मेरा नाम है चार्ली, मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर शहर से हूं।
मेरी हाइट लगभग 6 फुट की है और मेरी बॉडी भी ठीक है… बात करे मेरे लण्ड की तो वो 6.5″ लंबा और 2.5″ मोटा है. अभी अभी मैंने इन्जिनीयरिंग पास किया है.
बात उन दिनों की है जब मैंने इन्जिनीयरिंग के पहले साल में प्रवेश लिया था. मैं अपनी फैमिली में इकलौता हूँ तो मेरे घर वालों ने मुझे कहीं बाहर पढ़ने नही भेजा था. मेरा कॉलेज मेरे घर से बस 10 मिनट की दूरी पर था तो मैं रोज़ कॉलेज तक चल कर ही जाता था.
कॉलेज में जाते ही बहुत सी लड़कियों से मेरी पहचान बन गयी थी. कुछ मेरे ही साथ पढ़ती थी और कुछ अलग क्लास में थी.
थोड़े दिनों में मेरी पहचान उस लड़की से हुई जो इस कहानी की नायिका है. वो इन्जिनीयरिंग लास्ट ईयर की छात्रा थी और उसका नाम था सीमा. दिखने में खूबसूरत और उसकी फिगर तो एकदम कातिलाना थी. 36-30-38 की फिगर के साथ वो सब पर कहर ढाया करती थी. कॉलेज के सभी लड़के उस पर फिदा थे पर उसकी किसी के साथ सगाई तय होने वाली थी शायद इसी कारण वो किसी को भाव नहीं देती थी. यह बात मुझे उसकी सहेली से पता लगी और बाद में उसने भी बताया मुझे.
पहले तो हम बस हाय हेलो वाले दोस्त थे पर बाद में वो मेरे लड़कियों के प्रति व्यवहार के चलते बहुत इम्प्रेस हुई, उसने अपनी बहुत सारी सहेलियों से मेरी पहचान करवा दी. पहले पहले तो मुझे उसका मेरी ओर देखने का नजरिया कुछ समझ नहीं आता था क्योंकि वो मुझसे बहुत ही ज्यादा चिपक कर बात किया करती थी. हालांकि उसकी सहेलियों ने मुझे बताया था कि वो ऐसी वैसी लड़की नहीं है. पर फिर भी उसका मेरे प्रति व्यवहार अलग ही लगता था.
ऐसे ही दिन बीतते गए और कॉलेज के 6 महीने बीत गए. इसी दौरान वो मुझसे कॉल पे भी बात करती और चैट भी किया करती थी. उसका दिन रात मुझे मेसेज करना मेरी समझ के बाहर था.
एक दिन मुझे उसने अचानक अपनी क्लास में बुलाया. मेरे वहाँ जाने पर मुझे उसके अलावा वहाँ पर कोई और नहीं दिखाई दिया. मेरे पूछने पर उसने कहा कि सभी लोग बाहर विजिट के लिए गए है पर वो नहीं गयी. मेरे पूछने पर वह बोली मुझे तुमसे कि कोई जरूरी बात करनी हैं इसलिए मैं रुक गयी हूं.
फिर उसने बहुत वक़्त लिया और उसके दिल की बात मुझसे कह दी कि वो मुझसे प्यार करने लगी है और वो बस मुझसे प्यार चाहती है और शादी ना करूँ तो भी उसे चलेगा.
यह सब सुन कर मेरे तो होश ही उड़ गए थे. उसके ये सब बताने पर मुझे लगा कि उसको अभी एक सहारे की जरूरत है.
तो मैंने उससे से कहा कि हमारे बीच प्यार तो नहीं हो पाएगा पर मैं तुम्हे हमेशा सहारा देने के लिए तैयार हूं.
यह सुनते ही वह मेरे सीने से चिपक गई पर कॉलेज के कारण मैंने उसे खुद से दूर कर दिया. तब तक मेरे मन में भी उसके लिए कोई गलत भाव नहीं था.
उस दिन ज्यादातर हमारी बातें चलती रही और वो अपनी कहानी बताते हुए मुझसे लिपट कर रोने लगी.
फिर करीब एक हफ्ते वो कॉलेज नहीं आयी और न ही मेरे किसी भी कॉल का आंसर दिया. मुझे लगा कि सयाद ये बीमार होगी इसलिए मैंने भी उसे परेशान करना ठीक नहीं समझा. अगले हफ्ते जब वो कॉलेज आई तो मुझसे लिपट कर रोने लगी.
मैंने उससे पूछा कि कहाँ थी तुम इतने दिनों से, तो उसने कहा कि कहीं अकेले में मिल कर सब बताऊँगी.
मैंने उस बात को वहीं पर छोड़ दिया.
फिर अगले दिन उसका कॉल आया और कहने लगी कि वह मुझसे मिलना चाहती है लेकिन कॉलेज में नहीं उसके घर पर!
उसने मुझे अपने घर का पता मेसेज कर दिया और जल्दी से आने को बोल दिया.
उसका घर मेरे घर से 8 किलोमीटर दूर था तो मैं वहाँ पर 15 मिनट बाद ही पहुँच गया.
जब मैं उसके घर के पते पर पहुँचा तो वो बाहर ही खड़ी थी, मेरा इन्तज़ार कर रही थी.
मैंने उसको पूछा- क्या बात है?
तो उसने कहा- पहले अंदर चलो.
मैं उसके पीछे चला गया. घर में देखा तो वहाँ कोई भी नहीं था हमारे सिवाय. मैंने जब उसको इस बारे में पूछा तो उसने कुछ नहीं बोला और मुझे पानी देकर कहा- मैं थोड़ी देर में आती हूँ.
इतना कह कर वो अपने कमरे में चली गयी.
मैं वहीं पर बैठ कर सोच रहा था कि क्या हो रहा है आज मेरे साथ?
करीब 20 मिनट बाद उसने मुझे आवाज़ दी और अंदर आने को बोल दिया. मैंने जब बेडरूम की तरफ देखा तो वहाँ पर काफी सारे फूल बिखरे पड़े थे और सीमा एक दुल्हन की तरह घूँघट डाले बेड पर बैठी थी.
मैंने पूछा तो उसने मुझे अपने पास बुलाया.
जैसे ही मैं बेड पर बैठा तो उसने मुझे जोर से जकड़ लिया… इतना जोर से कि मेरी साँस अटक गयी थी. जैसे तैसे मैंने उसे खुद से अलग किया तो वो बोलने लगी- चार्ली, मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ और पिछले ही हफ्ते मेरी सगाई हुई है पर मैं शादी से पहले तुम्हारे साथ अपनी ज़िन्दगी के असली पलों का मज़ा लेना चाहती हूँ. अगर तुम्हें इस बात से इन्कार है तो भी मैं आज तुम्हें पाकर ही रहूंगी, चाहे मुझे उसके लिए तुम्हारे साथ जबरदस्ती क्यों न करनी पड़े.
इतना कह कर वो मेरे होंठों को चूमने लगी और मेरे ऊपर चढ़ गयी. जब तक मैं कुछ समझ पाता, तब तक मैं उसकी बाहों में जकड़ चुका था. मैं अपने आप को बहुत रोक रहा था पर उसकी गर्म साँसें और उसकी सुलगती जवानी मुझे उसकी तरफ खींच रही थी. मैंने भी अपने आप को उसके हवाले कर दिया.
यह देख कर वो मुझ पर और ज्यादा हावी हो गई।
फिर मैंने जैसे तैसे उसको अपने से अलग किया तब जाकर मुझे सांस लेने का मौका मिला.
मैंने जब उसकी तरफ देखा तो वह मुस्कुरा रही थी. उसकी मुस्कुराहट देख कर मैंने उसे अपनी तरफ ख़ीचा और उसके मम्मे दबाते हुए उसकी गर्दन पर किस करने लगा. किस करते करते पता नहीं कब हम दोनों के कपड़े उतर गए थे और हम दोनों नंगे ही एक दूसरे को खींच रहे थे.
जब मैंने उसके नंगे बदन को देखा तब समझ आया कि सारा कॉलेज इसका दीवाना क्यों था.
हाय… वो कड़क चूचे बिल्कुल कड़क… जैसे उन्हे ब्रा की जरूरत ही ना है. कमर तो बिलकुल मस्त और नाभि बिल्कुल गहरी जैसे कोई कुंआ हो. उसके नीचे एकदम गुलाबी चिकनी चूत जिसे देख के किसी के भी मुंह में पानी आ जाये.
मैं उसकी इस खूबसूरत जवानी का तो क़ायल ही हो गया था कि उसने मेरा हाथ पकड़ के मुझे अपनी तरफ खींच लिया. तब जाकर मेरी निद्रा टूटी तो उसने मुझसे कहा- चार्ली, आज मैं पूरी तरह से तुम्हारी होना चाहती हूँ, प्लीज मुझे अपना बना लो!
इतना सुनते ही मैंने उसके चूचे कसकर पकड़ लिए और उसकी चूत की ओर जाने लगा. उसकी चूत की फ़ांकें ऐसे हिल रही थी जैसे मुझे अपने अंदर पूरा समा लेंगी.
मैंने देर न लगाते हुए उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, तो उसकी सिसकारी निकल गयी और वो भी मजे के साथ अपनी चूत को मेरे मुंह पर रगड़ने लगी और खुद अपने चूचे दबाने लगी.
कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और फिर से उसकी चूत चाटने लगा अब वो भी तड़प रही थी और ‘आआह आह… और करो जानू, और अंदर तक जाओ न चार्ली… पूरे घुस जाओ!’ अंदर ऐसे कहने लगी.
फिर मैंने उसकी चूत और गांड को अपनी उंगलियाँ से चोदना चालू किया, थोड़ी देर बाद ही उसने मेरे मुंह में ही अपना पानी छोड़ दिया… उसकी चूत ने इतना पानी छोड़ा कि मेरा पूरा चेहरा भीग गया.
इसी तरह मैं उसके बगल में लेट गया.
थोड़ी देर बाद उसने अपनी आँखें खोली तो मेरे चेहरे को अपने पानी के साथ चाटने लगी. फिर मुझे अपने हाथों से पकड़ कर ले जाकर मेरा चेहरा साफ़ किया और फिर से मुझे किस किया.
इतना करते करते वह मेरे लण्ड पर झपट पड़ी और मेरे लंड को मुंह में ले लेकर मजे से चूसने लगी. उसके चूसने से मेरी भी आह निकल रही थी. साथ ही साथ वो अपनी चूत में उंगलियों को डालकर चूत को गर्म कर रही थी.
जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला हैं तब मैने उसको बताया पर वह नहीं मानी फिर और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी. जिस कारण से मेरा पानी छूट गया और वो सारा पानी पी गई और फिर मेरे लण्ड के साथ खेलने लगी.
कुछ देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो उसने मेरे लण्ड को अपने हाथो से चूत पे लगाया तो मैं समझ गया कि ये अब मुझसे चुदना चाहती है.
पर उसने कहा- मेरी इज़्ज़त का जेवर आज तुम्हारे लिए उतार रही हूँ.
मुझे समझ आ गया की ये अभी तक ये कुंवारी चूत की मालकिन है… फिर मैं अपने लन्ड को उसकी कुंवारी चूत पर धीरे धीरे रगड़ने लगा और उसको चूमते हुए अचानक से पूरा लन्ड उसकी चूत में उतार दिया.
उसकी बहुत जोर से चीख निकली ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ जो मेरे किस की वजह से घुट सी गयी.
फिर कुछ देर तक मेरे रूके रहने के बाद वो खुद ही अपनी गांड उठाकर मेरे लण्ड को अंदर लेने लगी. तब मुझे भी लगा कि अब इसको अच्छे से चोदने में ही ज्यादा भलाई है तो मैंने भी तेजी से झटके मरने शुरू कर दिए.
उसके मुख से बस ‘आह आह आअह… और अन्दर और अन्दर… मजा आ गया जानू… करते रहो और करो… तेज़ करो तेज़ करो… आअह आह…’ इतना ही निकल रहा था.
लग्भा 10 मिनट बाद जब मैंने उससे कहा कि मेरा पानीं निकलने वाला है तो वह बोली – अंदर ही डालो दो सारा पानी.
करीब 20 से 25 धक्कों के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
उसके चेहरे पर बहुत ज्यादा ख़ुशी दिख रही थी, उसने कहा- तुमने आज मुझको ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख़ुशी दे दी. मैं अपना पहला सेक्स अपने प्यार के साथ करना चाहती थी.
और उसने बताया कि वो अपनी शादी के लिए राज़ी नहीं है. जब से मैं उसकी ज़िन्दगी में आया हूँ, तब से उसे मुझसे प्यार हो गया था इसलिए उसने आज मुझे यहाँ बुलाया था जबकि उसके घर के सभी लोग कहीं बाहर गए हुए थे.
मैंने उसे सिर्फ एक किस किया. फिर मैने टाइम देखा तो दोपहर के 2 बज चुके थे और उसके घर वालों का लौटने का टाइम हो गया था इसलिए मुझे वहाँ से निकलना पड़ा. पर उसने मुझसे वादा किया कि वो और भी बार अगर मौका मिला तो मेरे साथ वक्त बिताना चाहेगी.
मैंने उस से यह वादा किया कि जब भी वो मुझे बुलाएगी मैं आता रहूँगा.
उसके बाद मैं वहाँ से चला आया उसकी यादें साथ में लेकर और उससे वादा किया कि मैं उसका हमेशा साथ दूंगा. उसके बाद हमारा रिश्ता ऐसे ही चलता रहा जब तक उसकी शादी नहीं हो गयी. मैंने उसको हर तरीके से चोदा, उसके हर एक छेद को मैंने अपने पानी से भर दिया था… उसको हर एक तरीके से मैंने संतुष्टि दी थी.
अब भी वो मुझे बुलाया करती है पर मैं अब उसकी ज़िंदगी में मुझे ज़हर नहीं घोलना चाहता इसलिए उसके साथ अब कोई भी बात नहीं करता. बस उन पलों की याद लेकर वापस अपनी ज़िन्दगी में खुश हूँ.
तो यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी मित्रो… आप सब को कैसी लगी मेरी कुवारी दुल्हन की चुदाई की कहानी, जरूर बताना…