दोस्तो, नमस्कार. मैं शिवाली ग्रोवर एक और नई स्टोरी लेकर आई हूँ. मैं आशा करती हूँ कि यह वर्जिन सिस्टर सेक्स स्टोरी आपको पसंद आएगी. इस सेक्स स्टोरी के पात्र बहन और भाई हैं. बहन का नाम शीना उम्र 22 साल की दिल्ली की रहने वाली है.
दूसरा पात्र पीयूष जो शीना का भाई है. उसकी उम्र 25 साल है.
शीना की फिगर 36-32-36 का है, शीना दिखने में बहुत ही सेक्सी माल है.
उसकी आंखें तो इतनी नसीली हैं कि एक बार जो नजरें मिला ले, तो वो उसी का दीवाना हो जाए.
उसकी मोटी गांड देखकर किसी भी व्यक्ति का लंड खड़ा हो जाएगा.
शीना बैंगलोर में आइटी की पढ़ाई करती है और पीयूष भी बैंगलोर में ही किसी बड़ी कंपनी में इंटर्नशिप करता है.
दोनों भाई बहन आपस में बहुत प्यार करते है, दोनों ही खुले विचारों के हैं. इन्होंने बैंगलोर में फ्लैट किराए पर ले रखा है.
क्योंकि हॉस्टल में बहुत रोक टोक होने की वजह से इतनी आज़ादी नहीं मिल पाती है इसलिए फ्लैट लेना इन्हे ज्यादा सही लगा.
अपने इस फ्लैट में शीना बहुत ही सेक्सी कपड़ों में रहती है. वो ज्यादातर शॉर्ट्स ही पहनती है, जिसमें थोड़ा भी झुकने पर उसकी पैंटी साफ दिख जाती है.
लेकिन पीयूष ने कभी भी शीना को सेक्स की निगाहों से नहीं देखा था.
एक दिन शीना पान वाले की दुकान से सिगरेट ले रही थी तो पीयूष भी वहा पहुंच गया.
शीना अपने भाई को मिली और जाने लगी.
जाते समय पान वाला शीना की मतकती हुई गांड देख कर पगला रहा था.
जिस पर पीयूष को थोड़ा गुस्सा भी आया.
लेकिन वो फालतू मे उससे झगड़ना नहीं चाहता था.
पीयूष पान वाले से बोला- क्या देख रहा ही भाई?
तो पान वाला कहता है- भैया आपकी गर्लफ्रेंड दिखने में बहुत ही हॉट है. अगर मेरी ऐसी सेक्सी गर्लफ्रेंड होती, मैं तो उसे पूरी रात नंगी करके चोदता, साली को कपड़े तक न पहनने देता.
यह बात सुनते ही पीयूष के शरीर में आग सी लग गई लेकिन फिर उसने सोचा कि यह तो मेरी बहन है इसके बारे में मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए.
वो वहां से चल पड़ा.
अब पीयूष की रात की नींद उड़ गई थी. उसके दिमाग में शीना की गांड और चूचे आ रहे थे.
तो भी उसने कुछ भी ऐस नहीं किया, जिससे उसकी बहन उससे चुद जाए.
एक दिन पीयूष ऐसे ही फ्री बैठा शीना के लैपटॉप में काम कर रहा था.
उस दिन इंटरनेट कुछ स्लो चल रहा था. तो उसने हिस्टरी चैक की, तो चौंक गया.
शीना ज्यादातर बार sex stories ही पढ़ती थी।यह देखकर पीयूष शॉक हो गया.
तब उसे पता चला कि उसकी बहन भी सेक्स के लिए बड़ी उत्सुक है. क्यों ना मैं भी एक बार कोशिश कर के देख ही लेता हूँ.
अपनी वासना को और भड़काने के लिए वह भी रंगीलीरात पर भाई बहन की सेक्स की कहानी पढ़ना चालू कर दीं.
इससे उसका लंड कड़क होने लगा और उसने शीना की टाइट चूचियों और मोटी गांड को याद करके मुठ मार दी.
अब पीयूष बार बार शीना से टकराने का मौका देखता और उसकी गांड और चूची को मसल देता.
वो अपनी बहन शीना के साथ और भी बहुत कुछ करना चाहता था लेकिन वो अभी उससे सेक्स के लिए कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था.
शाम को शीना कुछ शॉपिंग करने के लिए जा रही थी, तो उसने पीयूष को भी अपने साथ में आने को कहा. वहां पर शीना को ब्रा पैंटी लेनी थी.
उसने पीयूष से पूछा कि कौन अच्छी है?
तो पीयूष ने कहा- ये सब बेकार हैं, तुम थोंग वाली खरीद लो.
यह सुनते ही शीना चौंक गई कि ये क्या हो गया भईया को.
वो हैरानी से अपने पीयूष को देखने लगी.
पीयूष भी हस्ते हुए बोला- तूने पूछा तो कह दिया. ले ले ना, पहनने में और मजा आएगा.
शीना ने हंसते हुए एक थोंग पैंटी उठाई और पूछा- ठीक है, अब कलर बताओ कौन सा सही लगेगा ?
पीयूष ने उंगली रखते हुए एक लाल रंग कि पैंटी लेने के लिए कह दिया.
शीना ने लाल और काली दो कलर की थोंग पैंटी ले लीं.
फिर जब घर आकर शीना ने वो पैंटी ट्राई की, तो उसको अपनी गांड में कुछ अजीब सा लगा. वो चेंज ही कर रही थी.
तभी पीयूष कमरे में आकर उसेसे बोला- हॉट लग रही है.
शीना बोली- मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा है.
पीयूष- कोई न, यही पहन कर रख, धीरे धीरे तुमको मजा भी आने लगेगा.
शीना भी मुस्करा दी.
एक दिन पीयूष ने शीना की पैंटी पर खुजली वाली दवाई लगा दी, जिस वजह से शीना की चूत में बहुत खुजली होने लगी थी. उसका हाथ खुजली की वजह बार बार चुत पर जा रहा था.
उसे चूत खुजाते देख पीयूष बोला- क्या हुआ … उधर खुजा क्यों रही है?
शीना चूत खुजाते हुए कहती है- भैया लगता है मेरी चूत में इन्फेक्शन हो गया है.
पीयूष बोला- दिखाओ जरा!
शीना बोली- नही यार, वो जगह नहीं दिखा सकती हूं.
पीयूष बोला- कोई बात नहीं तुम मेरी छोटी बहन हो, मुझे तो दिखा ही सकती हो.
इस पर शीना हल्की सी मुस्कुरा दी और कहती है- नहीं भैया, ऐसा नहीं है. मगर पता नहीं क्यों … खुजली बहुत ज्यादा हो रही है.
फिर पीयूष ने अपने प्लान के हिसाब से उसको एक लोशन दिया और लगाने को कहा. और खाने के लिए एक वियाग्रा की टैबलेट दे दी और कहा कि इससे खुजली ठीक हो जाएगी.
शीना को नही पता था कि वो इन्फेक्शन की नहीं वियाग्रा की दवा खा रही है.
शीना गोली खाकर सोने चली गई.
करीब 15-20 मिनट बाद गोली का असर चालू हो गया. शीना की चुत में इन्फेक्शन की खुजली तो बंद हो गई, पर अब उसकी चूत में लंड डलवाने के लिए खुजली चालू हो गई .
अब उसकी नींद भी उड़ चुकी थी.
वो भाई से कुछ बोल भी नहीं सकती थी कि उसे क्या महसूस हो रहा है.
तभी पीयूष ने पूछा- क्या हुआ अब तुम ठीक तो हो?
तो शीना ने जी दिया- पता नहीं भाई, बहुत अजीब सा लग रहा है.
अपने प्लान के मुताबिक पीयूष ने शीना को पीछे से हग कर लिया और ये कहते हुए लेट गया- मेरे साथ लेट जाओ, सब बेचैनी दूर हो जाएगी.
उसने पानी बहन को से तरह पहले भी हज़ारों हग बार किया था, इसलिए ये बात उन दोनों के लिए एक सामान्य सी बात थी.
लेकिन वियाग्रा के असर की वजह से जैसे ही पीयूष ने शीना को हग किया तो उसके पूरे बदन में एक चिंगारी दौड़ गई.
फिर आज पीयूष का लंड भी कुछ अकड़ा हुआ था.
कुछ ही देर में पीयूष का 8 इंच का लन्ड शीना की गांड के छेद में चुभने लगा , जिससे शीना की सांसें और भी तेज़ हो गई.
पीयूष ने शीना के कंधे पर अपना हाथ रख दिया और उसे सहलाने लगा.
अचानक से पीयूष ने अपना हाथ नीचे की तरफ किया और उसके चूचों के क्लीवेज को टच करने लगा.
शीना की सांस और तेज़ होने लगीं.
तभी एकदम से शीना बोली- भैया मुझे लगता है बिस्तर पर चूहा घुस गया है, वो मुझे पीछे से चुभ रहा है.
पीयूष बोला- अरे कोई चूहा नहीं है यहां, ये बस तुम्हारा वहम है.
थोड़ी देर बाद शीना अपना एक हाथ पीछे करके पीयूष के लौड़े को, जिसको वो चूहा समझ रही थी … हटाने लगी, तो उसका हाथ सीधा अपने भाई के लौड़े से टकरा गया.
वो हैरान हो गई और शर्मा गई. और शर्माकर बोली- भैया यह चूहा नहीं है, यह तो वो है.
पीयूष बोला- क्या है?
वो बोली- मुझे नहीं पता आप बड़े बेशर्म हो.
पीयूष बोला- मैं क्या बेशर्म हूँ … बताओ न, किसकी बात कर रही हो?
शीना बोली- मुझे शर्म आ रही है.
पीयूष उसके चूचे पर हाथ फेरते हुए बोला- अरे शर्माओ मत बताओ ना प्लीज.
शीना बोली- अरे वही … जो सबका बॉडी पार्ट होता है.
लेकिन पीयूष उससे कहलवाना चाहता था, ऊपर से वायग्रा का असर भी अब शीना पर चढ़ चुका था.
शीना धीरे से बोली- आपका लन्ड तो बहुत बड़ा है.
उसने शरमाते हुए ये बोल कर अपनी आंखें बंद कर लीं.
पीयूष उसे अपनी बांहों में भरता हुआ बोला- मुझे सुनाई नहीं दिया, थोड़ा ऊंचा बोलो.
तभी शीना बोली- आपका लौड़ा.
पीयूष बोला- और ऊंचा बोलो.
तो शीना ने जोरदार आवाज में तीन बार बोला- आपका लन्ड … आपका लन्ड … आपका लन्ड बहुत बड़ा है.
ये कहते हुए वो शर्मा गई.
पीयूष बोला- हां यह हुई न बात.
अब पीयूष का एक हाथ शीना के चूचों को जोर से दबा रहा था और शीना उसको वियाग्रा के असर की वजह से मना नहीं कर पा रही थी.
पीयूष बोला- मेरे लौड़े को हाथ में लेकर कैसा लगा?
शीना बोली- बहुत अच्छा.
पीयूष बोला- तुमने मेरा लन्ड तो हाथ में ले लिया है. अब मुझे तुम्हारी चूत भी देखने दो.
थोड़ी देर तक मना करते करते शीना ने हां कह दी. तभी पीयूष बैठ गया और शीना की स्कर्ट को उठाकर उसकी पैंटी उतार दी.
शीना नीचे से नंगी हो गई थी.
उसकी सफाचट मुलायम चुत देख कर पीयूष ने एक पल की भी देर न की. उसने तुरंत ही शीना की चूत पर अपना मुंह रख दिया और चीब डालकर चाटने लगा.
शीना को इस हमले के लिए तैयार न थी, वो मचल उठी. शीना मचलते हुए बोली-ओह भैया यह आप क्या कर रहे हो … ओह हटो न … वो जगह गंदी है अपनी जीब वहां से हटाओ.
लेकिन पीयूष कहां रुकने वाला था. ऐसी चिकनी गुलाबी चूत को वो किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ने वाला था.
कुछ देर में शीना का विरोध खत्म हो गया और वो मस्त आवाज में सिसकारियां लेने लगी जिससे पूरा कमरा गूंजने लगा.
पीयूष ने अपनी जीभ शीना की गुलाबी बुर में डाल दी.
कुछ देर बाद ही शीना कि चुत ने सारा माल छोड़ दिया।
पीयूष शीना की चुत का रसपान कर गया.
अब शीना भी तरोताज़ा महसूस कर रही थी.
पीयूष ने पूछा- मजा आया?
तो वो बोली- हां … बता नहीं सकती मैं कितना मजा दिया है आज अपने मुझे.
तभी पीयूष बोला- तो अब मेरा भी लन्ड अपने मुँह में लेकर चूस दो.
शीना बोली- छी: … ये गंदा काम मुझसे नहीं होगा.
पीयूष बोला- सही है अपना काम निकलवा लिया और अब मना कर रही हो.
वो मुसुकुरा दी.
तभी पीयूष ने अपना मुँह शीना के दूध पर रखा और उसके निप्पल मुंह में लेकर चूसने लगा.
शीना पर वियाग्रा का असर तो पहले से ही था. कुछ ही मिनट में शीना फिर से तैयार हो गई. अब पीयूष ने धीरे से अपना लन्ड निकाला और उसके मुँह पर रखकर हिलाने लगा तथा उसके होंठों पर फिराने लगा, जिससे शीना और भी ज्यादा गर्म हो गई.
दोनों भाई बहन अपना रिश्ता भूल गए थे.
पीयूष का लन्ड देख कर शीना उससे बोली- भाई, आपका इतना मोटा लन्ड मेरे मुँह में नहीं घुसेगा.
वो अपनी जीभ से ही पीयूष के लन्ड के टोपे पर चाटने लगी जिससे पीयूष का लन्ड और ज्यादा कड़क हो गया.
शीना अपने पीयूष का लन्ड धीरे धीरे करके अपने मुँह में लेना शुरू किया.
पीयूष शीना के मुँह को चोद रहा था और उसके चूचों को दबा रहा था.
कुछ ही देर में दोनो मस्ती में आ गए और अब शीना पीयूष का लुंड चूस रही थी जैसे कोई लॉलीपॉप चूस रही हो.
फिर पीयूष ने अपना लन्ड शीना के मुँह से निकाला अब वो उसकी चूत पर अपना लन्ड घिसने लगा.
शीना ने अपनी गुलाबी चूत का मुँह खोल दिया.
पीयूष शीना की चुत पर अपन लंड रख कर रगड़ने लगा.
अचानक शीना को कुछ याद आ गया और वो बोली- नहीं भैया, यह सब नहीं … आपका लौड़ा बहुत बड़ा है और मेरी चुत अभी तक कुंवारी है. प्लीज़ नहीं … बहुत दर्द होगा.
पीयूष पूरे जोश में था; वो बोला- कभी ना कभी तो तुम्हे लंड अपनी चूत में डलवाना ही पड़ेगा … क्यों ना आज तुम मेरा लंड ही अपनी चूत में ले लो. मैं भी अभी कुंवारा ही हूँ. हम दोनों की सील भी एक साथ टूट जाएगी … और मजा भी आएगा.
शीना मन होते हुए भी मना करती रही.
पर उसने अपना लन्ड शीना की गुलाबी चूत की दरार में फंसा कर एक झटका दे मारा.
पीयूष का लंड जैसे ही शीना की चुत में घुसा तो उसकी चीख निकल गई- आह मर गई … प्लीज छोड़ दो मुझे… मर गई मम्मी मैं … मेरी चुत फाड़ दी रे … मेरी चुत फट गई.
लेकिन अब कहां कुछ होने वाला था.
पीयूष रुक गया और शीना के चूचों को पीने लगा. वो उसके होंठों पर किस करने लगा.
धीरे धीरे शीना का दर्द कम हुआ, तो एकदम से पीयूष ने दूसरा झटका और दे दिया. इस बार पीयूष का आधा लन्ड शीना की चूत में घुस गया था.
शीना दर्द से छटपटाने लगी.
पीयूष रुका नहीं, और उसने एक ही झटके में पूरा लंड शीना की चूत में पेल दिया.
शीना की जान निकल गयी वो लगभग बेहोश सी हो गई.
ये देखकर पीयूष थोड़े समय के लिए रुक गया.
कुछ समय बाद शीना के शरीर में हरकत सी होने लगी और धीरे धीरे उसकी चीखें आह ..आह .. ऊ..ऊ में बदल गईं.
अब वो खुद अपनी गांड उचकाकर पीयूष के लंड से चुद रही थी.
पूरे रूम में एसी की ठण्डक होने के बाद भी दोनों पसीने में लथपथ थे.
पीयूष पूरे जोश में शीना की चुत में धक्के दे रहा था.
शीना इस बीच दो बार झड़ गयी थी.
अब पीयूष का लंड भी माल छोड़ने वाला था. उसने अपने धक्के और तेज कर दिए और शीना की चूत में झड़ गया.
पानी निकलने के बाद पीयूष शीना के ऊपर ही लेट गया.
लगभग 15 मिनट तक दोनों को कोई होश ही न था.
पीयूष का लंड शीना की चुत में ही घुसा रहा.
होश में आते ही शीना ने कहा- भैया मेरी जांघें बहुत दुख रही हैं … प्लीज़ अब अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाल लो.
जैसे ही पीयूष ने शीना की चूत से अपना लंड खींचा, तो उसकी चूत से पटाके चलने जैसी आवाज आयी. इस आवाज से दोनों हंसने लगे.
जब शीना ने अपनी चूत को देखा तो उसमें से पीयूष के लुंड का पानी और खून की धारा बह कर सूख गई थी.
पूरी बेडशीट खून से लाल हो गई थी और उसकी टांगें हिल भी नहीं पा रही थीं.
पीयूष ने शीना को अपनी गोद में उठाया और बाथरूम में ले गया.
पीयूष ने गीजर चालू किया और गर्म पानी से बहन की चूत को साफ किया.
बहन बड़े प्यार से अपने भाई के हाथों से अपनी चुत साफ़ करवाती हुई देखती रही.
बाद में दोनों वापस आकर नंगे ही सो गए.
चुदाई के बाद लगभग तीन चार दिन तक शीना ठीक से चल भी नहीं पा रही थी. ठीक होने के बाद दोनो की चुदाई का सिलसिला रोज चालू हो गया.
अब तो दोनों पूरे फ्लैट में नंगे ही रहते. जब उन दोनों का मन करता, चुदाई का मजा ले लेते