इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स कैसे हुआ? मैंने कभी सेक्स नहीं किया था तो मुझे सेक्स का क्रेज़ था, भाभी से मैंने सब जान लिया था.
यह इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स की बात उस समय की है, जब मैं 21 साल की थी.
मेरी शादी की बात चल रही थी.
रोज़ कोई ना कोई मुझे देखने आता था.
तीन लड़कों ने मुझे नापसंद किया , फिर एक लड़के को मैं पसंद आ गयी.
मेरे मन में लड्डू फूटने लगे.
यह लगा कि अब तो मैं खूब मज़े करूंगी.
दिन रात वो लड़का मेरे सपने में आता था.
पर मुझे एक डर भी था कि मुझे सुहागरात के बारे में कुछ भी पता नहीं था.
शादी की पहली रात को क्या-क्या होता है, उसके बारे में मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था.
उस समय पोर्न देखना इतना आसान नहीं था और टीवी पर जो देखा था, वह तो सब जानते हैं.
हीरो हीरोइन को किस करने लगा और उसको लिटा कर उसके ऊपर चढ़ गया.
कुछ देर तक किस करने के बाद कैमरा हट जाता और कभी फूल कुचला हुआ दिखाया जाता, तो कभी कोई पक्षी चिचियाता हुआ दिखाया जाता l
हालांकि इतने से यह तो समझ में आता था कि कुछ न कुछ तो हुआ है.
अब क्या हुआ है और कैसे हुआ है, यह कुछ भी नहीं पता था.
खैर … मैंने भाभी की मदद ली.
वे भी 27-28 साल की थीं लेकिन उनकी शादी को दो साल हो गए थे, वे सब जानती थीं.
मैंने जब उनसे कहा तो बोलीं- छोटी आज रात जब तेरे भैया और मैं कर रहे होंगे, तो तू दरवाज़े से झाँक लेना. एक ही बार में सब समझ में आ जाएगा.
रात में करीब बारह बजे उनका मैसेज आया- आ जा … तेरे भैया आज मूड में हैं.
मैंने अन्दर झांका तो देखा दोनों आपस में किस कर रहे थे.
भाभी की साड़ी का पल्लू गिरा हुआ था.
और भैया पूरे नंगे थे.
उनका लिंग खतरनाक तरीके से खड़ा था और फुंफकार रहा था.
लिंग का ऐसा स्वरूप मैंने अभी तक नहीं देखा था.
अभी तक सामने से मैने किसी बच्चे की नूनी देखी थी या छिपी हुई नजरों से गली में मर्दों को मूत्र विसर्जन करते देखा था.
पहले कभी मैंने किसी के भी लिंग को इतना फुफकारता हुआ कभी नहीं देखा था.
कमरे में भाभी अपने बिस्तर पर जाकर सीधी लेट गयीं.
भैया उनके ऊपर चढ़ कर पेट के बल लेट गए.
उन्होंने भाभी को चूमना व चूसना शुरू किया.
थोड़ी देर में ही भैया ने भाभी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके चूचों को बुरी तरह निचोड़ डाला.
भाभी की कामुक सिसकारियों से कमरा गूंज उठा.
फिर भैया ने भाभी का ब्लाउज एक झटके में उतार दिया.
और फिर ब्रा भी हटा दी अब वे भाभी के नंगे चूचों को चूसने लगे.
उन्होंने भाभी को चित लिटा रखा था, भाभी के दोनों हाथ उन्होंने अपने हाथों से दबा रखे थे.
भाभी भी भैया की शरीर के दबाव से मचल रही थीं.
कुछ देर के बाद भैया उठे और उनके पैरों को फैलाकर बीच में चाटने लगे.
भाभी इस हमले के लिए तैयार ना थीं.
वे सिहरने लगीं पर कुछ दस सेकंड बाद भाभी सहज हो गईं और भैया का सर अपनी टांगों के जोड़ पर दबाने लगीं.
भाभी की टांगों का जोड़ मुझे दिख नहीं रहा था पर इतना तो पता ही था कि उधर योनि होती है और भैया भाभी की योनि चाट रहे हैं.
कुछ देर तक योनि चाटने के बाद ही भाभी एकदम से अकड़ी और आह भरती हुई ढीली पड़ गयीं.
भाभी ने कहा- अब तुम चुदाई कर लो, चोद लो मुझे … मसल दो मेरी जवानी को अपनी मर्दानगी से … आह सच में खा जाओगे आज तो तुम मुझे!
भैया मुस्कुरा दिए और बोले- आज बड़ा मुँह चल रहा है. पहले मुँह में तो ले लो.
भाभी ने कुछ नहीं कहा.
भैया ने उठ कर अपना लौड़ा भाभी के मुँह में पेल दिया.
भाभी भैया का लौड़ा चूसने लगीं.
यह सब मेरे लिए अकल्पनीय था.
मुझे थोड़ी सी घिन भी आ रही थी और थोड़ा अच्छा भी लग रहा था.
मेरी योनि से पानी निकलने लगा था और मेरा हाथ खुद ही मेरे दूध पर आ गया था.
मैं अपने एक हाथ से अपने एक दूध को दबाने लगी.
सामने देखा तो भैया ने अपना सख्त लिंग भाभी के मुँह से बाहर निकाला तो वह पूरी तरह से थूक से सना हुआ था और चमचमा रहा था.
भैया फिर से सीधे होकर भाभी के ऊपर चढ़ गए थे.
भैया ने अपने हाथ से लिंग भाभी की योनि में लगाया और अपनी कमर को धक्का देते हुए अन्दर डाल दिया.
जैसे ही भैया का लन्ड भाभी की चूत में घुसा, भाभी की आह निकल गई.
भैया ने कहा- क्या हुआ?
वे बोलीं- धीरे करो न … लगती है.
भैया ने कहा- अच्छा आज ‘लगती है’ तो ऐसे कह रही हो जैसे पहली बार लंड ले रही हो.
भाभी बोली- लंड तो रोज लेती हूँ जान … पर आज न तुम्हारा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है.
मुझे भैया भाभी के मुँह से लंड शब्द सुनकर बड़ी शर्म आई.
यह सब मैंने सब्जी मंडी में कुछ सब्जी बेचने वालों को गाली देते हुए सुना था.
वे एक दूसरे को मां का लौड़ा या बहन के लंड जैसी गालियां देते थे. वे बहन की चुत भी कह कर गाली देते थे तो मुझे योनि के बारे में भी जानकारी हो गई थी कि योनि को ही चुत कहा जाता है.
अब भैया भाभी की योनि में धक्के देने लगे.
भाभी कराहती रहीं और भैया लंड पेलते रहे.
अब भाभी ने अपने दोनों पैर मोड़ लिए थे और भैया के पैरों के पास कर लिए थे.
भैया भी पूरे जोश में आ गए थे और वे भी पूरे जोश में भाभी की चूत में हमले कर रहे थे.
भाभी भी अपना मुलायम बदन बचाने की कोई कोशिश नहीं कर रही थीं.
वे भी भैया का पूरा साथ दे रही थी.
कुछ देर इसी तरह चुदाई करने के बाद भैया ने मैदान मार लिया.
भाभी उनसे हार के नीचे ही लेटी रहीं.
फिर कुछ देर बाद भैया उठे और अपने लौड़े से कुछ उतार कर लेट गए.
वह बाद में भाभी से मैने पूछा था कि भैया ने लंड पर कंडोम चढ़ाया हुआ था.
इसके लगाने से बच्चा नहीं होता है.
अब भाभी ने मुझे देखा और आंख मारी.
फिर भाभी भी भैया से नंगी चिपक कर सो गयीं.
अगले दिन जब भैया ऑफिस चले गए तब भाभी मेरे पास आईं और कहा- देखा तुमने मुझे, कल रात को हमने कैसे किया था?
मैं बोली- हां मैने देखा था लेकिन सब कुछ भैया ने किया था. आप तो बस उनके नीचे लेटी रहीं.
भाभी बोलीं- हां, मुझे उनके नीचे रहकर ही करना पसंद है. शादी की रात में ही हमने यह पक्का कर लिया था कि मैं हमेशा नीचे ही रहूंगी … और हम दोनों मिशनरी पोज में ही सेक्स करेंगे!
मैंने पूछा-अच्छा मतलब यह सेक्स था और मिशनरी पोज में किया था. भैया बिस्तर में ऐसे ही हमेशा आप पर हावी रहते हैं!
भाभी बोली- हां … वे ही हर बार ऊपर चढ़ कर मुझे चोदते हैं.
उनके मुँह से ‘चोदते’ शब्द सुनकर मुझे बड़ा अजीब सा लग रहा था.
खैर … इसी तरह से मैंने कुछ दिन तक भैया और भाभी की चुदाई को देखा.
फिर जब मेरी शादी हुई तो शादी के बाद सुहागरात वाली रात भी आ गई.
विदाई के समय ही भाभी ने मेरे कान में बोल दिया था कि आज तेरी जवानी पर भी एक मर्द की मुहर लग जाएगी.
मैं समझ गई थी कि आज मेरी चूत में मेरा पति अपना लंड डालेगा.
इसी चुदाई के खेल के द्वारा मेरी कमसिन जवानी पर मेरे मर्द के लंड की मुहर लग जाएगी.
मैं अपनी ससुराल आ गई.
सारे रीति रिवाजों को पूरा करने के बाद मुझे लाल साड़ी में सजा कर सुहागरात के लिए कमरे में भेज दिया गया.
कमरे को बड़ा ही सुंदर तरीके से सजाया गया था.
मैं मंत्र मुग्ध सी लाल साड़ी में लिपटी हुई अपने बिस्तर पर बैठा दी गई.
मुझे ऐसा लगने लगा कि पतिदेव के लिए थाली में पकवान की जगह मुझे सजा दिया गया था.
कुछ देर बाद कमरे का दरवाजा खुला और मैं किसी हिरनी के जैसे चौकन्नी हो गई.
मुझे लगा कि शेर आ गया है और वह मुझे कच्चा चबा जाएगा.
मेरे पति मेरे पास आकर पलंग पर बैठ गए.
उन्होंने कहा- मेरी तरफ देखोगी?
मैं कुछ नहीं बोली, बस सर झुकाए चुपचाप बैठी रही.
पति ने कुछ देर तक मुझसे एक तरफा बातें की और मैं बस ‘हूँ हां’ में जबाब देने लगी.
कुछ देर बाद पति ने मेरी ठोड़ी को उठाया और मेरी तरफ देख कर कहा- सिर्फ हूँ हां ही करती हो या कुछ बोलोगी भी?
मुझे हंसी आ गई.
फिर उन्होंने एकदम से मुझे धक्का दिया, जिससे मैं पीठ के बल बेड पर लेट गयी.
मैं शर्मा गयी, वे मेरे बराबर में लेट गए.
मैंने सोचा कि इन्हें तो मेरे ऊपर लेटना था … ये बराबर में क्यों लेट गए?
तभी वे मेरे कान में बोले- ऊपर कौन रहेगा?
मैं झट से बोली- आप ही चढ़ जाओ!
वे भी बिना एक पल जाया किए मेरे ऊपर चढ़ गए.
और अब पोजीशन यह थी कि मैं सीधी ही लेट गयी थी.
मेरे दोनों हाथ तकिये पर थे और मैंने अपने मुँह को एक तरफ कर रखा था … और आंख बंद कर ली.
वे मेरी कमर पर बैठे थे.
फिर वे झुके और मेरे होंठों पर अपनी जीभ से चाटने लगे.
मैं सिहर गई.
पतिदेव किस करने लगे.
मैं जरा भी हिल-डुल नहीं रही थी.
तभी उन्होंने एक कड़क आवाज़ में मुझे आदेश दिया- पूरी नंगी हो जाओ.
मैंने घबरा कर अपने कपड़े उतार दिए।
मैं नीचे से पैंटी और ऊपर से ब्लाउस और ब्रा में रह गई थी.
पति ने ब्लाउज को खींचा तो ब्लाउज में लगे चिटकनी वाले बटनों ने चिट चिट करके हार मान ली और ब्लाउज पूरी तरह से हवा में झूल गया.
मेरे तने हुए ठोस दूध ब्रा में कसे हुए पतिदेव को भा गए.
उन्होंने मुझे फिर से धक्का देकर गिरा दिया और मेरी पैंटी उतारकर अलग कर दी.
अब वे मेरी योनि चाटने लगे.
ऐसा मज़ा मुझे कभी भी नहीं मिला था.
सच में … आज मुझे मालूम हुआ था कि भाभी क्यों मजे में अपनी टांगें खोलकर कर भैया से अपनी चूत चटवा रही थीं.
मेरी चूत में कीड़ा सा बिलबिलाने लगा था जो पति की जीभ से लगातार लड़ रहा था.
कुछ देर में ही मैं झड़ गयी.
अब उनकी बारी थी.
उनका लिंग काफ़ी बड़ा था.
उन्होंने अपने लन्ड को मेरी चूत पर रखा.
मैं उनके लन्ड के टोपे का अहसास कर ही रही थी कि उन्होंने एक ही झटके में लन्ड अन्दर दे दिया.
मेरी ज़ोर की चीख निकल पड़ी- आह … मार डाला आपने … आह!
अभी मैं कुछ देर और चीखती तब तक पतिदेव ने मेरे मुँह पर अपना एक हाथ रख कर जोर से दबा लिया और गाली देते हुए कहा- चुप कर साली … सबको जगाएगी क्या?
मैं छटपटा रही थी और उनकी पकड़ से छूटने की कोशिश कर रही थी.
लेकिन वे ना रुके.
उनकी मर्दागी हिलौरें मार रही थी.
वे मुझे दबोच रहे थे और मैं मासूम सी लड़की उनको झेल रही थी.
उनके दमदार मसल्स देख कर मैं और ज्यादा गीली हो रही थी.
कुछ देर चली इस लड़ाई के बाद उन्होंने अपनी जीत की मोहर मुझ पर लगा दी.
वे कुछ देर मेरे ऊपर ही लेटे रहे.
फिर एक तरफ हट कर और लेट गए.
मैं भी दर्द से कराहती हुई अपने पति के बाजू में लेटी अपनी चूत पर हाथ फिरा रही थी.
चूत से खून निकला था.
वह तो भाभी ने बताया था कि खून निकलता है वरना तो मैं डर ही जाती.
इनोसेंट गर्ल फर्स्ट नाईट सेक्स के बाद न जाने कब नींद आ गई.
सुबह भाभी का फ़ोन आया.
उन्होंने पूछा- क्या रहा?
तो मैं बोली- ये बहुत ही ताक़तवर हैं भाभी … कम से कम 80 किलो के हैं. रात भर मेरे ऊपर चढ़े रहे. मैं अब ठीक से चल भी नहीं पा रही हूं!
हालांकि मेरे पति ने सिर्फ एक बार मुझे चोदा था, पर मैंने अपनी शेखी मारते हुए भाभी से सारी रात का बोल दिया था.
भाभी हंस कर बोलीं- ठीक हो जाओगी, मर्द ऐसे ही होते हैं. अब सुबह भी एक डोज़ दे देना उन्हें!
मैं उन्हें जगाने गयी, तो वे बोले- चाय का कप ज़रा टेबल पर रख कर इधर आना!
मेरे दिमाग़ में आ गया कि ये मुझे फिर से लिटाने वाले हैं.
मैं चाय का कप रखा और उनके पास आई तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने पास खींच लिया.
वे बोले- फिर से करें!
मैंने हां में सर हिला दिया.
वे बोले- अब तुम करो.
मैं बोली- मैं उस तरह की लड़की नहीं हूं. मेरी मां कहती हैं कि औरत को मर्द के नीचे ही रहना चाहिए!
वे बोले- ठीक है.
यह कह कर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गए.
वे बोले- मुँह खोलो.
मेरे मुंह खोलते ही, उन्होंने अपना लन्ड मेरे मुँह में दे दिया और अन्दर बाहर करने लगे.
जब उनका लंड टाइट हो गया, तो उन्होंने मेरी साड़ी ऊपर उठाई और लंड अन्दर डाल दिया.
मुझे फिर से दर्द हुआ.
दूसरी बार में ही कोई इंजन थोड़े एकदम से रवां हो जाता है.
वे मेरे नाजुक बदन पर कूदने लगे.
मैं थकी हुई मासूम की तरह सीधी लेटी रही.
कुछ देर बार मुझे भी मजा आने लगा और वे तो एकदम तेजी से कर रहे थे.
पलंग ज़ोर से आवाज कर रहा था.
पांच मिनट बाद उनके लन्ड ने पानी छोड़ दिया और वह मेरे अन्दर से लन्ड निकाल कर एक तरफ लेट गए.
मैं अभी भी इस कुश्ती से हारी नहीं थी इसलिए सीधी लेटी रही.
मुझे लगा कि पतिदेव अभी और करेंगे.
लेकिन वे अपने लिंग के साथ वापस मुझ पर नहीं चढ़े.
कुछ पल बाद वे उठे और मेरी योनि चाटने लगे.
मुझे राहत मिलने लगी.
कुछ देर तक अपनी चूत चटवाने के बाद मेरे अन्दर से एक जोर का कंपन सा हुआ और मैं मज़े के समुन्दर में समा गयी.
पतिदेव ने मेरे रस को चाट लिया और उठ कर चले गए.
मैं यह सोच रही थी कि ये क्या हुआ था मुझे?
दोपहर में भाभी को मैंने यह बात बताई.
उन्होंने मुझसे जो कहा, वह मैं आपको अगली बार जरूर बताऊंगी ….