दोस्तो, मेरा नाम ऋषभ है. मेरी उम्र 20 साल की है. मैं अम्बाला से हूँ.
मेरे परिवार में हम चार लोग है. मैं, मेरे मम्मी पापा और एक मेरा छोटा भाई.
इस वक़्त मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ. आपको तो पता ही होगा कि कॉलेज की उम्र में चाचियों और भाभियों को देख कर ज्यादातर लंड खड़ा हो जाता है.
यदि उनकी साइड से जरा सी हरी झंडी जैसी कुछ दिखे, तो लंड फड़फड़ाने लगता है.
ये xxx चाची की चुदाई सेक्स स्टोरी लगभग 10 महीने पुरानी है. मेरा दिल मेरी चाची पर आया गया जो मेरी गली में रहती हैं .
उनका नाम ज्योति है. चाची की उम्र अभी 31 साल है.
उनका फिगर एकदम सेक्सी है.
वैसे तो चाची दिखने में थोड़ी मोटी हैं मगर उनके बड़े बड़े चूचों और मतकती हुई गांड देख कर किसी का भी लंड खड़ा हो जाए.
फिर हालात ये हो जाते थे कि बिना मुठ मारे चैन ही नहीं पड़ता था. तुरंत बाथरूम में जाकर अपने लौड़े को हिला कर शांत करना पड़ता था.
चाची को चोदने के बारे में सोचते हुए लन्ड हिलाने का मजा ही कुछ और था.
असली कहानी कुछ ऐसे शुरू हुई कि चाची की चाचा के साथ कम बनती थी, उनकी आपस में लड़ाई होती रहती थी.
अब चाचा ने टूरिंग का काम पकड़ लिया था तो वो ज्यादातर बाहर ही रहने लगे थे.
इसी वजह से चाचा जी मुझसे अपने घर रुकने के लिए कह जाते थे.
हमारे घर वालों की आपस में खूब बनती थी तो मेरी मम्मी भी मना नहीं करती थीं.
इधर मेरी नजर चाची पर पहले से थी. जब भी मैं चाची को देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
अब तो मानो जैसे मेरी मौज हो गई क्योंकि रात को अब मैं चाची के घर सोता था और चाची भी नाइटी पहन कर मेरे सामने आ जाती थीं.
टाइट मैक्सी में चाची के चूचों को देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो जाता था फिर मुझे हिलाने के लिए बाथरूम में जाना पड़ता था.
क्योंकि जब भी मैं चाचा के घर जाता था तो चाची मुझसे अपने ही कमरे में सोने को बोलती थीं.
उस कमरे में चाची और उनकी 4 साल की लड़की बिस्तर पर सो जाते थे और मैं पास में चारपाई पर सोता था.
कुछ दिन तक तो मैं चारपाई पर सो जाता रहा.
पर कुछ भी करके मुझे अब चाची को चोदना था तो मैंने सोचा कि अब चारपाई पर नहीं सोऊंगा.
अगर मुझे चाची के बड़े बड़े चूचों और मोटी गांड का मजा लेना है तो मुझे ही हिम्मत करनी होगी.
एक दिन मैंने बोल दिया- चाची चारपाई पर नींद नहीं आती है मुझे. मुझे बेड पर सोना है.
चाची बोली- कोई बात नहीं, तू भी बेड पर सो जा!
चाची ने अपनी बेटी को एक ओर लिटाया और मैं चाची के पास सो गया.
एक दिन तो ऐसे ही निकल गया.
जब दूसरे दिन मैं चाची के साथ बेड पर सोया तो मैंने अपनी हरकते शुरू कर दी.
तीसरी रात को मैंने अपनी एक टांग चाची की टांग पर रख दी और अपने हाथ को चाची के मोटे चूचे पर रख दिया.
बस मैं आंखें मूंद कर लेटा रहा.
जब कुछ देर तक चाची की तरफ से कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैंने आगे बढ़ने की सोची.
अब मैंने चाची के बड़े बड़े चूचे हौले हौले दबाना शुरू कर दिए.
मुझे उनके मम्मे की मुलायमियत बड़ी सुखद लग रही थी.
मैंने उनके चूचों को टटोलने लगा और जल्द ही मुझे चाची के चूचे का निप्पल मिल गया.
मुझे इस उम्र में झांट तमीज नहीं थी कि मम्मे का निप्पल कड़क होने का मतलब है कि लड़की या औरत को मजा आना शुरू हो गया है.
मैं अपने हाथ की दो उंगलियों से चाची के चूचे को मसल रहा था.
मुझे लग रहा था कि चाची घोड़े बेच कर सो रही है और उन्हें कुछ खबर नहीं है.
थोड़ी देर बाद मेरे लंड ने भी हरकत करनी शुरू कर दी तो मैंने भी पूरी तरह से मजे में मस्त हो गया .
अब मैं चाची की टांगों को धीरे से सहलाने लगा.
मैं धीरे धीरे चाची की मैक्सी को ऊपर करने लगा और उनकी टांग को अपनी टांग से रगड़ने लगा.
तभी चाची थोड़ी सी कसमसाई और मैंने अपनी हरकत थोड़ी देर रोक दी.
मैं अपना हाथ हटा कर सोने की एक्टिंग करने लगा ताकि उन्हें कुछ भी पता न लगे.
क्युकी ये मेरा पहली बार था तो मुझे भी बहुत मजा आ रहा था और मेरी सांसें भी तेज हो रही थीं.
मैं चुपचाप आंख बंद करके लेटा रहा चाची उठीं और उन्होंने अपनी मैक्सी ठीक की और फिर सो गईं.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर से उनके चूचों से खेलना चालू कर दिया.
ऐसा दो तीन बार हुआ.
मगर चाची ने कुछ भी विरोध नहीं किया.
इससे मेरी हिम्मत काफी बढ़ गई थी.
इस बार मैं उनके चूचे को रगड़ने का मजा ले रहा था कि चाची ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया.
मैं एकदम से डर गया.
चाची मेरी तरफ मुड़ गईं और बोलीं- साले, मजे लेने है तो खुल कर ले न … क्या ऊपर से दबा कर छोड़ देता है.
मैं उनकी बात सुनकर बहुत खुश हुआ और मैंने कहा- चाची, मुझे तो डर लग रहा था कि कहीं आप गुस्सा न हो जाओ. मैं तो कबसे आपको चोदना चाहता था. मगर गांड फट रही थी कि कहीं रायता न फ़ैल जाए.
चाची हंस कर बोलीं- साले, रायता नहीं फैलेगा. आ जा … चढ़ जा मेरे ऊपर और चोद दे मुझे. वैसे भी तू रोज मुट्ठी मारकर बाथरूम गंदा करता है.
मैं तो समझ गया कि आज ही मेरी चुदाई की इच्छा पूरी हो जाएगी.
अब मैं चाची को चूमने लगा.
चाची बोलीं- जरा रुक जा. पहले गुड़िया को चारपाई बिछा कर उस पर सुला देती हूँ.
उन्होंने गुड़िया को चारपाई पर लिटाया और मेरी तरफ देख कर अपने एक दूध को खुजाने लगीं.
मैंने उठ कर चाची के होंठों पर अपने होठ रखकर चूमने लगा.
चाची भी मेरा पूरा साथ दे रही थीं.
फिर मैंने चाची की नाइटी उतारी और उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया. और उन्हें चूमने लगा.
फिर चाची बोलीं- दूध नहीं चूसेगा?
मैंने कहा- हां क्यों नहीं चाची.
मैं चाची के एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे को धीरे धीरे मसलने लगा.
चाची के इतने बड़े बड़े दूध थे कि मेरे हाथ में भी पूरे नहीं आ रहे थे. चाची अपने हाथों से अपने दूध पकड़ पकड़ कर मुझे पिला रही थीं.
उन्होंने कहा- अभी तक किसे किसे चोदा?
मैंने कहा- चाची आज आप मेरे लंड का कर दो.
चाची ये सुनकर मुस्कुराई और कहने लगी-चलो आज मुझे भी कुंवारे लंड से चुदने को मिल जाएगा.
मैंने भी हंस कर उन्हें चूम लिया.
हम दोनों कुछ देर तक एक दूसरे को चूमते रहे. हम दोनों ही बहुत भूखे थे.
फिर मैं धीरे धीरे नीचे की तरफ आया और उनकी चुत को सहलाने लगा.
उन्होंने पिंक पैंटी पहनी हुई थी जिसमें उनकी चुत फूली हुई लग रही थी.
मैंने अपने हाथ से चुत को सहलाया तो उनकी पैंटी गीली होने लगी.
मुझे चूत चाटने में बहुत मजा आता है, पर आज तक चाटने को नहीं मिली थी मगर ये मेरी फैंटसी थी कि मुझे चूत चाटने का मजा लेना है.
मैं पैंटी के ऊपर से ही चाची चूत को चाटने लगा.
इससे चाची तड़पने लगीं और उनके मुँह से आंह आह की आवाज आने लगी.
चाची की चुत के पानी का स्वाद मेरे मुँह में आ रहा था.
फिर मैंने उनकी पैंटी उतारी और उनकी चूत को निहारने लगा.
उनकी चुत पर छोटे छोटे बाल थे.
मैंने उनकी झांट के बाल हल्के से खींच दिए तो चाची ने मचल गई.
उन्होंने मेरी तरफ थोड़े गुस्से में देखा और बोलीं- साले क्या करना चाहता है तू?
मैं माफी मांगने लगा. मैं फिर से उनकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर धीरे से उनकी चूत चाटने लगा.
अब चाची पागल होने लगीं.
मुझे चूत चाटने में बड़ा आनंद आ रहा था.
कुछ देर बाद चाची ने मुझे अपनी चुत से हटाया और बोलीं- अब तू असली मजा ले!
ये बोलते ही चाची मेरे ऊपर आ गईं और मेरा लोअर उतार दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को जोर से दबाने लगी
उनके लंड दबाने से मुझे बहुत तेज दर्द हुआ तो मैंने चाची को गाली दे दी-साली रण्डी पागल है क्या तू… मेरा लंड तोड़ेगी क्या?
चाची ने मुस्कुराकर कहा-अब पता चला कि झांट के बाल नोचने में कितना दर्द होता है.
मैं कुछ नहीं बोला.
चाची बोली- चल कोई न … अभी तेरे लंड को मैं ठीक किए देती हूं.
चाची ने मेरा अंडरवियर नीचे किया और मेरा लंड मुँह में ले कर चूसने लगी.
मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे लंड को इतना बड़ा सुख मिलने वाला है.
चाची जोर जोर से लंड चूसने लगी थीं.
मुझे लगने लगा था जैसे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया हूँ.
कुछ मिनट बाद मैं झड़ गया और चाची मेरा सारा माल खा गईं.
कुछ देर के बाद चाची ने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब हम दोनों गर्म हो चुके थे.
चाची बोली- ऋषभ, अब जल्दी से मेरी चूत में अपना लंड डाल दो … मुझसे नहीं रहा जा रहा चूत में बहुत आग लगीं है.
मैंने बोला- चाची, आप की इच्छा में अभी पूरी किए देता हूं .
फिर मैंने चाची की चूत पर अपना लंड रखा और सहलाने लगा.
चाची अपनी गांड उचकाकर कहती है- बहनचोद अब अंदर डाल भी दे.
ये सुनते ही मैंने एक जोरदार धक्का दिया और लंड एक ही झटके में पूरा अन्दर चला गया.
और चाची के मुँह से अहह निकल गई.
चाची की चूत थोड़ी सी टाइट थी.
मेरा पहली बार था, इसलिए मुझे भी दर्द हुआ.
पर उस वक़्त तो चुत का नशा सवार था तो दर्द का कुछ पता नहीं लगा.
मैं धीरे धीरे चाची की चूत मरने लगा और उनके दूध पीने लगा.
मैंने चाची को 10 मिनट तक चोदा. फिर चाची मेरे ऊपर चढ़ गईं और उछलने लगीं.
मैं चाची की लंड की सवारी के मजे लेने लगा.
फिर मैंने चाची को घोड़ी बनने को कहा और चाची को चोदने लगा.
कुछ देर बाद मेरा लावा निकलने वाला हुआ फिर मैंने चाची से पूछा कि पानी किधर निकालू?
चाची ने कहा- अन्दर ही छोड़ दे, मैं गोली खा लूंगी.
मैंने 10-15 धक्के लगाए और चाची के अन्दर ही रस छोड़ दिया.
हम दोनों थक कर लेट गए.
फिर कुछ देर के बाद हमने एक बार और चूत चुदाई का मजा लिया और नंगे ही सो गए.
उसके बाद मैंने चाची को बहुत बार पेला पर अब वे मना कर देती हैं.
और कहने लगती है कि ये गलत है, जो हो गया, सो हो गया मगर अब नहीं हो सकता.
दोस्तो, बताओ अब मैं कैसे उन्हे चुदने के लिए राजी करू, मेरा चोदने का मन करता है.
मेरी तमन्ना है कि मैं भी किसी जवान लड़की या भाभी की चूत का स्वाद चखू.