कुंवारी साली की सील तोड़ चुदाई Hindi sex story

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jwan sali ki chudai

मेरा नाम राहुल है, मेरी उम्र 30 साल है और मैं गुरुग्राम में रहता हूँ. मैं दिखने में ठीक ठाक हूँ और मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है.

मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और शादीशुदा हूँ.

ये जीजा साली Xxx स्टोरी लॉकडाउन से पहले की एक सच्ची घटना है, जो मेरे साथ हुई थी.

ये सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी साली के बीच चुदाई की है.

उसका नाम दीपिका है और वो 24 साल की एकदम जवान कुंवारी लड़की है.

दीपिका की लंबाई लगभग 5 फुट 6 इंच है. उसका रंग एकदम गोरा है और 28-30-32 का लजवाव फिगर है. दीपिका दिखने में इतनी सुंदर है उसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था. जब से मैंने उसे देखा तब ही से सोच लिया था कि इसको तो कुछ भी करके चोदूंगा ही.

जनवरी में मेरी साली हमारे घर पर रहने आई थी. वो बहुत फ्रेंड्ली नेचर की है और बहुत हॉट है. उसे छोटे कपड़े पहनना बहुत पसंद है और ज़्यादातर वो शॉर्ट्स ही पहनती है.

मैंने उसको नहाते हुए भी कई बार देखा है, सच में क्या गजब माल है. उसकी दूध सी गोरी टांगें और जांघें देख कर मैंने कई बार मुठ मारी है.

अब जीजा और साली में मज़ाक होता ही रहता है. इसलिए कई बार मैं उससे चिपक कर सो जाता तो वह कभी बुरा भी नहीं मानती थी.

एक दिन मैंने उससे कहा- इतनी बिंदास रहती हो, कोई पीछे पड़ गया … तो लेने के देने पड़ जाएंगे.

वो बोली- कौन पड़ जाएगा पीछे!

मैंने कहा- मतलब आगे पड़ जाएगा.

वो अनजान की तरह मुझे देखने लगी और कहने लगी- आप क्या बोल रहे हैं सब मेरे ऊपर से जा रहा है.

मैंने कहा- समझना चाहोगी तो नीचे से भी गुजर जाएगा.

वो उल्लुओं से आंखें झपकाने लगी.

मैं हंस दिया और उससे कहा- सच में तुम ‘सी ..’ हो.

वो बोली- अब ये ‘सी ..’ क्या होता है?

मैंने कहा- खुल कर बता दूँ क्या?

वो बोली- हाँ बताओ जीजू?

मैंने कहा- बुरा तो नहीं मानोगी?

वो बोली- नहीं मानूँगी … आप कहो तो.

मैंने कहा- सी मतलब चूतिया.

वो एकदम से भड़की और मुझे मुट्ठी दिखते हुए बोली- मतलब आपने मुझे चूतिया बोला.

मैंने हंस कर कहा- हां तुम हो चूतिया.

वो बोली- वो कैसे?

मैंने कहा- कुछ समझती ही नहीं हो.

वह बोली- जीजू आप मुझे अच्छे से समझाओगे,  तो मैं कुछ समझूंगी.

तभी मेरी बीवी आ गई और मैंने बात घुमा दी.

इधर एक बात मैंने नोट की कि दीपिका ने भी एकदम से बात बदल दी थी.

मेरी बीवी बोली- क्या समझाने की बाते हो रही है जीजा और साली में?

उसने कहा- एक गणित का सवाल था दीदी. मुझे आ नहीं रहा था, तो मैं बोल रही थी कि समझाओ मुझे.

मैं दीपिका की इस चतुराई से चौंक गया था. वो मेरी तरफ देख कर हस रही थी.

बीवी वापस किचन में चली गई, तो मैं उसकी तरफ प्रशंसा से देखने लगा.

वो धीमे से बोली- अब बताओ कि सी कौन है?

मैं हंस दिया और मैंने कान पकड़ कर उससे हार मानने का इशारा कर दिया.

वो कहती है- अरे जीजू … मैं सब कुछ समझती हूँ, बस आप ही नहीं कुछ भी समझते हो.

मैंने अपने लौड़े पर हाथ फेरा और उसकी तरफ हवस भरी नजरो से देखने लगा.

वो बोली- बस हाथ ही फेरने से कुछ नहीं होगा.

मैं समझ गया कि वो मेरे लंड से चुदने को तैयार है.

अभी कुछ बोलने के लिए मैंने मुँह खोला ही था कि वो मेरी बीवी को आवाज लगाने लगी- आप अकेली वहा पर क्या कर रही हो, मैं भी आ जाऊं क्या?

मेरी बीवी की आवाज आई- हां आ जाओ.

वो चली गई पर मेरा लंड खड़ा कर गई.

मैंने बाथरूम में जाकर खुद को ढीला कर लिया.

शायद उसने मुझे बाथरूम में जाते हुए देख लिया था.

जब मैं बाहर आया तो उसने मेरी चुटकी ली- हाथ धो आए जीजू, चलो गर्म गर्म भजिया खा लीजिए.

उसकी इन दो तरह की  बातों से मेरे अन्दर आग सी लग गई और मैंने सोच लिया कि जब भी मुझे मौका मिलेगा इसकी चुत को फाड़ दूंगा.

वो मुझसे अब इसी तरह की कामुक बातें करने लगी थी.

एक दिन मैंने भी उससे अकेले में चूम लिया था, जिस पर वो ये कहते हुए भाग गई थी कि थोड़ा सब्र रखो.

अब सब्र किसे था.

मगर मौक़ा मिल ही गया.

उस दिन मेरी वाइफ को कहीं अर्जेंट काम से जाना था, तो वो सुबह ही निकल गई. उसे शाम तक आने का था.

तो मुझे लगा ये अपनी साली को रगड़ने का बिल्कुल सही मौका है. मैं सुबह बीवी को ड्रॉप करके वापस आया, तो मेरी साली बिस्तर पर सो रही थी.

मैं भी उसकी रज़ाई में घुस गया और उसको पीछे से बांहों में ले लिया.

उसकी कसी हुई गांड मेरे लंड से रगड़ रही थी इससे मेरा लंड कड़क होने लगा. मैं अपने हाथों से उसके चूचे दबाने लगा.

जैसे ही उसको मेरा लंड चुभा और उसने गांड थोड़ी पीछे की. जिस वजह से मेरा लंड उसकी गांड में ज़ोर से चुबने लगा और वो एकदम से आगे की तरफ हो गई.

इससे मैं डर गया कि उसने मेरी ये हरकत का बुरा तो नहीं मान लिया.

पर जब वो कुछ बोली नहीं और नींद का ड्रामा करके सोती रही.

तो मुझे लगा ये इसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल है.

मैंने दोबारा से उसे जकड़ लिया, पर डर के मारे ज़्यादा कुछ नहीं किया.

कुछ देर बाद मैं अपने कमरे में चला गया और रज़ाई में नंगा होकर उसको याद करके लंड हिलाने लगा ।

मैं इतना मगन था कि मैंने टाइम पर ध्यान ही नहीं दिया. वो उठ गई थी और मेरे कमरे के गेट पर खड़ी थी.

वो मुझे फटी हुई आंखों से देख रही थी. मैंने उसको देखा और झेंप गया.

वो भी आंख दबा कर चली गई.

मुझे लगा साली कहीं मेरी बीवी को सब बता न दे.

मैंने हिम्मत जुटाई और उसके कमरे में चला गया.

वो बैठी हुई थी और किसी सोच में डूबी थी.

मैंने गेट पर नॉक किया, तो वो बोली- अरे जीजू आप … अन्दर आ जाओ न!

मैं- तुम मेरे कमरे में आई थी, कुछ काम था क्या!

दीपिका- नहीं, मैं तो बस नाश्ते के लिए पूछने आई थी, पर आप तो कहीं और ही बिज़ी थे.

ये कह कर वो मुस्करा दी.

मेरे दिमाग़ की घंटी बजी.

मैंने कहा- हां, मैं तो तुम्हारे ही ख्याल में था.

ये कहते हुए मैं उसके पास जाकर बैठ गया.

दीपिका ने कहा- अच्छा, ऐसा आप क्या सोच रहे थे, जो …

मैंने उसकी बात काटते हुए कहा- यही कि इतनी खूबसूरत जवान हसीना के साथ क्या क्या हो सकता है.

दीपिका- अच्छा तो क्या करना चाहते हो!

उसकी आंखों में एक चमक थी और सांसें भारी हो उठी थीं.

मैंने कहा- जो तुम चाहो.

ये कहकर मैं उसके और करीब हो गया.

हम दोनों इतने करीब थे कि हम दोनों एक दूसरे की गर्म सांस को महसूस कर सकते थे. हम दोनों की आंखों में एक नशा सा था.

दीपिका- पर ये तो दीदी के साथ धोखा होगा, मैं ये सब कैसे कर सकती हूँ.

मैं- धोखा तब होगा, जब उसको पता चलेगा.

ये कहकर मैंने उसको बांहों में भर लिया और सीने से लगा लिया.

उसकी गर्म सांसें मेरी छाती पर टकरा रही थीं और मैं उसके बालों को सहला रहा था; अपनी उंगलियां उसकी गर्दन में घुमा रहा था.

हम दोनों काबू में नहीं थे. जैसे बस अब हम दोनों यही चाहते थे. उसके कांपते होंठों पर मैंने अपने होंठ रख दिए और किस किया.

हवस मेरे ऊपर भी हावी हो चुकी थी और उस पर भी.

मैंने देर ना करते हुए उसके कपड़े खोल दिए और अपने भी … अगले कुछ पलों में हम दोनों नंगे रज़ाई के अन्दर चिपके हुए थे. हम दोनों की गर्म सांसें टकरा रही थीं.

फिर मैंने उसके एक मम्मे को दबाया, तो उसने मुझे अपनी बांहों में और जोर से कस लिया.

मैंने अपना शादी का एक्सपीरियेन्स इस्तेमाल किया और झट से नीचे हो गया. मैंने उसकी टांगों के बीच में जाकर अपनी जीभ का कमाल दिखाया.

जैसे ही उसकी मखमली गुलाबी चुत को मैंने किस किया और धीरे से अपनी जीभ फिराने लगा. जिससे थोड़ी ही देर में उसकी पीठ एक दम से अकड़ने लगी, जैसे उसके पूरे शरीर में कोई करेंट सा लग गया हो.

उसने अपने हाथों से मेरे बाल जोर से पकड़ लिए और अपनी चुत में मेरा सर दबाने लगी.

मैंने लगभग 10 मिनट तक उसकी चुत चूसी. वो इस दौरान कांपती रही और बाद में एंजाय करने लगी.

थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी छोड़ा, तो मैंने रस चूस लिया और चुत रस से गीले होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

उसने होंठ खोले तो मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल कर उसे किस की.

कुछ देर बाद दीपिका ने मेरे कान में कहा- अब मेरी बारी.

तो मैंने खुशी खुशी उसके मुँह में अपना लौड़ा दे दिया और वो मजे से मेरे लंड को चूसने लगी.

मैं सातवें आसमान पर था. मैं अपना लंड चुसवाते हुए उसके मम्मे और मटकती गांड से खेल रहा था.

थोड़ी देर तक मेरा लंड चूसने के बाद वो कहती है- जीजू मुझे चोदोगे नहीं?

मैंने कहा- नेकी और पूछ पूछ.

मैंने तुरंत उसको नीचे लिया और तकिया उसकी गांड की नीचे लगा दिया. मैंने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटाया और अपना लंड सैट किया फिर एक ही जोरदार शॉट में पूरा लंड चुत में पेल दिया.

वो अपनी एकदम कुंवारी टाइट चुत में मोटा लंड एकदम से लेकर चीख उठी और रोने लगी.

पर हवस मेरे ऊपर इतनी भारी थी कि मैं रुका ही नहीं. उसकी चुत में अपने लंड से जोरदार शॉट देने लगा.

थोड़ी देर बाद वो भी रिदम में आ गई और साथ देने लगी. पूरा कमरा हमारी चुदाई के शोर से गूंज रहा था.

फिर मैंने उसको अपने ऊपर आने को कहा. वो मेरे लौड़े पर बैठ गई और मेरे लंड पर अपनी गांड उछालने लगी.

उसके मस्त मुलायम मम्मों को मैं दबाने लगा और चूसने लगा सच में अपनी साली की कुंवारी चुत चोदने में मुझे अलग ही सुख मिल रहा था.

फिर मैंने उसको घोड़ी बनाकर चोदा, उसके बाल पकड़ कर चुत में अपने लंड से शॉट पर शॉट मारने लगा.

वो भी जोर जोर से आवाजे निकलने लगी- आह जीजू … और तेज़ और चोदो मुझे … प्लीज़ ऊऊहह जीजू … प्लीज़ और तेज.

ऐसे करते करते वो झड़ गई.

अब मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने पूछा- रस कहां निकालूं जानू?

वो उठ कर घुटने के बल बैठ गई और उसने अपना मुँह खोल दिया.

मैंने भी अपना लंड उसके मुंह में डाल दिया और मुँह चोदने लगा. मैंने अपने लन्ड का सारा वीर्य उसके मुंह में ही निकाल दिया.

हम दोनों हांफते हुए बिस्तर पर गिर गए.

बाद में देखा कि उसकी कुंवारी चुत की सील टूट चुकी थी और खून की बूंदों से चादर भी खराब हो गई थीं. उसने तुरंत चादर बदली और मुस्कुरा दी.

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