मेरा नाम रोहन है और मेरी उम्र 24 साल है। में आज जो ये स्टोरी लिख रहा हूँ वो मेरी और मेरी एक मामी ज़ी के साथ मेरे अनुभव के बारे में है। मेरे मामा से उनकी शादी 2005 में हुई थी। मामी खूबसूरत है और दिखने में गजब है। उनका साइज़ 36-28-34 है और उनकी उम्र 29 साल है। मामा की शादी के बाद जब वे पहली बार ससुराल में आई तभी मैंने उनसे दोस्ती कर ली थी, वैसे भी जब नई दुल्हन घर आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है। यहाँ भी वही होना लाज़मी था। में भी इस काम में मदद करता था, क्योंकि मुझे भी मामी के साथ बात करने का मौका मिलता था और मामी भी मुझसे बातें करके समय बिता लेती थी। ऐसे ही हमारी दोस्ती अच्छी हो गयी और हम लोग खाना भी साथ में खाने लगे, क्योंकि बाद में मुझे मेरे कॉलेज की पढाई की वजह से 1 हफ्ते बाद ही वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा।
मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और मामा जी का घर कानपुर में है यहाँ से में मामी ज़ी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और धीरे-धीरे मैंने उनसे गहरी दोस्ती का रिश्ता बना लिया। उनकी शादी में मुझे उनकी एक फ्रेंड भी काफ़ी पसंद आई थी और में अक्सर मामी से कहता कि मेरी उससे शादी करावा दो तो वो भी कहती कि हाँ हाँ करवा देंगे जब सही समय आयेगा। तो इन सब बातों को करते हुए हम काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये थे, में अक्सर उनसे उनकी शादीशुदा लाईफ के बारे में, फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था, जिस पर कभी वो शरमाती तो कभी तुरंत जवाब देती और मजाक़ में कहती कि तुम्हारी शादी होने दो, फिर देखेंगे तुम क्या-क्या प्लानिंग करते हो।
ऐसे ही वक़्त गुजर गया और फिर लगभग 7-8 महीने के बाद मैं अपनी छुट्टियों में मामा जी के घर पहुँच गया और इस बार वहां रुकने के लिए मेरे पास काफ़ी समय था और घर पहुँच कर मैं सभी से मिला नानी, मामा, कज़िन, सभी काफ़ी खुश हुये और में भी बहुत खुश हुआ, लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी मामी जी से मिलने की थी और उनके साथ वक़्त बिताने की थी। मामा स्कूल टीचर है तो वो सुबह जाते और शाम को घर आते। मामा, मामी की शादीशुदा जिन्दगी काफ़ी बेहतर चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश थे और आज भी है और नानी, नाना और सभी फैमिली मेंबर अपने अपने काम में लगे रहते थे। गावों में, वैसे भी कोई ना कोई काम लगा ही रहता है। मामी भी घर के काम में लगी रहती है, लेकिन ज़्यादा नहीं और किचन का काम करके फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय गुजरती है। में भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था।
फिर जब वे खाना बनाती तो में किचन में उनके साथ समय गुजरता या फिर बाद में उनके रूम के आस-पास घूमता रहता और इसी बीच वो मुझे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती। लंच भी हम साथ में ही करते थे, वो भी अच्छी है और में भी ठीक ठाक हूँ। तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी आपस में अच्छी बनती थी। हम नॉर्मली उनके बेड पर बैठकर ही लंच करते थे। कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना खिलाया है। मुझे बहुत अच्छा लगता था। ऐसे ही एक दिन लंच के बाद में मामी नहा के तैयार हुई। उन्होंने ब्लैक कलर की साड़ी पहनी, बाल खुले हुए जिनसे से हल्की-हल्की पानी की बूंदे टपक रही थी, ब्लाउज जो की चिपका हुआ था, लेकिन उनकी हेल्थ अच्छी होने की वजह से और भी चार चाँद लगा रहा था।
उनका गोरा मखमली पेट देखकर मेरे अंदर हलचल मच गयी थी। में भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ड्रेसिंग टेबल के पास तैयार होने लगा, उस समय मामी किचन में थी। में तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है, लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रोडक्ट्स की किट में से क्रीम और कोई भी सामान जो मुझे चाहिए हो, वो ऑफर किया। मैंने कहा मामी में तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसे गोरे और सुंदर लोगों लिए अच्छे है। तभी वो बोली तुम कहाँ से बुरे हो, गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता व्यवहार का भी तो असर होता है और तुम्हारा व्यवहार काफ़ी अच्छा है। मैंने उन्हें मुस्कुराते हुए थैंक्स कहा तो उन्होंने कहा तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे।
फिर लंच करते समय वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी, उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही ख़त्म हो गई थी, मेरा तो दिल कर रहा था कि इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा क्या बात है खाना क्यों नहीं खा रहे हो? तो मैंने बोला मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझसे बहुत बार पूछा, लेकिन मैंने उन्हें कुछ नहीं बताया। फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खाना खिलाना शुरू किया। उनके कोमल हाथों से खाना खाने में अच्छा लग रहा था। कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होठों के बीच में दबा लिया और वो हस्ती हुई बोली बदमाश खाना खाओ, मेरी उंगलियाँ मत खाओ।
में : मुझे खाना तो नही खाना है में तो बस आपकी वजह से ही खाना खाने की इच्छा जता रहा हूँ।
मामी : अच्छा बेटा तो खाने में नहीं मेरी उंगलियों में तुम्हारी रूचि है?
में : मुझे तो आपकी हर चीज में रूचि है। आप मुझे बहुत प्यारी लगती हो, में आपको तो खा सकता हूँ, लेकिन खाना नहीं खा सकता।
मामी : अच्छा तो ये बात है। इतनी हिम्मत है, लगता है कि अब तो तुम्हारी शादी की बात करनी ही पड़ेगी।
में : में तो कब से कह रहा हूँ, लेकिन आप ही बात आगे नहीं बढ़ाती हो तो इस पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। मुझे पानी पीना था तो मैंने मामी के बालों से टपकते पानी को देखा जो कि उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। मैंने कहा मामी पानी देना तो वो ग्लास देने लगी मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है।
उन्होंने मुझे चिढाते हुए मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ दिया और कहा सुधर जाओ, वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो हल्की नींद लेने का प्लान था। लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे। बातें करते-करते में उनका पेट देख रहा था और पेट पर उनकी गहरी नाभि क्या कमाल लग रही थी। मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद है और बातें करने के समय ही में उनके और करीब चला गया और उनके भीगे बालों को छूने लगा। मामी के लाल होंठ मुझे आमंत्रित कर रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होठों को चूम लूँ। इसके बाद मैंने अपने हाथ से मामी का हाथ पकड़ा और हल्का सा सहलाया, मामी मेरी तरफ देखने लगी और मैं उनकी तरफ देखा रहा था, मेरी साँसे भारी हो रही थी।
इतने में मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनके पेट पर मैंने अपना हाथ रख दिया और उसे सहलाया तो मामी ने मना किया। तो उन्होंने कहा हम अच्छे दोस्त है, लेकिन यें सब मत करो, ये ठीक नहीं। लेकिन फिर में दुखी हो गया और उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया। उनके बदन की खुशबू और स्पर्श ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया। फिर मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक कोने से दूसरे कोने पर रोल होने लगे। मामी मुझे प्यार से समझा रही थी, तभी में उठा और मामी को सीधा करके उनके होठों पर अपने होंठ रख दिए।
फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। फिर मामी मुस्कुराते हुए बोली बदमाश, किस्सर तो ज़बरदस्त हो, पहले कितनों को कर चुके हो? में थोड़ा सा हसा और कहा आगे-आगे देखो में क्या करता हूँ। फिर मैंने उन्हें लेटने को कहा और उनका ब्लाउज अपने हाथो से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी पीठ पर खूब किस किया। फिर ब्रा हटाने के बाद उनका ऊपर का शरीर देखकर में सिहर उठा और मेरे पूरे बदन में कंपकपी छूट गई फिर मैंने उनके निपल्स को खूब चूसा और चाटा। तो मामी उत्तेजना की वजह से बड़बडा रही थी, ओह्ह्ह्ह रोहन तुम कितने अच्छे हो मजा आ गया और करो। फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा, चिकने पेट की वजह से मेरी नियत उन पर खराब थी। उस पर पहले तो जी भरकर सहलाया और फिर उसे चूमा, मैंने अपनी जीभ से उसे चाट-चाट कर एकदम लाल कर दिया और साथ ही मैंने उनका पेटिकोट भी निकाल दिया।
फिर अब बारी थी गहरी नाभि की, क्या गजब चीज़ थी। मैंने वहीं ग्लास में रखा पानी नाभि में भरा और उसे पिया। मामी सिसकारियाँ भर रही थी, उन्हें जैसे जन्नत के दर्शन हो गये हो और कहने लगी कि ओह्ह्ह रोहन तुमने कैसा नशा घोल दिया है, मुझे गुदगुदी हो रही है, ऑफ उहह वो मेरे बालों में उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थी। फिर मैंने अपनी पेंट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया, इतने में मामी बोली, ओह रोहन प्लीज़ अंडरवेयर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवेयर को धीरे-धीरे उतारने लगी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवेयर ऊतार फेंका और मेरे लंड को हाथ में लेकर किस करने लगी, में सातवें आसमान पर था। मैंने उनकी चूत में साईड से उंगली डालते हुए उसे टाँगों से अलग कर दिया। उनकी चूत एकदम क्लीन थी उनके पेट और चूत का रंग बहुत गोरा था। और मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 7 इंच लम्बा है।
फिर में उनकी चूत में उंगली करने लगा और वो मेरे लंड को चूस रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे कि तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधा लेट गया। मामी की चूत से काफी पानी निकल रहा था। मैंने अपना लंड चूत के ऊपर रखा और एक झटके में ही आधा लंड डाल दिया, मामी चहक उठी, ओह्ह्ह्हह डियर मज़ा आ गया। फिर मैंने दूसरे झटके में ही पूरा लंड चूत में डाल दिया और थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा और साथ ही साथ मामी के होठों पर किस करता रहा। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तो मैंने अपनी रफ्तार भड़ा दी और फिर ताबड़तोड़ झटके अंदर-बाहर करने लगा।
मामी : ओह्ह्ह जानू, आई लव यू सो मच, लगे रहो और अंदर घुस जाओ अपनी मामी की चूत फाड़ दो, उई उम्म अहह।
में बीच-बीच में कभी नाभि को किस करता तो कभी बूब्स को तो कभी होंठ को किस करता। ऐसा करते-करते 10-15 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये और उसी अवस्था में काफ़ी देर तक पड़े रहे। उसके बाद मामी ने मुझे खूब किस किया और प्यार किया। फिर बाद में मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाये और ऐसा करते हुए उन्हें काफ़ी चोदा और और में उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आइसक्रीम भरकर चाटता हूँ और ऐसा करके मुझे बहुत अच्छा लगता है। मामी और मेरा प्यार आज भी फल जैसा है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है।
कहीं कोई समस्या नहीं है, सब जगह प्यार ही प्यार है