Best Fuck at brother wedding भाई की शादी में मैं चुद गयी Free Hindi sex stories Shameless

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Bhai ke dost se chudi Hamare घर में चार लोग हैं – मैं, मेरे बड़े भाई, और माँ-पिताजी। Amit (मेरा भाई) मुझसे चार साल बड़ा है। यह कहानी उस समय की है जब उसकी Shadi एक महीने बाद होने वाली थी। घर में बहुत काम था इसलिए उसके दोस्त भी अक्सर मदद करने के लिए आते थे। उसके दोस्त लोकेश अक्सर हमारे घर आते थे। वो हमेशा मेरे साथ मजाक करता रहता था।एक दिन हम घर की सफाई के बाद बातें कर रहे थे, तभी Amit को कुछ काम पड़ गया। वह चला गया लेकिन लोकेश घर में ही रहा। उसने कहा कि Amit आ जाए तो उसके साथ बाजार जायेंगे, तब तक यहीं रहूंगा। हम दोनों बातें करने लगे। मैं उस समय सलवार-कमीज पहन रखी थी। मैं उसे ही पहनकर रात को सोती थी क्योंकि वह बहुत ढीला था। उस दिन मैंने ब्रा भी नहीं पहनी थी। ढीले सूट के कारण मेरे चुच्चे साफ़ नज़र आ रहे थे और शायद इसी वजह से लोकेश की नज़र मुझ पर टिकी हुई थी।आम बातचीत करते-करते अचानक उसने कहा, “तुम्हारे बॉयफ्रेंड को तो बहुत मजे होंगे…” मैं चौंक गई। मैंने पूछा, “मतलब?” तो उसने कहा, “मतलब तुम जैसी सुंदर गर्लफ्रेंड होगी तो अच्छा ही होगा ना?” मैंने कहा कि मेरे बॉयफ्रेंड नहीं हैं। उसने कहा, “रहने दो ऐसा तो हो ही नहीं सकता।” मैंने पूछा क्यों?कुछ देर सोचकर बोला, “मतलब तुम जैसी माल की गर्लफ्रेंड नहीं होना ये कैसे संभव है?” वह थोड़ा डरा हुआ था कि मेरा क्या जवाब होगा लेकिन उसे पता नहीं था कि मैं भी पकड़ी हुई चीज हूँ। मैंने कहा, “रहने दो, खिलौना-वाला नहीं हूँ मैं।” उसने खुश होकर कहा, “नहीं अनामिका, तुमको पता ही नहीं की तुम क्या चीज़ हो और आज तो तुम और भी बवाल लग रही हो।” मैंने पूछा कि क्यों?ऐसा क्या है आज?तो बोला, “सफाई करने के बाद पसीने से लटपट तुम्हारा शरीर एकदम चमक रहा है…बहुत सेक्सी लग रही हो आज अनामिका।”मैंने देखा कि उसने सेक्सी शब्द पर बहुत ज़्यादा जोर दिया और वह अपने लंड पर हाथ फेर रहा था और प्यासी नज़रों से मेरी तरफ देख रहा था। मुझे कुछ अजीब सा महसूस होने लगा। तभी Amit आया और लोकेश को जाना पड़ा। उस दिन के बाद से हम खुले हो गए थे…वो मुझसे आँखें मिलाता और सेक्सी-सेक्सी कहकर बुलाता था….मुझे नॉन-वेज जोक्स सुनाता था और तो और हम एक दूसरे में गंदी बातें भी करने लगे जैसे कि उसने कहा, “तुम सेक्सी हो अनामिका, तुमको भगवान ने चुदने के लिए ही बनाया है।”एक दिन उसने मेरे लिए गिफ्ट लाया। मैं खुश हो गई। मैंने खोलकर देखा तो उसमें फैंसी लिंगरी थी। तो मैंने हैरान होकर उससे पूछा कि ये क्या है?तो बोला, “अनामिका मैं एक बार तुम जैसी परी को इन कपड़ों में देखना चाहता हूँ। कृपया मेरी इच्छा पूरी कर दो।” तो थोड़ी सोचने के बाद मैंने मान गई। मैंने कहा कि तुम मेरे कमरे में बैठ जाओ और मैं अटैच्ड बाथरूम से बदलकर आऊंगी। घर के बाकी सदस्य छत की सफाई में लगे थे और हमको नीचे स्टोर रूम साफ़ करने के लिए भेजा था।मैंने बाथरूम में जाकर बदल लिया तो मैं खुद भी खुश हो गई…..बहुत शानदार लग रही थी मैं उन ब्रा-पैंटी में। मैं खुश होकर बाथरूम से निकली तो देखा कि लोकेश बिस्तर पर बैठा है। वह एकदम नंगा बैठा था और लंड को सहला रहा था। मुझे देखते ही बोला, “वो अनामिका क्या लग रही हो….तुम्हारी गांड कैसी मस्त लग रही है, कसम से जी कर रहा हूँ कि अभी लंड घुसा दूँ तुम्हारी गांड में।” मैं गुस्से में बाथरूम में जाने लगी तो उसने पीछे से मुझे पकड़ लिया और अपने सीने से लगा लिया। मैंने गुस्से में कहा कि जाने दो मुझे….तो उसने मेरा हाथ खींचकर अपने लंड पर रख दिया और बोला, “जान सिर्फ तुम्हारे लिए खड़ा हुआ है..कृपया आज इसकी प्यास बुझा दो मैं वादा करता हूँ किसी से कुछ नहीं कहूंगा और तुमहारी चुत को भी ट्रिप कर दूंगा।” मुझे ये सब ठीक तो नहीं लग रहा था पर खुद ही मेरे हाथ चलने लगे और मैं उसकी मुठ मारने लगी। कोशिश करके भी मैं खुद को रोक नहीं पा रही थी। मैं पीछे घुमी और उसे किस करने लगी।यह कहानी आप rangiliraat.in में पढ़ रहे।मेरे हाथ अभी भी उसके लंड की मालिश कर रहे थे। लोकेश बहुत खुश हुआ और मेरे चुच्चे को महसूस कराया। हम दोनों बहुत ही ज्यादा उत्साहित होकर किस कर रहे थे और मैं तेज़-तेज़ उसका लंड हिला रही थी। उसने मेरी ब्रा निकाल दी और पैंटी में हाथ डालकर मेरी चुत को महसूस कराया। जैसे ही उसने मेरी चुत में उंगली डाली मुझे रोक नहीं गया और मैं सिस्कीया लेने लगी। उसने मुझे इशारा किया और बस मैं उसके लंड में टूट गई। अपने मुंह से लेकर मैं उसका लंड चूस रही थी जैसे बहुत जन्मों की प्यासी हूँ। कुछ देर तक मैं उसका लंड चूसती रही। जन्नत की सैर कर रही थी मैं।थोड़ी देर बाद उसने कहा कि अब तुम्हारी चुत की सेवा करने का समय आ गया है। तो मैं जल्दी से एक पैर बिस्तर पर रख लिया। उसने पीछे से मेरी चुत पर लंड रखा और धक्का दिया, मैं जोर से चिल्लाई। “आह्ह्ह्ह्ह”     

“आह्ह्ह्ह्ह” “आह्ह्ह्ह्ह”

अपने लंड का दबाव मेरी चुत पर बढ़ाते हुए, उसका सख्त लंड मेरी मुलायम चुत के अंदर घुसने लगा। हमेशा की तरह, धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी चुत में आगे-पीछे करते हुए, थोड़ा अंदर डालते हुए और थोड़ा बाहर निकालते हुए, धक्के लगाते हुए अपना पूरा लंबा लंड मेरी चुत के अंदर घुसा दिया।वह अपना लंड आगे-पीछे कर रहा था और मैं सिस्कीया ले रही थी “आह्ह्ह्ह्ह” “आह्ह्ह्ह्ह” “सिसिसिसिसिसिसिस”.कसम से बहुत शांति मिल रही थी अपनी चुत मारवा के। हमारे शोर से पूरा कमरा गूंज रहा था। जी कर रहा था कि इस तरह जिंदगी भर चूदाई चलती रहे। चुत में मीठा-मीठा दर्द हो रहा था। मैं सातवें आसमान की सैर कर रही थी। पर लगभग 15 मिनट बाद उसने कहा कि मुठ निकालने वाला हूँ। बिना कुछ कहे ही मैंने समझ गया उसका लंड मुंह में ले लिया और प्यासी की तरह प्रसाद का इंतज़ार करने लगी। कुछ ही देर में उसके मुठ से मेरा पूरा मुंह भर गया….बहुत प्यारा था उसका गरम सा मुठ…..उस दिन के बाद जब भी मौका मिलता वो विवेक से मिलने के बहाने हमारे घर आता और मेरी चुत मारकर जाता। Amit की शादी के दिन भी हम दोनों घर में एक दूसरे के जिस्म से खेल रहे थे। अब तो मेरा ब्रेकअप हो गया है लोकेश से पर वो दिन भी हमेशा याद रखने लायक हैं।

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