ननद को चोदने के चक्कर में चोद दिया भाभी को Hindi sex story

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Sexy bhabhi ki jawani

हैलो मित्रों, मैं अवि राज पुणे का रहने वाला हूँ. यह सब लगभग दो साल पहले की बात है, तब मैं नौकरी कर रहा था. 

हमारे फ्लैट के सामने वाले फ्लैट में एक लड़की रहती थी, उसका नाम अर्चना था. अर्चना दिखने बहुत ही जबदस्त 34-26-36 की फिगर की मालिक थी. मैं तो उस पर पूरी तरह फिदा हो गया था. मैं ऑफिस में भी बस उसी के ख्याल में खोया रहता था कि उसके पास जाऊं और उसको देखता रहूं. दिक्कत ये थी कि अर्चना पूरा दिन गायब रहती थी. जब भी उसको देखने उसके घर जाता, तो उसकी सेक्सी भाभी के दर्शन हो जाते थे.

एक दिन मुझे मौका मिला, उस दिन शनिवार था तो मेरी छुट्टी थी. करीब 10 बजे होंगे मैं सो रहा था. अचानक से दरवाजे पर बेल बजी, तो मेरी नींद खुल गई. मैंने गेट खोला, तो अर्चना की भाभी नैना गेट पर खड़ी थी.

वो बोली- मेरा एक बहुत जरुरी काम है, क्या तुम कर दोगे?

मैं- हां क्यों नहीं.

भाभी- मेडिकल से ये समान लाकर मुझे दे दोगे क्या?

इतना कहकर भाभी ने मुझे पैसे और एक बैग दे दिया.

मैं भी मेडिकल स्टोर ढूंढने चल दिया. मेडिकल स्टोर पहुंच कर मैंने देखा कि भाभी ने मुझसे स्टेफ्री नैपकिन मंगवाया था. मैं समझ गया कि भाभी के पीरियड्स आ गए हैं.

मैंने घर वापस आकर भाभी को बैग दे दिया. उसके बाद मैं रूम में जाकर सोने लगा. यूं ही दिन गुजरने लगे, पर अब भाभी मुझसे थोड़ा खुल सी गई थीं.

उस दिन के बाद करीब एक हफ्ते तक भाभी मुझे कहीं पर भी दिखाई नहीं दी. फिर एक दिन मैं रूम में सो रहा था, तो मैंने सोचा चलो बाहर कुछ खा आता हूं. मैं अपनी बाइक की चाबी लेकर चल दिया. मैंने गेट खोला, तो देखा भाभी भी अपने गेट पर खड़ी थीं. बहुत दिन बाद भाभी को देखा तो मैं मुस्कुरा दिया.

भाभी भी हंसकर कर बोलीं- आ जाओ कॉफी पिलो?

मैं- हां क्यों नहीं … कॉफी पी लूंगा.

मैं उनके घर चला गया और सोफे पर बैठ गया. मैं भाभी से बोला- भाभी आजकल अर्चना कही दिखाई नहीं देती. बाहर गई है क्या?

भाभी- अर्चना और उसके अंकल सुबह ऑफिस निकल जाते हैं और शाम को ही घर आते हैं. मैं अकेली बोर हो जाती हूं, इसलिए मैने सोचा आज तुम्हारी भी छुट्टी होगी, क्यों ना तुम्हे बुला लूँ.

ऐसे ही बातों बातो में भाभी से सिर्फ अर्चना के बारे में पूछने लगा.

वो बोलीं- क्यों जब से तुम आए हो, तब से अर्चना के ही बारे में बात कर रहे हो, तुम्हें अर्चना पसंद है क्या?

मैं- ऐसा कुछ भी नहीं है भाभी, बस मैं तो यूं ही पूछ रहा था.

भाभी- कितने साल के हो तुम?

मैं- मैं उम्र 23 साल है.

भाभी- तुम्हें पता है कि अर्चना 25 साल की है.

मैं- तो क्या हो गया, उम्र तो केवल उम्र होती है … एक दो साल से क्या फर्क पड़ता है?

इस पर भाभी बोलीं- अच्छा उम्र की कोई फर्क नहीं पड़ता है तो ये बताओ कि मैं कैसी लगती हूँ तुम्हे.

मैं भाभी की बात सुनकर चोक सा गया. भाभी दिखने में लगभग 28-30 साल की लगती थी. जबकि भाभी की 34-28-38 के फिगर से उनकी उम्र का पता ही नहीं लगता था.

मैंने अब ध्यान से भाभी को देखना शुरू किया, तो भाभी ब्लैक कलर की साड़ी में बहुत ही सेक्सी लग रही थीं.

मैंने कहा- आप तो अर्चना से भी ज्यादा प्यारी हो, केवल आपकी शादी हो चुकी है, इसलिए आप पर कोई ट्राय नहीं करेगा.

इतना कहते ही भाभी मेरे पास आ गई और कहती हैं- मैं तुम्हे बहुत पसंद करती हूं … क्या तुम मुझे हग करने दोगे?

मैंने उन्हें हग दिया और बोला- अच्छा भाभी मुझे जरूरी काम से कहीं जाना है, मैं आपसे बाद में मिलूंगा.

इतना बोलकर मैं वहां से चला आया.

भाभी थोड़ा रूडते हुए बोलीं- दोपहर में यही आ जाना,हम साथ में खाना खाएंगे.

‘ठीक है …’बोलकर मैं वहां से चला गया.

मेरे लिए भाभी को चोदने का खुला ऑफर था और मैं वहा से चला आया, क्योंकि मैं अचानक से चौंक सा गया था. मुझे लगा कि अर्चना और भाभी की ये कोई चाल तो नहीं है. फिर मेरे दिमाग में आया कि जो होगा वो बाद में देखा जाएगा.

करीब दोपहर दो बजे मैं भाभी के घर गया और डोर बेल बजायी. भाभी ने आवाज दी- कौन है?

मैंने बताया- भाभी मैं हूँ.

तो अंदर से भाभी की आवाज आई- दरवाजा खुला है, तुम अन्दर आ जाओ.

जैसे ही मैं अंदर घुसा भाभी को देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं. भाभी ने नेट वाली ब्लैक साड़ी पहन रखी थी, साथ ही लाल रंग का कटस्लीव ब्लाउज पहन रखा था जिसका गला कुछ ज्यादा ही खुला हुआ था.

भाभी को सजा-धजा देख कर मुझे ऐसा लग रहा था कि आज ही मेरी सुहागरात है. मैं भाभी की तारीफ़ करते हुए बोला- वाह भाभी बहुत हॉट लग रही हो.

भाभी ने झुक कर मुझे थैंक्स कहा और उनके झुकने में उनके चूचे साफ साफ दिख गए मुझे

फिर हम दोनों खाना खाने बैठ गए. खाते टाइम मेरी निगाहें तो सिर्फ उन्ही के ऊपर टिकी थी.

भाभी हस्ते हुए बोलीं- ताड़ना बंद करो और खाना भी खाओ?

मैं हंस दिया.

फिर मैं खाना खत्म करके सोफे पे बैठ गया और भाभी को ताड़ने लगा.

भाभी के बड़े बड़े मम्मे, जो कह रहे थे कि आ जाओ और हमें दबाओ. भाभी की उचकी हुई गांड बड़ी मस्त लग रही थी, इसी तरह उनके रसीले होंठ भी कह रहे थे कि चूस लो हमे… पूरा रस निचोड़ लो.

कुछ देर तक ऐसा ही चलता रहा फिर भाभी मेरे सामने वाले सोफे पर जाकर बैठ गईं.

मैंने बोला- भाभी आप तो अर्चना से भी ज्यादा खूबसूरत दिखती हो. क्या मैं आपको लिप किस कर लू.

भाभी ने अपनी बांहें फैलाते हुए कहा- आ जाओ, मना किसने किया हैं.

बस फिर क्या था … मैं भाभी के पास जाकर बैठ गया और उनका ठंडा हाथ अपने हाथों में ले लिया और अपने होंठ भाभी के होंठों से चिपका दिए. भाभी मेरे करीब आई और अपने होंठ मेरे होंठो से सटा दिए.

मैं भाभी को किस करने लगा.

लगभग 5 मिनट तक चूमने के बाद मैंने उन्हें अपनी बाहों में खींच लिया. और वो मेरी गोद में आ गई. मैं भाभी के होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हे चूम रहा था.

और इधर मेरे पेंट में तो मेरा लन्ड तंबू की तरह खड़ा हो गया था. मेरा लंड भाभी की नाभि में चुभ रहा था. मैंने अपना हाथ भाभी की कमर पर रखा और वैसे ही ऊपर की तरफ फिराने लगा. भाभी ने तो खुद को मुझे सौंप ही दिया था, वो मेरी किसी भी बात का कोई विरोध नहीं कर रही थीं. मैंने उनके ब्लाउज के हुक को पकड़कर खोलने लगा.

तभी भाभी एक दम से अलग हुई और बोलीं- तुम ये क्या कर रहे हो?

मैंने  बोला- भाभी मेरे अंदर कुछ अजीब हो रहा है … आपको नहीं हो रहा क्या?

फिर मैने भाभी को पीछे की तरफ किया और सोफे पर पटक दिया. मैं भाभी को चूमने लगा. अब भाभी भी अपना हाथ मेरी पीठ पर चलाने लगी और पूरी तरह मजे लेने लगी.

लगभग 15 मिनट तक हम दोनों के बीच यही सब चलता रहा. उनका शरीर मेरे नीचे दबने लगा था. उनका कण्ट्रोल ख़त्म हो रहा था.

तभी मैं भाभी से अलग हो गया. मैं उनकी पूरी लिपस्टिक चाट चाट कर खा चुका था. भाभी मेरी तरफ वासना भरी नजरो से देखने लगी. भाभी चुदासी आवाज में कहने लगी- चलो, राजा अंदर बेडरूम में चलते हैं.

मैं भाभी को अर्चना के रूम में ले जाने लगा. वो कहती है- तुम अंदर चलो, मैं पानी पीकर आती हूँ.

अब तक हमारा रोमांस बिना बात किए ही चल रहा था. मुझे लग रहा था कि मैं भाभी को नहीं, भाभी मुझे पेलने वाली हैं, फिर मैंने अपना हाथ उनकी साड़ी के भीतर से गांड पे ले जाना चाहा, तो भाभी मना करने लगी … बस ‘उन्ह …’ कह कर मेरा हाथ हटा दिया था.

मैंने भी सोचा ऐसे पटाका माल का इतना गुस्सा तो चलता है. मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें अपनी तरफ खींच लिया और बोला- भाभी आई लव यू सो मच.

तो भाभी कहने लगी अगर लव यू कहना है, तो भाभी मत बोलो, तुम मुझे नैना बोलो.

मैंने कहा- भाभी बोलने में जो मजा आता है, वो नैना बोलने में नहीं आता.

भाभी हंस दीं.

बस फिर क्या था. मैंने उनको बिस्तर पर लेजाकर लिटा दिया और उन के ऊपर कूद पड़ा. मैंने उनकी साड़ी का पल्लू हटा दिया और उनके स्लीवलेस ब्लाउज में दबे हुए उनके चूचों को टटोलने लगा. फिर अपने दोनों हाथ चूचों पर रखकर उन्हें मसलने लगा. कुछ देर मम्मों को मींजने के बाद मैं थोड़ा नीचे होके उनकी नाभि के ऊपर किस करने लगा.

वो बहुत ही गर्म हो चुकी थीं और चुदने के लिए बैचेन थीं. मैंने उनके ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और ब्लाउज को उतार कर फेंक दिया. अन्दर लाल ही रंग की छोटी सी ब्रा में भाभी के चूचे बड़ी चमक मार रहे थे. फिर ब्रा को निकाल कर मैंने ऊपर से उन्हे पूरा तरह नंगा कर दिया. मैं भाभी के एक चूचे को पीने लगा, और दूसरे को दबाने लगा. भाभी के मम्मों में बहुत कसावट थी. ऐसा लग रहा था कि अभी तक भाभी के चूचों को किसी ने दबाया ही नहीं था.

वो कामुकता भरी आवाज में मचल रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… आ … आह..’

मैंने एक हाथ से उनकी साड़ी उतार दी. अब भाभी सिर्फ पैंटी में मेरे सामने थीं. मैं खड़ा होकर उन्हे निहार रहा था, तो भाभी ने शर्माते हुए अपने हाथ से चेहरा छुपाने लगीं.

भाभी कहती हैं- मुझे तो पूरी तरह नंगा कर दिया और खुद ने  कपड़े फन हुए हैं.

बस उनके इतना बोलते ही मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए और उनके सामने अंडरवियर में आ गया.

मेने एक हाथ उनके चूचों पर रख दिया और दूसरा हाथ उनकी पैंटी में डालने लगा. मेने उनका एक हाथ अपने अंडरवियर में खड़े लन्ड पेपर रख दिया, तो भाभी मेरे तने हुए लंड को सहलाने लगीं. वो लंड हिलाते वक्त मेरी तरफ देख रही थीं. उनकी आंखों में मुझे वासना की भूख साफ़ साफ दिखाई दे रही थी.

फिर भाभी ने मेरे लंड से अपना हाथ हटा कर मेरे सर पर रखकर मेरा सर नीचे की तरफ धकेलने लगीं.

मैं समझ गया. फिर मैं उनके चूचों और से हटते हुए उनकी चूत की तरफ जाने लगा. मैंने अपने एक हाथ से भाभी की गीली हो चुकीं पैंटी निकाली. भाभी की चुत पानी छोड़ रही थी . मैंने भाभी की चूत में अपनी एक उंगली डाली, तो वो चिल्ला उठी- आउच.

फिर करीब दो मिनट तक मैं उनकी चूत में उंगली अन्दर बाहर  करता रहा।

अब भाभी ने अपने दोनों पैर फैला लिए और अपने हाथ से मेरा सर चूत के ऊपर दबा रही थीं. मैं भाभी के बिना कुछ बोले ही समझ गया कि भाभी मुझसे चूत चटवाना चाहती हैं.

उनकी हवस अब बाहर निकल रही थी. मैं अपनी जीभ से उनकी चूत के दाने को चाटने लगा और होंठों से रगड़ रहा था.

भाभी आवाजे निकालने लगी‘स्स … स्स … आह आह … और करो..’बोलने लगीं.

करीब 5 मिनट के बाद भाभी बोली- बस करो अब आ जाओ ना राजा.

वो मुझे अपनी तरफ खींचने लगीं. मेरे ऊपर जाते ही भाभी ने मेरा अंडरवियर खीच दिया और मुझे नंगा कर दिया.

भाभी अपनी गांड उचकाते हुए बोलीं- अब डाल दो ना राजा मुझसे रहा नहीं जाता है अब.

मैंने कहा- भाभी कंडोम नही है मेरे पास, आप प्रेगनेंट हो गयी तो?

वो बोलीं- हो जाने दो … प्रेगनेंट होने के लिए ही तो आई हूँ तुम्हारे नीचे.

यह बोलते हुए भाभी ने मुझे अपनी उपर खींचा और पैर को फैला लिया फिर अपने हाथ से ही लंड चूत में डाल लिया.

मैं भी धक्के देने लगा, तो वो जोर जोर से आवाज निकालने लगीं- आह … आउच … और जोर से करो और जोर से आह आह.

उनके चिल्लाने से मैं दर गया कि कोई उनकी आवाज सुनकर आ ना जाए.

मुझे अपनी बिलकुल भी फिक्र नहीं थी … बस उनकी फ़िक्र थी. मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और उनकी चूत में तेजी से लन्ड के झटके देने लगा. झटकों की स्पीड से निकलने वाली आवाज मेरे मुँह में ही रह रही थी.

जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, तो वो मेरी आंखो में ही देख रही थीं. उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.

करीब 15 मिनट की जोरदार चुदाई के दौरान भाभी 1-2 बार झड़ चुकी थीं. उनकी चूत के गर्म पानी को, मेरा लंड महसूस कर रहा था.

आखिर में मेरा टाइम भी आ गया और मैंने अपना लंड बाहर खींच कर पानी उनके पेट पे निकाल दिया.

तो वे गुस्सा करने लगी और बोलीं- पानी तुझे अन्दर ही डालना था ना.

मैं बोला- भाभी आज तो मिली हो, आज ही सुहागरात मनाई हैं हमने तो आज ही प्रेगनेंट कैसे कर दूँ तुम्हे. थोड़े दिन तो आपकी चूत के मजे लूंगा.

भाभी हंस दीं.

फिर मैं दस मिनट तक वैसे ही उनके ऊपर पड़ा रहा.

थोड़ी देर बाद भाभी फिर से गर्म हो गयी. पर मेरा हथियार सो रहा था. फिर भाभी ने मुझे नीचे गिरा दिया और मेरा लंड को जोर जोर से चूसने लगीं. उनके लंड चूसने से मुझे बहुत मजा आ रहा था. कोई 3 मिनट में ही मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. फिर भाभी उठकर मेरे खड़े लंड के ऊपर बैठ गयी और उछलने लगीं.

मैंने कहा- नैना कितने दिनों से भूखी हो?

वो बोलीं- बहुत टाइम से … मेरे पति से तो कुछ होता ही नहीं हैं… बस आते हैं और खाना खाकर सो जाते हैं, तभी तो मैने तुम्हे बुलाया हैं अपनी प्यास बुझाने के लिए.

करीब 10 मिनट तक वो मेरे लंड पर उछलती रहीं.

फिर मैने उनको डॉगी स्टाइल में झुकने को कहा और पीछे से लन्ड के झटके देने लगा. उनकी चीखें बढ़ती ही जा रही थीं. मैं झड़ने वाला था, करीब 4-5 झटकों में चूत में ही अपना लावा निकाल दिया.

इसके बाद हम दोनों बाथरूम में चले गए. हम दोनों ने मिलकर शावर ले लिया. बाथरूम में नहाते हुए भी हम दोनों को गर्मी चढ़ने लगी. मैंने नैना को शावर के नीचे लिटाया. मैंने उनके दोनों पैरो को अपने कंधों पर रखकर उनकी गांड पे लंड रख दिया और धीरे से अन्दर डालने लगा.

गांड में लंड घुसते ही भाभी की चीख निकल गई और उठ कर खड़ी हो गईं. भाभी मुझ पर बहुत गुस्सा होने लगीं.

मैंने उनसे सॉरी बोला फिर उन्हे अपनी तरफ खींच लिया.

भाभी की गांड कुछ ज्यादा ही टाइट थी, सायद उन्होंने कभी गांड़ नही मरवाई थी। तभी उनको बहुत दर्द हो रहा था. भाभी को उनके तरीके से सेक्स करवाना पसंद था. मुझे क्या चाइए … इससे उन्हे कोई मतलब नहीं था, तब भी मैं खुश था. क्योंकि भाभी को खुश करने में ही अब मुझे ख़ुशी मिल रही थी.

करीब आधा घंटे तक हम दोनो एक दूसरे से चिपके रहे और शावर लेते रहे. उन्होंने आंखे बंद की और अपना सर मेरे कंधे पर रखकर खड़ी हो गई.

मैंने उनसे बोला- भाभी बैठ जाओ और मेरा लंड  चूस दो.

इस पर उन्होंने मना किया, तो मैं नाराज हो गया. उनको जब पता चला तो वो बैठ कर करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसती रहीं. मैंने अपना एक हाथ उनके सर के ऊपर रखा और अन्दर गले तक लन्ड धकेलने लगा, तो उन्हें उलटी आने लगी.

फिर मैंने उनको उठाकर अपनी ओर खींच लिया.

इसी तरह करीब तीन महीनों तक हमारा प्रोग्राम चलता रहा. हर शनिवार और रविवार को मैं सुबह से शाम तक उनके ही बेडरूम पड़ा रहता था और उन्हे चोदता रहता था। कुछ ही टाइम में भाभी प्रेग्नेंट हो गईं.

फिर मैं भी उनसे दूर चला गया. क्युकी मेरी भी दूसरी सहर में जॉब लग गई थी.

आज भी जब उनका फोन आता है तो वे कहती हैं- देख तेरा बेटा बहुत परेशान करता है.

मैं भी कह देता हूं उनसे- अगर एक और बच्चा चाहिए हो तो आ जाओ मेरे पास.

अब वो भी दूसरे सहर में चली गई , इस वजह से कभी उनसे मिलना नहीं हो पाता है.

अपनी दूसरी कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि नैना भाभी के बच्चा होने के बाद उन्होंने कैसे अर्चना को पटा कर चोदने में मेरी मदद की. और कैसे मैंने अर्चना की चुदाई का आनंद लिया.

तो दोस्तो, बताना जरूर कैसी थी मेरी नैना भाभी की चुदाई की स्टोरी।

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