Desi Chudai Story किरायेदार को किराए के बदले चोदा!! XXX Stories

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देसी सेक्स कहानी में अपनी सेक्सी किरायदार को चोदने की इच्छा से उसे देखा करता था. वह हमारे घर आया करती थी. मैंने उसे कैसे सेट करके चोदा, और उसकी गांड भी मारी

Desi Girl Sex Story Desi Chudai Story

देसी सेक्स कहानी में मैं अपनी सेक्सी किरायदार को चोदने की तमन्ना से उसे देखा करता था. वह हमरे घर आया करती थी. मैंने उसे कैसे सेट करके चोदा, उसकी गांड भी मारी.

दोस्तो, मेरा नाम असलम है. मैं एक गांव में रहता हूँ. (ये कहानी आप Desi Chudai Story पर पढ़ रहे है)

यह देसी सेक्स कहानी उन दिनों की है, जब मेरी उम्र 17 साल की थी.
मेरे पापा एक व्यापारी हैं. उनके अच्छे व्यापार के चलते हमें कभी भी पैसों की कमी नहीं हुई.

मैं शुरू से ही सेक्स का दीवाना था.

मेरे घर में एक कीरायदार रहती थीं, उनकी उम्र करीब 28 साल की रही होगी. में उन्हें आंटी कहकर बुलाता था ।
उनकी की हाइट 5 फुट 4 इंच की थी. वे देखने में ठीक-ठाक माल थीं.
उनकी गांड और चूचियां भरी हुई थीं. कुल मिलाकर आंटी का फिगर मस्त था.

वे कभी कभी हमारे घर में आती रहती थीं और मुझसे काफ़ी बातें किया करती थीं.

उनसे बात करते समय मैं उनकी चूचियों को निहारता रहता था और मेरे मन में बस यही चलता कि काश एक बार आंटी को चोदने का मौका मिल जाए.

एक दिन की बात है, आंटी को कुछ पैसों की तंगी थी तो वह किराया देने में कभी कभी देर भी कर देती थीं । एक दिन मेरी मम्मी उनसे किराया मांगने गई तो उन्होंने ये बोल दिया कुछ दिन रुक जाइए फिर में आपको दे दूंगी।
और मेंरी मम्मी को अपनी सारी परेशानी बताने लगी। मेरी मम्मी ने उन्हे 2 दिन का समय दिया और बोला नहीं तो घर खाली कर देना।

मैं उन दोनों की सब बातें सुन रहा था.

आंटी को पैसों की सख्त ज़रूरत थी,क्युकी उन्हें किराया भी देना था और अपना रसन भी लाना था ।उनका पति कुछ काम नहीं करता था. उनको सट्टा खेलने की बुरी आदत भी थी.

मैंने उनकी की बात सुन कर सोचा कि क्यों ना मैं ही इन्हें पैसे दे दूँ और मौका मिला तो इन्हें सैट भी कर लूँगा.

यही सब सोच कर मैं मम्मी का उनके पास से जाने का इंतजार करने लगा और उनके जाते ही मैंने उन्हें एक तरफ ले जाकर कहा- आप मुझसे पैसे ले लो और किराया चुका दो जब आपके पास हो जाएं … तब वापस दे देना, पर यह बात मेरे घर वालों को पता नहीं चलनी चाहिए!

अब आंटी तो पैसे के लिए परेशान थी हीं, उन्होंने झट से हां बोल दी.

मैंने उनको पैसे दे दिए.
आंटी ने मेरे तरफ खुश होकर देखा और बोलीं- मालिक तुम्हें खूब तरक्की दे.
वे यह कह कर अपनी गांड मटकाती हुई चली गईं.

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उन्होंने पैसे लेने के बाद मेरे घर आना और मम्मी से बात करना भी बंद कर दिया।
कुछ तो मेरी अम्मी ने भी उनसे बात करना कम कर दी थी कि कहीं ये फिर से किराया देने में देर न करने लगें.

दूसरी तरफ आंटी को मेरे पैसे वापस करने थे तो वे अब मुझे भी नहीं देखना चाहती थीं कि कहीं मैं उनसे पैसे वापस मांगने की बात न करने लगूँ.

इस तरह से काफ़ी दिन हो गए.

उन्होंने पैसे वापस ही नहीं किए.
मैंने भी उनसे पैसे नहीं माँगे.

फिर एक दिन पापा और मम्मी को कोई काम आ गया और वे दोनों मेरे ननिहाल चले गए.
वे दोनों दो दिन के लिए गए थे.

उस दिन मैं उनके साथ नहीं गया था क्योंकि मुझे मन में ख्याल आया कि आज मैं आंटी को बुला कर सेक्स का बोल ही दूँगा.
जैसे ही मेरे मम्मी पापा गए, मैं आंटी के घर के बाहर ही जाकर बैठ गया.

मैं सोचने लगा कि इनको कैसे चोदूं?

कुछ देर बाद मैं उनके घर में चला गया.
वे सामने ही दिख गईं.

मुझे देख कर उनके चेहरे पर कुछ घबराहट के से भाव आ गए थे कि मैं उनसे पैसे की बात करने आ गया हूँ.

उन्होंने मुझे बैठने के लिए कहा.
मैं आंटी से बातें करने लगा- और सुनाओ आंटी आप कैसी हैं?

वे कहने लगीं- अब क्या सुनाऊं बेटा. बस अपनी बदनसीबी के दिन काट रही हूँ.
मैंने उनके चूचे देखते हुए कहा- अरे सब ठीक हो जाएगा आंटी … चिंता मत किया करो.

उन्होंने मेरी नजरों को ताड़ लिया और कहा- मुझे तो अभी तुम्हारे भी पैसे देने बाकी हैं.
इस पर मैंने कहा- अरे कोई बात नहीं, दे देना.

वे बोलीं- हां, पैसों को भी लिए हुए काफी दिन हो गए हैं.
मैंने कहा- कोई बात नहीं … पैसे नहीं भी देना है, तो मत दो. पर आपको मेरा एक काम करना है.

वे पैसे माफ होने की खुशी को दबाती हुई बोलीं- क्या काम?
मैंने कहा- आंटी, आज घर में कोई नहीं है और मुझे आप बहुत पसंद हो, तो क्या आप मेरे घर आ सकती हो?

उन्होंने पहले तो मुझको देखा, उनकी नजरों से मैं डर सा गया कि साला रायता न फैल जाए.
फिर आंटी ने एक पल सोचने के बाद हां बोल दी.

पर उन्होंने कहा- अभी सब लोग वापस आने वाले भी हैं. मैं कल सुबह जल्दी आ जाऊंगी.
मैंने भी ज़्यादा फोर्स नहीं किया और घर आ गया.

उसके बाद मैंने अपने एक फ्रेंड के घर जाकर खाना खा लिया और घर वापस आ गया.
रात हो गई थी तो बस आंटी के बारे में सोच सोच कर लंड सहलाने लगा, लंड कड़क हो गया तो मुठ मार कर सो गया.

जब सुबह हुई, तो मैं उठ कर फ्रेश हुआ और चाय बनाकर पीने लगा.
तभी वे मेरे घर आ गईं. (ये कहानी आप Desi Chudai Story पर पढ़ रहे है)

आंटी जैसे ही मेरे घर में आईं, मैंने चाय का कप एक तरफ रखा और आंटी को कामुक नजरों से देखते हुए पकड़ कर सोफ़े की तरफ किया और उनसे बैठने का इशारा किया.

वे मुझे देखती हुई सोफ़े पर बैठ गईं और मैंने दरवाजा बंद कर दिया.

आंटी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगीं. मैं उन्हें बांहों में लेकर चूमने लगा.
वे भी कुछ नहीं बोलीं बस मेरे होंठों से चुंबन का मजा लेने लगीं.

मैंने दस मिनट तक उसके होंठों को चूसा.

फिर उन्होंने कहा- कोई आ न ज़ाए?
मैंने कहा- कोई नहीं आएगा. मैंने दोनों तरफ़ से दरवाजे बंद कर दिए हैं.

अब मैंने आंटी को लिटाया और उनके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
वे भी धीरे धीरे गर्म होना चालू हो गईं.

मैंने उनकी साड़ी के अन्दर हाथ डाल दिया और जांघों के सहलाते हुए मैं उनकी चूत तक आ गया.

आंटी ने चड्डी पहनी ही नहीं थी.
शायद वे चुदवाने का मूड बना कर ही आई थीं.

चूत एकदम सफाचट थी.

मैंने उनकी चूत में उंगली डाली तो मेरी उंगली बड़े आराम से चाची की चूत में सरकती चली गई.

चूत में रस भरा पड़ा था.
इसका मतलब साफ था कि चाची भी चुदाई के पूरे मूड में आई थीं.

उनकी सफाचट चूत से लग तो रहा था, पर गीली चूत से ये भी साफ हो गया था कि वे खुद अपनी चूत की सर्विसिंग करवाने की सोच कर आई थीं.

अब मैंने आंटी की चूत में दो उंगलियां डालीं, तो वे दोनों भी घुसती चली गईं, लेकिन थोड़ा कसावट के साथ गई थीं.

वह आह आह करने लगी थीं.
मैंने पूछा- क्या हुआ?

वे कहने लगीं कि अब उंगली से ही करते रहोगे क्या?
मैंने कहा- आपको लंड से करवाने की जल्दी हो, तो लंड से ही चुदाई शुरू कर दूँ?

आंटी सेक्स की उतावली में बोलीं- हां, पहले एक बार जल्दी से अपने उससे ही कर दो. बाद में खेलते रहना.

मैंने समझ लिया कि आंटी काम वासना से खुद ही सुलगी जा रही हैं. शायद अंकल का लंड काम का नहीं है. ये सिर्फ मेरे पैसे चुकाने के लिए मुझसे चुदवाने नहीं आई हैं. इनको खुद ही लंड की जरूरत है इसी लिए मेरे साथ बार बार चुदवाने के लिए भी राजी हैं.

अब मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो वे लौड़े को अचरज से देखने लगीं.
मेरा लंड 5.8 इंच लंबा और 3.4 इंच मोटा है.

लंड को देखते ही वे बुत सी बन कर रह गईं; उनका मुँह खुला का खुला ही रह गया था.
मैंने उनको धक्का देते हुए सीधा लिटाया और लंड को उनकी चूत पर रख दिया.

वे भी गर्म हो चुकी थीं और लंड लीलने के लिए खुद से मरी जा रही थीं.
मैंने लौड़े को चूत की फांक पर सैट किया और एक ज़ोरदार धक्का लगा दिया.

लंड अन्दर घुसा तो आंटी की चीख निकल गई.
वह कराहती हुई कहने लगीं- आह मर गई … क्या फाड़ना है? (ये कहानी आप Desi Chudai Story पर पढ़ रहे है)

मैंने कहा- क्या अंकल ने आपको ठीक से चोदा नहीं है?
उन्होंने मरी सी आवाज में कहा- अंकल का लंड तुम्हारे लंड से बहुत छोटा है. तुम्हारा लंड बहुत मोटा भी है. जब भी तुम्हारे अंकल चोदते हैं, तो 5 ही मिनट में उसका पानी निकल जाता है.

मैंने आंटी की ये बात सुनी तो कहा- आंटी चलो आज आपको जन्नत की सैर करवाता हूँ.
यह कह कर मैंने आंटी की चूत से लंड बाहर निकाला और अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया.

मेरी जीभ आंटी की चूत का स्पर्श मचलने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा.

वे कामुक सिसकारियां लेने लगीं.
उनकी हालत खराब होने लगी.

आंटी ने कराहते हुए कहा- बस कर … अब लंड अन्दर डाल दे … नहीं रहा जा रहा. मेरी चूत को फाड़ दे.
मैं भी जोश में आ गया और मैंने अपना मुँह चूत से बाहर निकाला और लंड को चूत पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का दे मारा.

मेरा लंड उनकी चूत को फाड़ता हुआ सीधा अन्दर चला गया.
आंटी ज़ोर से चीखने लगीं- उई मर गई.

मैंने उनके होंठों को अपने होंठों से बंद कर दिया और जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से झटके देने लगा.
फिर मैंने उनकी चूत में बहुत देर तक झटके मारे. अब वे भी गर्म हो गई थीं.

उनकी चुदास भड़क गई थी और अब वे भी मेरा साथ देने लगी थीं.
करीब 15 मिनट बाद चाची झड़ गईं और निढाल हो गईं.

मैं लगा रहा तो आंटी मुझे मना करने लगीं कि अब मत करो.

मैंने कहा- मेरा पानी नहीं निकलेगा, तब तक कैसे रुक सकता हूँ? (ये कहानी आप Desi Chudai Story पर पढ़ रहे है)

आंटी कहने लगीं कि तुम्हारा पानी कब निकलेगा?
मैंने कहा- वह ऐसे नहीं आएगा, आप एक काम करो, घोड़ी बन जाओ. मुझे आपकी गांड मारनी है.

इस पर उन्होंने कहा- गांड मरवाने में मुझे मज़ा नहीं आएगा. तुम मेरी चूत ही मार लो … गांड रहने दो.
पर मैंने उनकी एक भी बात नहीं सुनी और कहा कि बस एक बार कर लेने दो.

मेरे काफ़ी बोलने पर आंटी मान गईं.
मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और तेल लेकर अपने लंड पर लगाया और उनकी गांड में घुसाने लगा.

आंटी की गांड बहुत टाइट थी.
मैं धीरे धीरे करके उनकी गांड में लंड घुसेड़ने लगा.

उन्हें बहुत तेज दर्द होने लगा पर मैंने कहा- बस थोड़ा सा दर्द होगा, फिर नहीं होगा.

मैं उनकी गांड में लंड पेलता रहा.
थोड़ी देर में मेरा पूरा लंड आंटी की गांड में चला गया.
मैंने उनकी गांड मारना चालू कर दी.

मैं जोश में आ गया और आंटी की गांड में तेज तेज झटके देने लगा.
वह ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगीं.

मैं उनकी आवाजों से और ज्यादा जोश में आ गया.
उन्होंने रोते हुए कहा- आज तक मुझे तेरे अंकल ने कभी ऐसे नहीं चोदा.

फिर करीब 10 मिनट बाद मेरा भी पानी निकलने को हो गया.

मैं थोड़ी देर रुक गया और मेरा लंड वापस रेडी हो गया.

मैंने आंटी से कहा- अभी आप वापस से सीधी हो जाओ.

वे सीधी हुईं तो मैं आंटी की चूत चोदने लगा. (ये कहानी आप Desi Chudai Story पर पढ़ रहे है)
अब उनकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी, वह आज से पहले कभी भी इतना ज्यादा नहीं चुदी थीं.

करीब 20 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी आने वाला था तो मैंने लंड चूत से निकाला और उनका मुँह खोल कर उसमें अपना पूरा पानी डाल दिया.
आंटी भी मजे से सारा पानी पी गईं.

अब तक आंटी की सेक्स से हालत काफी खराब हो गई थी, तो वे सीधी लेट गईं.

थोड़ी देर बाद मैं उठा और मैंने अपने कपड़े पहन लिए.
उनकी हालत काफी दिक्कत वाली हो गई थी, तो मैंने ही आंटी को भी कपड़े पहनाए और दरवाजा खोल कर बाहर देखने गया कि बाहर कोई है तो नहीं.

जब देखा तो कोई नहीं था.
मैंने आंटी से जाने का बोल दिया. आंटी चली गईं.

इस घटना के बाद भी मैंने उनकी बहुत बार चुदाई की और उन्हें भी मुझसे चुदवाना अच्छा लगता था.
मैंने कभी भी क़िसी को उनके बारे में नहीं बताया.

दोस्तो, मैंने अपनी चुदाई की कहानी आपके सामने पेश कर दी है.
उम्मीद करता हूँ कि आपको यह देसी सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी.

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1 thought on “Desi Chudai Story किरायेदार को किराए के बदले चोदा!! XXX Stories”

  1. Awsome info and right to the point. I am not sure if this is really the
    best place to ask but do you folks have any ideea where to employ some professional writers?
    Thank you 🙂

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