मेरा नाम राकेश है. मेरी उम्र 25 वर्ष है और मै एमए का छात्र हूँ. ये मेरी चाची के साथ चुदाई की स्टोरी है. मैं चाची के साथ ही रहता हूँ. मेरी फ़ैमिली जयपुर में रहती है.
मै और चाची एक ही घर में रहते हैं. 4 महीने पहले ही उनकी शादी हुई है और चाचा शादी के कुछ दिन बाद मुंबई चले गए थे.
मैं चूंकि चाची के साथ ही रहता था तो चाची अपना हर काम मुझसे ही करवाने लगी थीं.
एक दिन सुबह जब मैं जगा तो चाची झाड़ू लगा रही थीं.
तब मैंने देखा कि उनके चूचे ब्लाउज से बाहर निकले जा रहे थे.
उनके दूध बड़े मस्त दिख रहे थे.
मैं उनको देखता ही रह गया.
चाची ने मुझे उनके चूचे निजारते हुए देख लिया और पूछा- क्या देख रहा है?
मैंने सकपकाते हुए कहा- कुछ नहीं चाची.
मैं वहां से चला गया.
अगले दिन चाची मुझसे बोली- राकेश तुम मेरे साथ आज बाज़ार चलो, मुझे कुछ सामान लेना है.
मैंने कहा- चाची आप क्या करोगी बाज़ार जाकर … मैं ही ले आऊंगा.
उन्होंने बोला- नहीं, मैं ही ले आऊँगी.
मैं उनसे फिर से बोला- आप रहने दो, मैं सब ला दुंगा. आप बस लिस्ट दे दो.
चाची ने मुझे लिस्ट पकड़ा दी और कहा कि ये सारा सामान ले आना.
उस लिस्ट में घर का राशन और एक पैड का पैकेट भी लिखा था.
मैंने पूछा- चाची ये किस काम आता है?
वो कुछ नहीं बोलीं, सिर्फ़ मुस्करा दीं.
मैंने दोबारा पूछा, तो चाची बोली- बाद में बताऊंगी.
मेरे तुरंत कह दिया – बाद में कब … आज ही बताओगी ना!
वो फिर से मुस्कराईं और बोलीं- जा जाकर सामान ले आ.
मैंने सर हिलाया और बाजार चला गया.
कुछ देर बाद वो सारा सामान चाची को लाकर दे दिया.
अगले दिन फिर चाची ने मुझसे बोली- राकेश मेरे साथ खेत पर चलो.
मैंने कहा- हां चलो.
क्योंकि उनको भैंसों के लिए चारा लाना था.
कुछ देर बाद चाची खेत में ले आया, थोड़ी देर बाद चाची ने फ़ोन किया कि जल्दी आओ … जल्दी आओ.
मैं जल्दी से खेत पर गया तो चाची उछल कूद कर रही थीं क्योंकि उनके कपड़ों में कोई कीड़ा चला गया था.
चाची ने कहा- अरे राकेश जल्दी से निकालो, कोई कीड़ा घुस गया है.
मैं बोला- कैसे निकालूँ चाची, आपको अपने कपड़े उतारने पड़ेंगे.
चाची एक बार फिर मुस्कराईं और बोलीं- ऐसे ही निकाल दे.
मैंने बोला- अब मुझे क्या पता कि किधर कौन सा कीड़ा घुसा है?
चाची बोली- चल मैं कपड़े उतार रही हूँ. पर किसी को बताना मत कि मैंने तेरे सामने कपड़े उतारे थे.
मैंने बोला- ठीक है.
चाची ने साड़ी हटा कर अपना ब्लाउज उतार दिया.
तब मैंने देखा कि चाची ने एक छोटी सी ब्रा पहन रखी है और उसमें से चाची के आधे दूध बाहर निकलने को बेताब दिख रहे हैं.
मैं तो चाची को देखता ही रह गया.
देसी पोर्न दृश्य को आगे बढ़ाते हुए चाची ने हवा में हाथ उठा कर दूध तानते हुए कहा- अब देख क्या रहा है … जल्दी से निकाल … मुझे कीड़ा काट रहा है.
मैंने देखा चाची के चूचों पर लाल चींटी रेंग रही थी.
अपने हाथ से मैंने उसको चुटकी में पकड़ा तो चाची का दूध भी मसलने को मिल गया.
मैंने वो चींटी हाथ से हटा दी.
उस समय जब मेरा हाथ चाची से टच हुआ, तो मेरा लंड भी उनसे टच हो गया.
उस समय मुझसे बिलकुल भी रहा नहीं जा रहा था और चाची की जवानी भी लंड की भूखी थी.
तभी चाची ने मुझसे अपनी चूचियों में हाथ डलवा कर कुछ और देर चींटियां देखने का कहा.
मैंने भी उसी बहाने से चाची की चूचियों को दम से सहलाया.
चाची को भी मजा आ रहा था.
कुछ देर बाद मैंने कहा- चाची, कीड़े तो सारे मर गए अब खुजली बाकी रह गई होगी. घर चलो, उधर कुछ लगा दूँगा तो खुजली मिट जाएगी.
चाची कपड़े पहनती हुई बोलीं- तुम्हारे पास ऐसा क्या है, जिसे मलने से मेरी खुजली मिट जाएगी.
मैं सब समझ गया कि चाची क्या कहलवाना चाहती हैं फिर भी मैं चुप रहा.
फिर हम दोनों घर वापस आ गए.
रात को मैने और चाची ने खाना खाया और हम सोने के लिए अपने अपने कमरे में घुस गए.
कुछ देर बाद लगभग रात के दस बजे चाची के कमरे से आवाज़ आने लगी ‘आऽह … आह.’
मैंने जाकर खिड़की से झाँक कर देखा कि चाची अपनी चूत में बेलन चला रही थीं. वो बेलन की नोक से अपनी चूत को चोद रही थीं.
चाची की चूत का नजारा देखकर मेरा लन्ड खड़ा हो गया.
मैंने दरवाजे को खटखटाया, पर चाची ने नहीं खोला.
मैंने दरवाजे पर जोर दिया तो वो खुल गया. दरवाजे में कुण्डी लगी ही नहीं थी.
मैं बिंदास चाची के पास चला गया. उनको मेरे आने कुछ पता ही नहीं चला कि मैं कब उनके एकदम पास आ गया. क्योंकि वो तो अपनी चूत को चोदने में व्यस्त थीं.
मैंने कहा- चाची मैं कुछ मदद कर दूँ?
चाची ने मुझे देख कर अपना मुँह फुला लिया और अपने कम्बल से चेहरे को ढक लिया.
मैंने कहा- क्या हुआ चाची. मुझसे गुस्सा हो क्या?
चाची बोलीं- तुम किसी काम के नहीं हो बहुत बेकार हो.
मैंने समझ गया कि चाची मेरा लंड लेना चाहती है और ये अपने मुँह से नहीं बोल रही हैं.
मैं उनके पास बैठ गया और उनसे बात करने लगा- आपको कोई भी दिक़्क़त हो, कुछ भी काम हो, कैसी भी बात हो … आप मुझसे बोल सकती हो. मैं आपके हर काम में भी आपकी मदद कर दूँगा, पर ये बात सिर्फ़ अपने दोनों के बीच में रहना चाहिए.
ये कहते हुए मैंने कम्बल के ऊपर से चाची के चूचे दबा दिए.
चाची मेरी बात फट से मान गयी.
मैंने उन्हें अपनी बांहों में भर लिया.
चाची भी मुझसे चिपक गईं और मुझे पागलों जैसे चूमने लगीं.
चाची ने मुझसे कहा- मुझे ये काम रोज़ रात को, सुबह-शाम और जब भी समय मिल जाए, तब चाहिए है. मैं बहुत प्यासी हूँ … क्योंकि तुम्हारे चाचा का लंड कुल 5 इंच का है और वो मेरी भूख मिटा ही नहीं पाए थे, इसलिए मुझे छोड़ कर मुंबई चले गए.
फिर मैं चाची के बगल में लेट गया और कुछ देर तक हमने सेक्स की बातें की.
मैंने बोला- चाची मैं अब रुक नहीं सकता.
चाची ने भी मेरे लंड को पकड़ कर हां कर दी.
फिर जब मैं उनके कम्बल में हाथ डाल कर उन्हें सहलाने लगा.
वो बिल्कुल नंगी थीं.
मेरा हाथ उनकी चूत पर लग गया था. वो मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी चूत रगड़वाने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और धीरे से उंगली को चूत में अंदर बाहर करने लगा.
फिर कुछ देर बाद मैंने दो उंगलियां उनकी चूत में डाल दीं और उनकी चूत को चोदना शुरू कर दिया.
चाची तड़पने लगीं तो मैं उनकी चूचिया पीने लगा.
थोड़ी देर बाद चाची कामुक सिसकियां लेने लगीं- आह … उइ मां आह और करो … आज तो तुम मुझे पूरी रात चोदना।
कुछ देर बाद मैंने उनके ऊपर से कम्बल हटा दिया और उन्हें देखने लगा.
मैंने उनकी चूत में उंगली करना जारी रखा.
वो टांगें फैला कर कहने लगी- आह राकेश … जल्दी जल्दी उंगली डालो… और तेज तेज करो.
कुछ ही देर बाद चाची झड़ गईं.
उसके बाद मैंने चाची की चूत को कपड़े से साफ़ किया और टांगों को उठाकर उनकी चूत को चाटना चालू कर दिया.
ऐसा करते हुए मुझे काफी देर हो चुकी थी और तब तक चाची 1 बार और झड़ चुकी थीं.
वो बोलीं- राकेश मेरी गर्म चूत को चोद दे अब नहीं रहा जाता.
मैंने कहा- चाची एक बात बोलूँ?
चाची बोलीं- हां बोलो.
मैंने उनसे कहा- चाची, आप मुझे बहुत पसन्द हो आज मेरी एक कामना पूरी कर दो.
चाची बोलीं- मैं भी तुझे पसन्द करती हूँ राकेश … जब से ससुराल आई हूँ तबसे मैं तेरे साथ ही चुदने की सोच रही हूँ. तू अपनी बात बता. मुझसे क्या चाहता है?
मैंने उनसे कहा- चाची, मेरी कामना है आप मेरा लंड चूसो और चूत चोदने से पहले मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ.
ये सुनकर चाची बोलीं- हां निकाल न लंड को मै खुद चूसना चाहती हूं. गांड भी मार लेना.
मैं बिस्तर से नीचे आ गया.
चाची ने मेरे लंड पर अपना हाथ रखा और बोली- दिखा तो अपना लंड तेरा लन्ड तो मुझे भी देखना है .
मैंने लंड बाहर निकाल दिया.
जब चाची की नजर मेरे लंड पर पड़ी तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं.
क्योंकि चाची ने अभी तक इतना बड़ा लंड इतने पास से नहीं देखा था.
उन्होंने तुरंत मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.
मुझे जन्नत का मजा आने लगा.
मैं चाची के सर को पकड़ कर उनका मुँह चोदने लगा.
चाची अपने गले तक मेरा लंड ले रही थीं.
उनके लंड चूसने से साफ़ पता चल रहा था कि चाची काफी पुरानी चुदक्कड़ हैं और चाचा का छोटा लंड तो इनकी चूत में पता ही नही चलता होगा.
करीब 15 मिनट तक मैं चाची के मुँह को चोदता रहा और उनके मुँह में ही पानी गिरा दिया .
चाची भी मजे से मेरे लंड का सारा पानी पी गई.
और लंड को चाट कर साफ़ कर दिया फिर चाची बोलीं- अब रुका नहीं जाता राकेश … जल्दी से पेल दे अपने लंड को मेरी गांड में.
मैंने बोला कि दर्द होगा.
वो बोलीं- परवाह नहीं है, तू डाल दे.
मैंने कहा- ठीक है आप अब कुतिया बन जाओ.
मैंने चाची की गांड पर तेल लगाया और लंड को गांड पर टिका कर पेल दिया.
एकदम से लंड गांड में घुसा तो चाची की तेज आवाज़ आई- उई मम्मी मर गई रे … आह मेरी फट गई.
मेरे लंड के धक्के से चाची की गांड से खून आ गया.
मैं कुछ देर के लिए रुका और फिर से लंड का एक करारा झटका दे दिया.
कुछ देर में गांड ने लंड को झेल लिया था.
अब चाची कहने लगी- आह … अब रुकना मत धकाधक पेलते रहो.
मैंने और जोश में आ गया और चाची को पेलना जारी रखा.
फिर उन्हें अपने ऊपर बैठाकर लंड की सवारी का मजा करवाया.
काफी देर तक मैंने चाची की गांड मारी और उनकी गांड में ही मैंने अपने लंड का शीरा छोड़ दिया.
उसके बाद मैने बाथरूम जाकर अपना लंड पानी से धोकर कपड़े से साफ़ किया.
चाची बोलीं- मैने तुम्हारे मन की कर दी अब तुम मेरे मन की करो.
मैंने उन्हें धीरे धीरे फिर से गर्म किया और फिर मैंने चाची की चूत पर अपना लंड रखकर पेल दिया.
लंड एक झटके में चूत में गया तो उसकी चीख निकल गई- आह मर गई … फाड़ दी मेरी चूत उईइ … साले जानवर … आह धीरे चोद कमीने.
मैंने चाची की नहीं सुनी और अपना पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.
एक बार लंड झड़ चुका था तो इस बार जल्दी का कोई सीन नहीं था. आधा घंटा लगातार पेलने के बाद मैंने चाची को चूमा तो वो बोलीं- मैं झड़ने वाली हूँ.
मैंने कहा- हां चाची, मेरा भी पानी निकलने वाला है.
वो कहने लगी- अन्दर नहीं निकलना … मैं प्रेगनेंट हो जाऊंगी.
मैं बोला- एक बार में नहीं होगी प्रेगनेंट, मैं दवा ले आऊंगा.
उन्होंने हामी भर दी.
मैंने जोर जोर से पेलना चालू कर दिया.
फिर हम दोनों साथ में जहा गए और चाची की चूत में मैंने अपन सारा पानी छोड़ दिया.
इसके बाद हम दोनों थक कर लेट गए.
एक घंटा बाद फिर से मूड बन गया.
मैंने चाची को फिर से चोदना चालू कर दिया.
इस तरह से मैंने चाची को उस रात लगभग 4 से 5 बार चोदा.
तब तक सुबह हो चुकी थी, दिन निकल आया था. अब ना उठने की उनमें हिम्मत थी और न ही मुझमें.
फिर जैसे तैसे मैंने अपने कपड़े पहने और अपने रूम में जाकर सो गया.
अब हम दोनों साथ में रहते हैं और चुदाई का भरपूर मजा लेते हैं.