जवान चाची की चूत की तड़प Hindi sex story

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Jawan chachi ki chudai

मैं जय है,मैं अन्तर्वासना का एक नियमित पाठक हूँ.

आज मैं अपनी चुदाई कहानी लिख रहा हूँ, वो मेरी और चाची की चुदाई की कहानी है.

मेरी उम्र 23 साल है और मेरा लंड की लंबाई 6.5 इंच और मोटाई 2.5 है.

यह चाची सेक्स कहानी 2 साल पहले की है, जब मैं अपनी छुट्टी को बिताने के लिए अपने घर से थोड़ी दूर रहने वाले चाचा जी के घर गया था.

मेरे चाचा की उम्र 44 साल है उनका नाम रमेश है. चाची 36 साल की हैं और उनका नाम माया है.

चाचा ने अपनी पहली बीवी के मरने के बाद इनसे दूसरी शादी की थी इसलिए उन दोनो की उम्र में ज्यादा फर्क था.

चाचा के पहली चाची से दो बेटे हैं.

मेरे चाचा का एक कमरे का घर बहुत छोटा है. उनके घर में मुश्किल से 5 लोग रह पाते हैं.

मैं जब घर गया तब चाची एकदम जवान लगती थीं और उनका फिगर 36-34-36 का था.

चाची की गांड बहुत बड़ी थी.

उस दिन चाची ने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी और मैचिंग का ब्लाउज पहना था.

चाची का ये ब्लाउज काफी गहरे गले का और एकदम चुस्त था जिसमें से उनकी आधी से ज्यादा चूचियां साफ़ दिखाई दे रही थीं. चाची ने अपनी साड़ी नाभि के नीचे बांधी हुई थी.

मैं उनके घर शाम पहुंचा था तो उस समय चाची घर के कामों से फ्री हो गई थीं.

शायद वो चाचा जी के लिए पहले सज संवर कर रहना पसंद करती थीं.

अचानक से मेरे आते ही चाची बड़ी खुश हुईं और उन्होंने बड़ी आत्मीयता से मेरा स्वागत किया.

मैं अपनी चाची की खूबसूरती को देख कर एकदम से चौंक सा गया.

हालांकि इस समय मुझे कोई ख़ास अंदाजा नहीं था कि चाची के लिए मुझे क्या सोचना चाहिए.

मगर इस जवान लंड को कौन बताए कि सामने दिखने वाली हर औरत चोदने के लिए नहीं मिलती हैं.

खैर … चाची ने मुझे बैठने को कहा और मेरे लिए चाय बना कर लाई.

फिर हमने साथ में चाय पी और बहुत सारी बातें की.

चाची घर वालो के बारे में पूछती रहीं और मेरा लंड मेरी आंखों को उनकी चूचियां निहारने के लिए उकसाता रहा.

फिर रात होते ही चाचा जी भी आ गए.

हम सभी ने खाना खाया और अब सोने की बारी आ गई थी.

चाची ने अपनी साड़ी बदल कर एक लाल रंग की नाइटी पहनी ली.

उन्होंने शायद ब्रा उतार दी थी क्योंकि उनके मम्मों का आकार अब कुछ अलग दिखने लगा था और उनके चूचे मस्ती से हिलने लगे थे, जो कि साड़ी ब्लाउज में ब्रा पहने होने के कारण उनकी ब्रा में कैद थे और हिल-डुल नहीं पा रहे थे.

उस समय उनके गले से आधे  झांकते चूचों की छटा कुछ अलग ही थी और इस वक्त बिना ब्रा के झूलते हुए चूचों की अदा कुछ और थी. कुछ भी हो … मगर मेरा लंड सातवे आसमान पर था.

मुझे चाची की इस पतले कपड़े की नाइटी में उनके निप्पल की नोकें साफ़ दिख रही थीं ।

कमरे में नाइट लैंप चालू था, जिसकी मद्धिम नीली रोशनी बड़ा ही कामुक नजारा पेश कर रही थी.

सब लोग गहरी नींद में सो गए थे और मुझे नींद नहीं आ रही थी.

मैंने घड़ी में देखा, रात के 2 बजे थे. मैंने सोफे की ओर देखा तब चाची की नाइटी उनकी कमर तक चढ़ी हुई थी. उनकी ब्लैक पैंटी पूरी तरह से दिख रही थी.

मेरे मन में उनके लिए तब से पहले कुछ गलत नहीं था.

मगर ये सीन देख कर मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं और लंड ने अपना मादरचोदपन दिखाना शुरू कर दिया. साला एकदम से अकड़ने लगा.

उसी समय चाचा की ओर से कुछ हलचल हुई तब मैंने देखा कि चाचा उठ गए और चाची के ऊपर लेट गए.

चाचा जी सिर्फ एक अंडरवियर में थे.

अब सोफे पर जहां एक नहीं आदमी ठीक से सो सकता था, वहां वो दोनों लेट गए थे.

चाची भी जाग गयी थीं.

वो बोलीं- आप क्या कर रहे हो … जय जाग जाएगा.

चाचा बोले- मुझे अभी चाहिए … अन्दर बहुत ही ज्यादा आज लगी है. सब सोए हैं कुछ नहीं होगा. तुम जल्दी से खोलो.

ये कह हुए चाचा जी ने चाची की नाइटी उतार कर फेंक दी.

चाची ने ब्रा नहीं पहनी नहीं थी, वो सिर्फ पैंटी में रह गईं.

उन दोनों को बिना कपड़ो के देख कर मेरे लंड बहुत सख्त हो गया.

चाची भी गर्म हो गईं और वो दोनों एक दूसरे को चूमने लगे.

चाचा ने चाची के चूचे सहलाए और एक चूचा मुँह में भर लिया.

चाची मस्ती से अपने चूचा चुसाने लगीं.

कुछ देर चूचे चूसने के बाद चाचा ने चाची की पैंटी उतारी और खुद भी पूरे तरह नंगे हो गए.

चाचा चुदाई के मूड में आ गए थे.

उन्होंने चाची की दोनो टांगें उनके चूचों पर रख दीं और नीचे से चाची की खुली चूत में लंड का टोपा घुसाने लगे.

चाची ने अपनी दोनो टांगें खोल दीं और उनकी चूत में चाचा का लंड अंदर तक घुस गया.

चाचा ने एक जोरदार झटके से पूरा लंड चूत में पेल दिया और हुच्च हुच्च करने लगे.

चाची जब तक गर्म हो पाती तब तक चाचा जी के लंड का पानी निकल गया.

वो बस 2 मिनट तक ही मेहनत कर पाए और निचुड गए.

चाची थोड़ी उदास सी हो गईं और चाचा उन्हे सॉरी बोलकर नीचे उतर गए.

मैंने देखा चाची जी ने बहुत ही उदास मन से अपनी चूत में उंगली की … और चूत को शांत करके वे भी सो गईं.

मुझे ये सब देख कर बहुत बुरा लगा.

कुछ देर बाद मैं भी सो गया.

सुबह चाचा जल्दी ही अपने काम पर चले गए और उनके जाने के बाद चाची भी नहाने चली गईं.

वो नहा कर आईं.

उन्होंने लाल रंग की साड़ी पहनी और मैचिंग का ब्लाउज मम्मों पर फंसाया.

इसके बाद चाची ने मुझे जगाया और नहाने भेज दिया.

मैंने बाथरूम में देखा तो पागल हो गया.

नीचे फर्श पर काली ब्रा और पैंटी पड़ी थी. वो चाची ने उतारी थी.

मैंने पैंटी को उठा कर सूंघा, क्या मस्त सुगंध आ रही थी.

फिर मैंने पैंटी को अपने  मुँह में डाला, तो चाची की चूत के रस का स्वाद आने लगा.

मुझे कल रात की याद आने लगी.

फिर मैंने उसे अपने लंड पर चढ़ाया और उसे पहने ही मुठ मार दी.

मेरा माल चाची की पैंटी में चिपक गया.

मैंने उनकी पैंटी को उतार कर फेंक दिया और मैं नहाने लगा.

अब मेरा मन चाची कों चोदने का होने लगा था.

मुझे उस दिन कोई भी ऐसा मौका नहीं मिल सका जिससे मैं चाची की चूत की तड़प को अपने लंड से शांत कर सकता.

शाम को मैं अपने घर आ गया.

मुझे अब चाची की चूत मारने का मौका ढूंढ रहा था.

फिर एक दिन उस वक्त सही मौका मिला.

हमारे रिश्तेदार के घर शादी थी, मेरे घर के सब लोग एक हफ्ते के लिए जाने वाले थे.

मेरे एग्जाम थे, जिस वजह से में नहीं गया था.

जाने से पहले मम्मी ने मेरे खाने का पूछा तो मैंने कह दिया मैं बाजार में खा लूंगा.

मगर मम्मी ने चाची को मेरे यहां रहने आने के लिए बुला लिया.

चाची के बच्चे अपने मामा के यहां गए हुए थे और चाचा को उनके काम से छुट्टी नहीं मिल पा रही थी. चाची ने मेरे घर आने को मान गई.

मैं इस बात से बेहद खुश हो गया कि अब मौका मिल सकता है.

मुझे पता था कि चाची आसानी से राजी नहीं होगी.

मेरे दिमाग में एक आइडिया आया.

मैंने चाची को सिड्यूस करने का सोचा.

अगले दिन सुबह ही चाची मेरे घर आ गई तो मैं उनके सामने सिर्फ एक तौलिया पहन कर नहाने जाने लगा और चाची से कहा- आप मेरे लिए कुछ नाश्ता बना दो चाची, मुझे एग्जाम देने जाना है.

मैं बाथरूम में नंगा नहा रहा था और मैं चाची को याद करने अपना लंड सहलाने लगा.

तभी मेरी नजर बाथरूम के दरवाजे के नीचे आ रही परछाई पर गई तो मैं समझ गया कि चाची भी चुदने के लिए तड़प रही है.

मैंने बाथरूम में लगे शीशे मै ध्यान से देखना शुरू किया तो समझ आया कि चाची के पैर थे. मतलब वो मुझे गेट की  दरार से नंगा देख रही थीं.

अब मैंने धीमी आवाज में चाची के लिए कहना शुरू कर दिया- हाय माया रानी … तेरी चूत में मुझे अपना लौड़ा पेल कर तुझे मस्त चोदने का दिल करता है. बस एक बार तुम हां कर दो …मैं तुम्हारी चूत की तड़प को शांत कर दूंगा. मुझे पता है कि चाचा के लंड में दम नहीं है. आह आह … आज पेपर से वापस लौट कर तुम्हारी चूत पेलने को मिल जाए तो सच में दिन बन जाए मेरा.

चाची मेरी बातो से गर्म हो गईं और उनकी गर्म गर्म सांसे मुझे सुनाई देने लगीं.

कुछ देर बाद मैं बाहर निकलने को हुआ तो चाची झट से चली गई थीं.

बाहर आते ही  मैंने अंजान बनकर अपना तौलिया एकदम से खोला और अपना लन्ड चाची को दिखाते हुए फिर से तौलिया पहन लिया.

चाची मेरे खड़े लौड़े को देख कर एकदम से चौंक सी गईं.

थोड़ी देर बाद मैं चला गया और चाची घर के कामों में लग गई.

उस दिन मेरा पेपर काफी जल्दी खत्म हो गया था तो मैं घर आ गया.

मैंने घर लौटकर चाची को आवाज लगाई तो चाची बोली – मैं बाथरूम में हूँ.

मैंने बाथरूम के पास जाकर गेट की झिरी से देखा, तो चाची अपनी चिकनी चूत में उंगली डाल रही थीं.

वो शायद मूतने गई थीं और चूत में उंगली डालने लगी.

मैं समझ गया कि चाची की चूत तड़प रही है और उनकी चूत को लंड की जरूरत है.

मैंने दरवाजे पर खड़े होकर कहा- चाची, मैं कोचिंग के लिए जा रहा हूँ.

चाची ने हां कह दी और मैं भी चला गया.

फिर मैं कोचिंग से जल्दी घर आ गया.

उस समय एक बजा था.

मैं घर के बाहर आया और बेल बजाई.

चाची ने गेट खोला तो मैं उन्हें निहारता ही रह गया. चाची पूरी भीगी हुई थीं.

मैंने पूछा तो वो बोलीं- मैं कपड़े धो रही थी, इसलिए भीग गई हूँ.

उन्होंने काली साड़ी अपनी नाभि के नीचे बांधी हुई थी और साड़ी को नीचे से उठा कर कमर में फसाया हुआ था जिससे उनकी मस्त मस्त टांगे दिख रही थीं.

चाची का गहरे गले वाला ब्लाउज भी पूरा भीगा हुआ और साड़ी का पल्लू भी उनकी कमर पर बंधा था जिससे चाची के मम्मे बड़े ही कातिल लग रहे थे.

मैं एक पल के लिए तो उन्हें देख कर मानो बौरा गया था.

चाची मुझे यूं देखती हुईं इठला कर बोलीं- जय, तू बड़ी जल्दी आ गया.

मैंने कहा- हां वो एग्जाम की वजह से कोचिंग में ज्यादा देर तक नहीं रुकता हूँ. बड़ी भूख लगी है चाची … जल्दी से कुछ खाना दे दो.

वो बोलीं- तुम कुछ देर बैठो, मैं कपड़े सूखने डालकर आती हूँ.

वो मुड़ीं, तो मैं पीछे से उनकी मटकती गांड की दरार को देखने लगा था.

कुछ देर बाद चाची आई तो वो अब पहले से भी ज्यादा गीली थीं.

और मुझे ऐसे ही गीली हालत में ही खाना परोस दिया.

मैं खाना खाने लगा.

चाची बोलीं- मैं साड़ी बदल लेती हूँ.

वो कमरे में चली गईं और दरवाजा बंद करना भूल गईं.

मैंने खुले दरवाजे से देखा कि चाची ने अपनी साड़ी उतारी, पेटीकोट ब्लाउज भी उतार दिया.

ये सीन देख कर मुझसे बिल्कंकुल भी कंट्रोल नही हुआ और मैं अन्द घुस गया.

वो मुझे अन्दर आता हुआ देख कर एकदम शर्माने की नौटंकी करने लगीं.

चाची बोलीं- जय तुम … तुम बाहर जाओ.

वो पिंक कलर की पैंटी और ब्रा में थीं और खुद को छुपाने का ड्रामा कर रही थीं.

मैं बोला- सॉरी चाची. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. प्लीज़ मुझे करने दीजिए.

ये कह कर मैंने उनको पकड़ लिया.

वे छूटने की नौटंकी करती हुई बोलीं- मैं तुम्हारी चाची लगती हूँ, थोड़ी तो शर्म करो.

उनके बोलने में ज्यादा दम नहीं था.

मैं कहा – चाची अगर शर्म करूंगा, तो मैं आपका दुख कैसे दूर कर पाऊंगा. आज तो मुझको आपके साथ सेक्स करना है, प्लीज़ मान जाओ ना.

वो कुछ नहीं बोलीं.

उनकी चुप्पी बता रही थी कि वो मुझसे से चुदने के लिए तैयार हो गई थीं.

मैंने उनकी चूचियों को दबाया तो वो खुल गईं और आह आह को आवाज करने लगीं.

मैंने कहा- चाची, लंड की जरूरत है न!

चाची कहती हैं- हां जय, जब से तुमने मेरी पैंटी में अपना माल गिराया था,तभी से मैं तुम्हारा लंड लेने के लिए तड़प रही हूँ.

मैं समझ गया कि चाची उसी समय से मेरे लौड़े के लिए मचल रही थीं.

मैं उनको कमरे में ले गया और बेड पर लिटा कर बोला- चाची, आप बहुत हॉट हो.

चाची बोलीं- आज से चाची नहीं माया बोला करो!

मैं बोला- ओके माया डार्लिंग.

हम दोनों लिपट कर चूमाचाटी करने लगे.

चाची ने मेरी पैंट उतार दी फिर शर्ट भी निकाल दी.

वो थोड़ा रुक गईं तो मैं बोला- अंडरवियर भी निकालो मेरी जान … तुम्हारा पसंदीदा लंड तो अंडरवियर में ही छिपा है.

चाची ने अंडरवियर भी उतार दिया.

जब मेरा 6 इंच लंबा लंड एकदम से बाहर आया तो चाची लंड हिलाती हुई बोलीं- कितना बड़ा है तुम्हारा. मुझे आदत नहीं है इतना बड़ा डलवाने की.

मैं बोला- आदत पड़ जाएगी चाची … मेरा भी पहली बार है. बस जरा चूत चोदना सिखा देना!

वो खुश होकर  बोलीं- मैं आज तुझे चोदना सिखा देती हूँ.

मैंने चाची की ब्रा ओर पैंटी निकाली.

उनकी चूत पर बाल नहीं थे.

फिर हम दोनों ने कुछ देर तक किस किया और मैंने उनके दूध पीना शुरू कर दिए.

वो मुझे दूध चुसवा कर मजा लेने लगीं.

फिर सेक्सी चाची ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और कुछ देर तक लंड चूसती रही.

इतने में ही मैं झड़ने को आ गया.

मैंने उनसे कहा, तो चाची बोलीं- मेरे मुँह में ही पानी निकाल दो.

तो मैंने अपने लंड का पानी चाची के मुँह में ही निकाल दिया.

वो सारा पानी पी गईं और बोलीं- मस्त माल है.

मैंने कहा- चाची मैं इतनी जल्दी क्यों झड़ गया?

चाची बोलीं- तेरा पहली बार है न इसलिए जल्दी निकल गया. मुझे फल ही मालूम था इसलिए मैंने जानबूझ कर ही तुम्हारा लंड खाली किया हैं. अब तुम मेरा कमाल देखो. इसे मैं कैसे खड़ा करती हूँ.

मैं बोला- ओके माया डार्लिंग, अपना कमाल दिखाओ.

चाची ने मेरा लंड फिर से अपने मुँह में ले लिया और मेरे लन्ड को लोलीपॉप की तरह चूसने लगीं. जवान लंड था तो जल्दी ही फिर से खड़ा हो गया.

अब चाची बोलीं- आ जाओ, मेरे ऊपर चढ़ जाओ.

चाची ने अपनी चूत को खोल कर हाथ फेरा और मुझे ऊपर चढ़ जाने का इशारा किया.

मैंने अपना लंड चाची की चूत पर रखा और चाची ने अपने हाथ से लंड पकड़ कर चूत की फांकों में सैट कर दिया.

उन्होंने इशारा किया तो मैंने झटका दे मारा.

मेरा आधा लंड चूत में अन्दर चला गया.

वो चिल्लाईं- आह आह बहुत बड़ा है तेरा … धीरे चोद साले.

मैंने फिर से झटका मारा. इस बार पूरा लंड अन्दर घुस गया.

चाची रोने लगीं.

मैंने उनके मुँह में मुँह लगाया और किस किया.

वो अब आवाज नहीं निकाल पा रही थीं.

मैंने उसी समय ताबड़तोड़ झटके मारने शुरू कर दिए.

वो कसमसाने लगीं.

फिर मैंने अपना मुँह हटाया तो चाची मस्त होकर ‘आह आह उंम्ह उंम्ह …’ करने लगीं.

धकापेल चुदाई चलने लगी.

लगातार 15 मिनट के बाद चाची झड़ गईं पर मेरा नहीं हुआ था.

वे हंस कर कहने लगी- अब तो चोदना सीख गया मेरे हीरो.

मैं उन्हें चूमने लगा और मस्ती से लंड अन्दर बाहर करने लगा.

चाची दूध पीते हुए चोदने का कहने लगीं.

मैंने उनके निप्पलों को चूसता हुआ उन्हें पेलने लगा.

फिर मेरा होने वाला था, मैं पूछा- रबड़ी किधर निकालूं डार्लिंग?

चाची बोलीं- अन्दर ही टपका दो राजा. कुछ नहीं होने वाला है मेरा ऑपरेशन हुआ है.

मैंने चाची की चूत में ही अपना माल डाल दिया और हम दोनों  नंगे ही चिपक कर सो गए.

एक घंटा बाद वो मुझे जगाती हुई बोलीं अब उठ जाओ … एग्जाम है पढ़ना नहीं है.

मैं बोला- हां, चाय बना लाओ.

वो कपड़े पहनने लगीं.

मैंने कहा- बाद में पहन लेना मेरी जान … नंगी ही बना लाओ.

चाची हसी और हम दोनों रसोई में नंगे ही चाय बनाने चले गए.

चाय पीने के थोड़ी देर बाद मैने चाची को  एक बार फिर से चोदा और नहाकर रेडी हो गए.

वो बोलीं- जय तुमने मेरी Xxx चूत की प्यास भुजा दी धन्यवाद. तुम्हारे चाचा से अब कुछ नहीं हो पाता.

मैं बोला- आप जब चाहो, बुला लिया करो.

अगले सात आठ दिनों तक हमने खूब चुदाई की. मैंने चाची की गांड भी मारी.

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