को चूसना शुरू कर दिया.. वो मेरे बाल पकड़ कर ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ की आवाजें निकलने लगी। करीब दस मिनट तक चूची चूसने के बाद मैंने जानू आंटी की मैक्सी उतार दी।

आंटी ने नीचे काले रंग की सेक्सी सी वाली पेंटी पहनी हुई थी.. जिसमें मेरे लौड़े की जन्नत का रास्ता छिपा हुआ था।

आंटी की पेंटी पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने उनकी चुत को पेंटी के ऊपर से ही एक चूमा तो उनके बदन में जैसे कोई करेंट लगा हो। मैंने तुरंत उनकी पेंटी उतार दी और उनकी चुत को चाटने लगा। चुत चटने से वो तो जैसे पागल ही हो गई थीं। आंटी मेरे बालों को पकड़ कर मुझे अपनी चुत की ओर दबा रही थीं।

मैंने अपनी जीभ उनकी चुत में गोल-गोल गुमाने लगा.. जिससे वे पागल हुई जा रही थीं, आंटी मस्त हो कर चूत चुसाई का मजा ले रही थी और जोर-जोर से कामुक आवाज निकाल रही थीं।

मैंने एकदम से अपनी एक उंगली उनकी गांड में घुसा दी। जिससे आंटी की चीख निकल गई। आंटी मुझसे उंगली निकलने को कहने लगीं। पर मैंने उंगली नहीं निकाली बल्कि उनकी चुत को और जोर से चाटना चालू कर दिया। वो अपनी गांड के दर्द तो जैसे भूल ही गईं।

कुछ देर बाद उनका शरीर अकड़ने लगा और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैं उनकी चुत के पानी को पी गया और चुत को चाट कर साफ़ कर दिया।

अब मैं आंटी के बगल में लेट गया। दो पल बाद उन्होंने मेरे लंड को पकड़ा और हिलाने लगीं।

मैंने आंटी से लंड चूसने को कहा.. तो उन्होंने मना कर दिया। काफ़ी देर कहने के बाद वो लंड चूसने के लिए राजी हो गईं। पहले आंटी ने मेरे लंड के टोपे पर धीरे से एक किस किया और धीरे-धीरे पूरे लंड को मुँह में अन्दर भर लिया और लंड चूसना चालू कर दिया। मैं तो पहले से ही गर्म था.. तो ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया और आंटी के मुँह में ही पानी छोड़ दिया।

आंटी ने मेरे लंड को बाहर निकाला और चिल्लाने लगीं- ये तुमने क्या कर दिया..?

तो मैंने कोई जवाब नही दिया.. लेकिन मेरा सारा माल उनके चूचों पर गिर गया था।

फिर आंटी मेरे लौड़े को पकड़ कर कहने लगी- अब मैं अपनी बेटी को दूध कैसे पिलाऊंगी?

मैंने लंड उनके मुँह की तरफ हिलाते हुए कहा- धो लेना जानू.. अभी तो लंड को फिर खड़ा करो।

तो आंटी ने जानू सुनते ही मुस्कुरा दिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं। थोडी देर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

अब उनसे रुका नहीं जा रहा था, वे मुझसे बोली- अब जल्दी से अपना लन्ड मेरी चूत में डाल दो।

इतना कहते हुए आंटी अपनी चुत फैला कर बेड पर लेट गईं।

मैंने अपना लंड आंटी की चुत पर टिकाया और धक्का दे दिया। मैं पहली बार चुत चोद रहा था.. इसलिए पहली बार में मेरा लंड स्लिप हो गया।

आंटी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर रखा और मुझे इशारा दिया। मैंने आंटी की चुत की फांकों में लंड रगड़ने लगा। वो सिसकारियां लेने लग गई ।

मैंने उनकी कमर के नीचे एक तकिया लगाया और एक जोरदार धक्का दे मारा। एक ही धक्के में मेरा आधा लंड उनकी चुत में घुस गया। आंटी की ‘आह..’ निकल गई और वो दर्द से चिल्लाने लगीं ‘ओए धीरे-धीरे डाल.. तेरा बहुत बड़ा है।’

मैं आंटी को किस करने लगा। जब उनका दर्द हल्का हुआ। फिर आंटी मजे से अपनी कमर हिलाने लगीं।

फिर कुछ देर बाद मैंने एक जोरदार झटका दे मारा.. तो इस बार पूरा लंड उनकी चुत में चला गया। वो फिर से चीखना चाहती थीं.. लेकिन मैंने उनके मुंह पर अपने होंठों का ढक्कन लगा रखा था।

अब मैं थोड़ी देर रुक गया और आंटी के चूचों को मसलने लगा। जैसे ही आंटी का दर्द कम हुआ तो मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने चालू किए। अब आंटी भी अपनी गांड़ उचकाकर मेरे हर शॉट का जवाब दे रही थीं

अब हम लोगों की स्पीड बढ़ने लगी थी।

आंटी को भी खूब मज़ा आने लगा था, वो कहने लगी- अह.. मजा आ रहा है.. और जोर से डालो.. प्लीज़ और तेज चोदो मुझे.. आहा आहा हाय.. मर गई आज तो में.. अह.. माँ..

अब हम दोनों मिलकर पूरा मजा ले रहे थे और पूरे कमरे में ‘ठप ठप’ की आवाज़ गूँजने लगी थी। अब हमारी चुदाई पूरी रफ्तार में चल रही थी।

कुछ देर बाद आंटी ने मुझे अपने हाथो से कस कर पकड़ लिया और अपने पैरों को मेरी कमर में फंसा का लॉक कर दिया। मैं तो जैसे किसी और दुनिया में था। उनकी गर्म चुत में अन्दर-बाहर होता मेरा लंड तो जैसे और भी कड़क हो गया था।

उन्होंने मुझसे बोला- मैं झड़ने वाली हूँ।

मैं भी आने वाला था। अब उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया था और मैं भी पूरी ताकत की साथ धक्का लगा रहा था। तभी वो तेज आवाज निकलते हुए झड़ने लगीं.. उसकी चूत का पानी मेरे लंड को गर्मी दे रहा था।

आंटी की चुत के पानी की गर्मी से अब मेरा पानी भी निकलने  वाला  था।

मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा। इस बार मैंने अपना लंड आंटी की चुत की जड़ तक अन्दर पेल दिया था और मैंने अपना पूरा पानी उनकी बच्चेदानी के अन्दर ही छोड़ दिया।

मैं बहुत थक चुका था और मेरी साँसें तेजी से चल रही थीं।

फिर हम दोनों बाथरूम में गए और वहां पर आंटी ने मेरे लंड को साफ़ किया और फिर अपनी चुत और चूची को भी धोया, और फिर वापस आकर हमने कपड़े पहने और बैठ कर बातें करने लगे।

आंटी कहने लगी- आज तक मेरे पति ने भी कभी मुझे इतना खुस नहीं किया है.. सच में तुम बहुत अच्छी चुदाई करते हो।

ये कहते हुए उन्होंने मुझे चूमा। चूमने के दस मिनट बाद वो अलग होकर खड़ी हुईं.. तो मैंने आंटी को पलटा और उनकी गांड को मसल दिया। आंटी ने मुस्कुराया जैसे कि गांड मारने के लिए हा कर दी हो।

फिर मैंने आंटी की केसे गांड मारी और उनकी छोटी बहन को भी खूब चोदा.. वो मैं अपनी अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा।

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