पैसे ना लौटने के बदले दे दी चूत Hindi sex stories

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Padosan aunty ki chudai

अन्तर्वासना के सभी प्रेमियों को नमस्कार! मैं बिहार में पटना  का रहने वाला हूँ, बंगलौर में काम करता हूँ. इस कहानी की नायिका मेरी पड़ोस की एक आंटी है. मैं आपको आंटी के बारे मैं बता देता हूँ. आंटी की उम्र लगभग 38 साल की है और उनका नाम सविता हैं पर वो बहुत ही काली है. उसके दूध काफी बड़े और टाइट भी  हैं.. और गांड तो कुछ ज्यादा ही उठी हुई है. उसका फिगर 38-32-40 का है. आंटी का पति टैक्सी ड्राईवर है. उसके दो बच्चे हैं. एक बच्चा उसकी माँ के पास रहता है और दूसरा स्कूल में पढ़ता है.

आंटी ने मुझे देखा, तो वो मेरे पास आई और बोलने लगी कि मेरी एक हेल्प करोगे अजय?

मैंने बोला- हां बताओ आंटी.. क्या हेल्प चाहिए?

आंटी कहने लगी- मुझे अपने बेटे की स्कूल फीस भरने है. मुझे बीस हजार रूपए की जरूरत है, मैं एक महीने में लौटा दूँगी तुम्हे.

मैंने आंटी से कहा कि आंटी कल दे दूँगा.

आंटी ने हां कर दी. मैंने उसको दूसरे दिन पैसा दे दिया. आंटी तो पैसा लेकर देना ही भूल गई. देखते देखते दो महीने हो गए. मगर आंटी ने पैसा नहीं दिया. आंटी रोज कल देने की बोलने लगी. उसको कल कल करते करते और दस दिन हो गए.

फिर एक दिन आंटी ने मुझे अपने घर पर बुलाया और कहने लगी- प्लीज़ मुझे 4 महीने का समय दे दो.

मैंने गुस्से से कहा- नहीं आंटी, मैंने बहुत इन्तजार कर लिया, बस कल आप मेरा पैसा वापस कर देना.

शाम को आंटी मेरे घर आई और बोलने लगी- अजय दो महीने से मेरी हालत बहुत खराब है, तुम बस मुझे 15 दिन का टाइम और दे दो.

मैंने आंटी की दयनीय हालत देखकर हां बोल दिया.

उस दिन सोमवार का दिन था. मैं हाफ डे लेकर ऑफिस से घर आ गया. उस समय दो बजे थे. मेरा मूड खराब था. लगभग पन्द्रह मिनट में खाना बन गया. मैं खाना खाते हुए दूसरी बोतल बियर की पीने लगा. थोड़ी देर में ही मेने खाना खा लिया और बियर भी खत्म कर दी थी. तो मैं सोने लगा.

मैं लेट गया. दस मिनट हो गए, मुझे नींद नहीं आ रही थी.

करीब तीन बजे मेरे दिमाग में आंटी आ गई. मैं आंटी के घर गया और उनको बाहर से आवाज देकर जोर जोर से बोलने लगा- आंटी.

आंटी बाहर आ गई.

मैंने कहा- तुम आज मेरा पैसा वापस कर दो.

आंटी बोली- तू घर के अन्दर आ जा, बाहर से बात मत कर प्लीज़.

मैं आंटी के घर में अन्दर आ गया और उससे जोर से कहने लगा- तू आज मेरा पैसा वापस कर दे.

आंटी बोली- अजय आपने अभी दारू पी हुई है, आपको ज्यादा चढ़ गई है. बाद में बात कर लेना.

मैं बोला- नहीं, मुझे कोई नशा वशा नहीं है.

आंटी बोली- चलो कोई बात नहीं, अभी आप मेरे घर सो जाओ.

इतने में मेरा सर दर्द होने लगा था. मुझे चक्कर से आ रहे थे.

आंटी मुझे पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई और बोली-कुछ देर सो जाओगे तो नशा हल्का हो जाएगा.

मैं आंटी के कमरे में जाकर बेड पर लेट गया, थोड़ी देर में ही मेरी आंख लग गई. मैं डेढ़ घंटे बाद करीब साढ़े चार बजे सो कर आंटी के बेडरूम से बाहर निकल आया. उस टाइम आंटी  बाथरूम से नहा कर निकल रही थी. आंटी ने एक तौलिये से अपने शरीर को ढका हुआ था. उस वक्त आंटी का शरीर मेरे सामने चमक रहा था. मैं तो आंटी को देख कर पागल सा ही हो गया. मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं आंटी को हवस भरी निगाहों से घूरने लगा. साथ ही मैं अपने खड़े होते लंड को अडजस्ट करने लगा.

आंटी भी मेरी तरफ देखने लगी.

अब तो आंटी को पेलना का भूत मेरे दिमाग पर चढ़ गया था. आंटी बोलने लगी- आप अपने घर जाओ. मेरे बच्चे के स्कूल से आने का टाइम हो गया.

मैं आंटी से कुछ नहीं बोला और अपने घर पर चला गया.

उस दिन पूरी रात मेरे दिमाग में आंटी का नग्न बदन घूमता रहा. अब तो मेरी नजर आंटी की तरफ से बदल गई थी. मैं रोज आंटी को याद करके हिलाने लगा था.

फिर पन्द्रह दिन हो गए. आंटी ने उस दिन रात को आकर मुझे पन्द्रह हजार रूपए दे दिए. वो बोलने लगी- बाकी पैसा पांच दिन बाद दे दूँगी.

मैं आंटी से बोला- ठीक है.

बुधवार के दिन मैं ऑफ़स नहीं गया. उस दिन पूरे दिन मैं घर में ही था. फिर मैं आंटी के घर चला गया और आंटी को आवाज लगाई.

आंटी बोली- क्या काम है?

मैंने कहा- बस आपसे मिलने आया हूँ.

आंटी ने मुझे अन्दर आने को कहा और सोफे पर बैठा दिया.

आंटी ने मुझसे पूछा- आप कॉफी पियोगे या चाय?

मैंने ‘कुछ नहीं..’ बोल दिया.

आंटी बोली- आज तुम ऑफ़स नहीं गए?

मैंने कहा- बस यूं ही नहीं गया.. मुझे आपसे कुछ काम था.

आंटी बोली- हां बोलो न क्या काम है?

मैंने मुस्कराते हुए कहा- बस आपसे मिलना था.

आंटी ने मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखा, तो मैं भी उनके तरफ देखने लगा.

मैंने आंटी से कहा- आप बहुत क्यूट हो.

आंटी बोली- नहीं.. मैं तो बिलकुल भी क्यूट नहीं हूँ.

मैंने आंटी से कहा- आंटी मैं आपसे प्यार करने लगा हूं.

यह कह कर मैंने आंटी के हाथ पर किस कर दिया.

आंटी मुझसे अपना हाथ छुड़ा कर अपने बेडरूम में चली गई. मैं भी उनके साथ साथ उनके बेडरूम में पहुंच गया. आंटी मुझसे बोलने लगी- प्लीज़ आप अपने घर जाओ.

मैंने आंटी से कहा- आज तुम मेरा भी काम कर दो.

आंटी समझ गई थी मैं उन्हे पेलने की बात कह रहा हूँ.

आंटी मुझसे बोली- तुम गलत कर रहे हो.

मैं बोला- नहीं आंटी.. मैं ये बात किसी को नहीं बोलूँगा.. प्लीज़ आप मुझे आज प्यार कर लेने दो.

आंटी का भी शायद मूड बन गया था, वो तब भी मुझसे बोली- यदि ये सब मेरे पति को मालूम हो गया, तो वो आपको मार देगा.

मैंने कहा- आपके पति को जब कुछ पता चलेगा, तभी तो वह कुछ कहेगा.

आंटी मेरी इस बात से राजी हो गई.

मैंने आंटी को और खींचा, तो वे मुझसे चिपक गई. अब हम दोनों कुछ देर तक किस करते रहे. उसके बाद मैंने आंटी के मुँह पर अपने होंठ रख दिए. आंटी ने मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया. हम दोनों मस्ती से जीभ लड़ाते रहे.

फिर मैंने आंटी के दोनों चूचों के अपने हाथ से पकड़ मसलने लगा. आंटी भी गरमा गई, वो मादक सिस्कारियां भरने लगी- आआह … इस्स … ऊउह … ओह … और जोर से दबा दे.

फिर थोड़ी देर बाद मैंने आंटी के कपड़े उतार कर उसकी ब्रा खोल दी. उसके दोनों चूचे बाहर आ गए. मैं भूखे जानवर की तरह आंटी के मम्मों पर टूट पड़ा.

आंटी को भी मजा आ रहा था. वो आहें भर रही थी. वो नीचे हाथ करके मेरे लंड को सहलाने लगी. कुछ देर तक उनके चूचे चूसने के बाद मैने उनकी पैंटी उतरकर पूरा नंगा कर दिया. उसने अपनी चूत को शेव नही किया था . पर उसकी चूत गुब्बारे की तरह फूली हुई थी. मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो मेरे हाथ से उसकी चूत पूरी ढक सी गई.

थोड़ी देर तक ऐसे ही मजा लेने के बाद मैंने आंटी को बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. आंटी जोश में आ गई. उसने अपनी टाँगें पसार दी. मैं भी पूरे मजे से उसकी चूत चाटने लगा. फिर मैंने अपनी जीभ की नोक को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा .. जिससे आंटी  तड़पने लग गई.

फिर आंटी ने मेरे बाल पकड़े और मेरे सर को अपनी चूत में जोर से दबाने लगी- आआह ऊऊह.. ऊऊईई.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह उह्ह्ह्हह बहुत मजा आ रहा है.. और जोर से चूस ले, आज तक मेरी चूत की इतनी अच्छी चुसाई किसी ने नहीं की है.. आज तो तूने मुझे जन्नत दिखा दी. आज तक मैंने ऐसी चुसाई नहीं करवाई है.

मैं उसकी चूत को जोर जोर से चूस रहा था. मैंने आंटी की चूत  के अन्दर अपनी जीभ घुसा दी और चूत को अन्दर से चूस रहा था. आंटी ‘अहह फह हहह फह अह्ह्ह..’ कर रही थी. और वे बहुत गरम भी हो गयी थी. उसकी चूत तो एक आग की तरह तड़प रही थी.

थोड़ी देर में आंटी का शरीर अकड़ने लगा. अगले ही पल आंटी झड़ गई और उसने सारा पानी मेरे मुँह में ही डाल दिया था. मैं भी आंटी का सारा पानी पी गया और चूत को चाट चाट के साफ कर दिया.

थोड़ी देर बाद आंटी ने मेरी पेंट उतारी और मेरे लौड़े को पकड़ कर सहलाने लगी.. जिससे मेरा लौड़ा और टाइट हो गया. आंटी मेरे लंड पर जीभ फेरने लगी. मैं आंटी के एक चूचे को जोर से दबाया तो उनका मुँह खुल गया. मैंने अपना लंड आंटी के मुँह में डाल दिया. आंटी के मुँह को अपने लंड से चोदने लगा.

आंटी पूरे मजे से मेरा लंड अपने मुंह में अन्दर तक ले रही थी. मैं भी उसके बाल पकड़ कर अपने लंड से उसके मुँह को चोद रहा था.

फिर आंटी मुझसे कहने लगी- अब डाल भी दो.. अजय.. अब नहीं रहा जाता.. जल्दी से.. चोद दो मेरी चूत को.

आंटी फुल गरम हो चुकी थी. मैने उसकी टांगों को फैलाया और अपने लंड का सुपारा उसकी चूत पर रखकर जोर लगाने लगा. उसकी मोटी टांगों की वजह से आंटी की छोटी सी चूत में मेरे लंड को अन्दर घुसने में दिक्कत हो रही थी.

कुछ देर बाद मैने अपना लंड चूत की दरार पर घिसने शुरू किया. जिससे पूरा लंड चूत के पानी से चिकना हो गया.

मैंने उसकी चूत की दरार को दो उंगलियों से फैलाया और लंड  का टोपा फसा दिया. फिर मैंने उसकी कमर पकड़ के जोरदार धक्का दे मारा. मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड उसकी चूत ने जकड़ लिया है. आंटी की चूत से आग सी निकल रही थी.

मैंने लंड अंदर बाहर करना शुरू किया.. तो आंटी की चूत से फच फच की आवाज आ रही थी. आंटी के मुँह से सिसकारियां निकलन रही थीं. मेरा लंड चूत के पानी से गीला होने के कारण आसानी से अन्दर बाहर हो रहा था.

दस मिनट तक आंटी को इसी पोजीशन में चोदने के बाद मैने आंटी को किस किया, तो आंटी ने ऊपर आने को कहने लगी. मैंने लंड बाहर निकाला और लेट गया. आंटी मेरे ऊपर आकर अपनी चूत को मेरे लन्ड पर सेट करने लगी। मेरा पूरा लंड एक ही बार में आंटी की चूत में घुस गया.

लंड अन्दर घुसते ही उसके मुँह से हल्की सी चीख निकल गई. फिर आंटी मेरे लंड के ऊपर कूदने लगी. चुदाई का घमासान होने लगा. इसी के साथ हमारी चीखें तेज होती जा रही थीं. थोड़ी ही देर में आंटी की चूत ने अपना अपनी छोड़ दिया. उसकी चूत से मलाई जैसा सफ़ेद पानी निकल रहा था.

कुछ देर के बाद मुझे महसूस हुआ कि मैं भी अब झड़ने वाला हूँ, तो मैंने लंबे-लंबे धक्के मारने शुरू कर दिए.

आंटी भी फिर से गरम हो गई थी. आंटी भी जोर जोर से सिसकारियां भरने लगी थीं. तभी आंटी की चूत और भी टाइट सी लग रही थी .. फिर मैंने अपना लंड पूरा बाहर खींचा और एक जोरदार धक्का दे मारा. मेरे लंड ने उसकी चूत के अंदर पानी छोड़ दिया. आंटी ने कसकर मुझे अपनी बाहों में ले लिया.

हम दोनों दस मिनट तक यूँ ही लिपटे रहे. फिर हम अलग हुए और मैं अपने घर चला गया.

दोस्तो ये थी मेरी पड़ोसन भाभी की रीयल सेक्स स्टोरी, आपको सब को कैसी लगी, प्लीज़ बताना जरूर

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