
मैं मुंबई में रहता हूँ। एक बार मैं अहमदाबाद से मुंबई बस (2+2) में आ रहा था। जब मैं अपनी सीट पर पहुँचा तो बगल की विंडो सीट पर 26-27 साल की एक लड़की बैठी थी और वह खिड़की से अपने पति से बात कर रही थी। जैसे ही मैं अपनी सीट पर बैठ गया, उसका पति मुझसे पूछा, “आप मुंबई में रहते हैं?” मैंने कहा, “हाँ।” उसने कहा, “मेरी बीवी पहली बार अकेले जा रही है, थोड़ा ध्यान रखें।” मैंने कहा, “ठीक है।” उसकी बीवी ने भी मेरे सामने देखकर मुस्कुरा दिया। जैसे ही बस चल पड़ी, वह मुझसे बात करने लगी। “आप कहाँ रहते हैं?क्या करते हैं?Shadi हो गई आपकी?” उसका नाम Rashmi था। थोड़ी देर बाद मैं थक गया था इसलिए सो गया। धीरे-धीरे मेरा सिर उसके कंधे पर चला गया, तो मैं हैरान होकर उठा। उसने कहा, “कोई बात नहीं, अपना सिर मेरे कंधे पर रखें और अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दें।”और वह मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी। अब मुझे उसकी नियत समझ आई। और धीरे-धीरे मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रख दिया। उसने मुझको मुस्कुराते हुए देखा, मैं अब गरम होने लगा था। धीरे से मैंने उसे अपनी ओर खींच लिया, अब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और सिर कंधे पर रख दिया। बस में अंधेरा था और हमारी सीट दूसरी आखिरी थी। अब मैं पागल सा हो रहा था। ज्यादा समय खराब न करते हुए मैंने अपना हाथ उसकी जांघ पर रख दिया और सहलाने लगा। वह भी अब गरम हो गई थी, और धीरे-धीरे अपना सिर मेरी गोद में रख दिया। मैं उसके पूरे शरीर पर अपना हाथ घुमा रहा था। उसकी पीठ बहुत ही मस्त और सेक्सी थी। बार-बार मैं अपने हाथ से उसकी पीठ को दबाता था और बाहर से अंदर उंगली डालता था।उतने में उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़कर अपने स्तनों पर रख दिया, मैंने धीरे से उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया। यह पहली बार था जब मैं किसी लड़की को इस तरह छू रहा था। दोनों को मजा आ रहा था। अब मैंने बाहर से उसकी चुत को सहलाने लगा। वह बहुत गरम हो गई थी और सुस्रियां लेने लगी। मैंने धीरे से ज़ुक कर उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया, और उसकी चुत सहलाता रहा। मेरा लंड भी बहुत तंग हो गया था। जीवन में पहली बार ऐसा अनुभव मिला था।उसने चुन्नी पहनी हुई थी। मैं बार-बार उसकी पीठ को दबाता था और होंठों से उसे चुंबन करता था। एक बार मैंने अपना मुंह उसके स्तनों पर रख दिया और ऊपर से चूसने लगा। और एक हाथ से उसका दूसरा स्तन दबा रहा था। उतने में बस स्टॉप के लिए खड़ी रही। अब हम साथ थे, ऐसा ही व्यवहार करते हुए कि किसी को शक न हो। उसने मुझसे कहा, “मैं टॉयलेट जाकर आती हूँ, शायद पैंटी गीली हो गई है।” मैं भी नीचे उतरा। जैसे ही वह वापस आई, मैंने कहा, “तुम्हारा फिगर देखकर मुझे अभी-अभी चोदने का मन कर रहा है।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे भी।”मैंने कहा, “कितने दिनों के लिए मुंबई आये हो?” उसने कहा, “पाँच दिनों के लिए, छोटे भाई की शादी है।” मैंने कहा, “मुझे तुम्हारा पता दो, मैं मिलने आऊंगा। तुम मुझे अपना टेल नंबर दे दो, मैं फोन करूँगा और हम बाहर मिलेंगे।” मैंने उसे अपना नंबर दिया। वापस हम बस में बैठ गए। उसने कहा, “मैंने ब्रा निकाल दी है।” मैंने जोर से उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया, मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर धीरे-धीरे उसके लेंजे का हुक खोल दिया। वह कुछ नहीं बोली, धीरे से हाथ अंदर डाल दिया और चुत को सहलाने लगा। और उसके होंठों को चूसते हुए बीच वाली उंगली उसकी चुत के अंदर डाल दी और अंदर-बाहर करने लगी।यह कहानी आप rangiliraat.in में पढ़ रहे।दोनों को मजा आ रहा था। थोड़ी देर बाद वह जड़ गई, अब वह बैठी थी। मैंने उसका हाथ पकड़कर बाहर से अपने लंड पर रगड़ना शुरू कर दिया। अब मुझे रोक नहीं गया, धीरे-धीरे ज़िप खोलकर कोई न देखे, वैसे लंड बाहर निकाल दिया। वह पकड़कर हिला रही थी। मैंने कहा, “मुंह में लो,” तो उसने कहा, “बाद में…” मैं उसके पूरे शरीर पर हाथ घुमा रहा था और दबा रहा था। ज़िंदगी में पहली बार ऐसा मज़ा करने को मिला था। थोड़ी देर बाद मैंने भी फुवारा छोड़ दिया। पूरी रात हम मज़ा करते रहे। जाने के समय उसने कहा, “मैं तुम्हें जरूर फोन करूंगी।” लेकिन आज कई दिन हो गया, उसका फोन नहीं आया। मैंने गलती की, उसके कोई संपर्क नंबर नहीं लिया था।