हेलो दोस्तो मेरा नाम गौरव है,मेरी उम्र 24 साल है। मैं अब बहुत सारी लड़कियों और भाभियों को चोद चुका हूं। उनमें से कुछ तो मेरी गर्लफ्रैंड रही हैं, और बाकी कुछ शादी-शुदा भाभियां और आंटियां शामिल हैं।
मुझे औरतों की चूत मारने से ज़्यादा मज़ा उनकी गांड का बैंड बजाने में आता है।इसलिए मैं हमेशा शादी-शुदा औरतों को सेट करने की फिराक में रहता हूं। क्योंकि शादी-शुदा औरतें गांड देने में ज़्यादा नखरें नहीं करती। लड़कियों के बहुत नखरे रहते हैं। पर ऐसा नहीं हैं कि मैंने लड़कियों की गांड नहीं मारी। मैं कई लड़कियों की गांड लेने में भी कामयाब रहा हूं। खैर वो सब कहानियां मैं आपको फिर कभी सुनाऊंगा। अभी इस कहानी पर आता हूं।
ये बात लगभग 2 साल पुरानी है। उस वक्त मेरी उम्र 23 साल थी। उस समय जो मेरी गर्लफ्रैंड थी, वो मुझे गांड नहीं दे रही थी। मैं कई बार ट्राइ कर चुका था। उसकी चूत तो मैं पेल ही रहा था, पर मुझे किसी की गांड मारने की भी चुल मची हुई थी। उस वक्त जो 2-3 औरतें मेरे कांटेक्ट में थी, उनसे भी मीटिंग का नहीं बन पा रहा था। किसी का पति घर में था, तो किसी को कुछ और काम थे। अब मैं एक नई गांड की तलाश में था।
तभी एक दिन घर में मम्मी ने बताया कि अगले हफ्ते मामा के लड़की की शादी थी। तो मुझे 2-3 दिन पहले बुला लिया था, काम वगैरह देखने के लिए। मैंने भी सोचा कि गांड तो मिल नहीं रही, कम से कम वहां काम में बिजी रहूंगा, तो मन तो शांत रहेगा।
तो मैंने मम्मी को बोला: 2-3 दिन पहले क्या, मैं कल ही निकल जाता हूं।
तो मम्मी ने भी जाने के लिए हां कह दिया। मैं अगली सुबह ही मामा के घर निकल गया, और दोपहर तक उनके घर पहुंच गया। शादी वाले घर में वैसे भी बहुत सारे काम होते हैं। तो वहां जाके मैं भी कामों में लग गया। दिन निकल गया। अगले दिन सुबह 10 बजे के आस-पड़ोस की औरतें इकट्ठी हुई। हमारे यहां गांव में रिवाज होता है। शादी से पहले कुछ दिन औरतें हर दिन 1-2 घंटो के लिए संगीत गाती हैं।
करीब 15-20 औरतें इकट्ठी हुई थी। कुछ जवान थी। उनकी गांड देख कर मन फिर गांड पेलने का कर रहा था। मन कर रहा था कि किसी को पकड़ कर पेल ही दूं। तभी मेरी नजर एक 30-32 साल की भाभी पर पड़ी। उफ्फ, क्या सेक्सी थी। मैं मन ही मन उसको पेलने की सोचने लगा।
मैंने अपने मामा के छोटे लड़के अमन से उसके बारे में पूछा। वो मेरे ही बराबर का था। हम दोनों में अक्सर ऐसी बातें हो जाती थी। तो उसने बताया कि ये साक्षी भाभी हैं।
तो मेरे मुंह से निकल गया: यार क्या सेक्सी आइटम है। काश चोदने को मिल जाए।
तो उसने जो कहा उसे सुन कर तो मेरा दिल ही प्रसन्न हो गया।
उसने बोला: तू कोशिश करे तो मिल भी सकती हैं। हम तो पड़ोस में रहते हैं इसलिए हमें नहीं देती। बाकी कई लोगों से सुना है कि इसका चक्कर है कई मर्दों के साथ। इसका पति तो बाहर रहता है, कभी-कभी ही घर आता है। तो ये दूसरे मर्दों से ही काम चला रही है।
उसके बाद मैं उसको ताड़ने लगा।बीच-बीच में हमारी नज़रें भी मिल गई। पर मैं बिना डरे घूरता रहा। फिर जब सब औरतें घर चली गई, तो वो भी उनके साथ निकल गई। ऐसे ही दोपहर हो गई। डेढ़ बजे थे। बाजार से कुछ सामान लाना था। अमन को कुछ और काम था, इसलिए मुझे जाने को बोल दिया। बाजार वहां से करीब 6-7 किमी दूर था।
अमन ने बाइक निकाली। उसको गांव में ही थोड़ा आगे तक जाना था, तो उसने बोला-
अमन: थोड़ी दूर तक मैं चला कर ले चलता हूं, फिर आगे से तू चला लेना।
अब मेरी किस्मत ऐसी चमकी जिसकी मुझे भी उम्मीद नहीं थी। थोड़ा सा आगे चलने पर वही भाभी बाज़ार जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थी।
अमन ने बाइक रोकी और उनसे पूछ लिया: भाभी क्या आप भी बाजार जा रही हो?
तो उसने हां बोला।
अमन बोला: आप गौरव के साथ चली जाओ। ये भी सामान लेने के लिए बाजार ही जा रहा है। और आपको लौटने में भी देरी नहीं होगी। मैं तो यहीं आगे तक जा रहा हूं। मैं चल कर चला जाऊंगा।
अमन ने बाइक से उतर कर बाइक मुझे पकड़ा दी। और साक्षी भाभी बाइक पर बैठ गई। उफ्फ्फ.. मेरा तो अभी से लंड टाइट होने लगा था, और किस्मत भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं भी इस मौक़े को छोड़ना नहीं चाहता था।
थोड़ा सा आगे चलने पर मैंने उससे बातें करनी शुरू की। हालांकि मुझे पता था, फिर भी मैंने उसका नाम पूछा और थोड़ी नॉर्मल बातें की। अब वो भी कंफर्टेबल हो गई।
तो उसने बोला: वैसे देखते हुए थोड़ी पलकें भी झपका लेनी चाहिए।
मैं तुरंत बोल पड़ा: भाभी क्या करूं, आप हो ही इतनी सेक्सी।
तो वो थोड़ा सा मुस्कुरा पड़ी। अब मुझे मेरी मंजिल सामने दिख रही थी। मैंने हिम्मत करके उसको साफ-साफ बोल दिया-
मैं: भाभी आपकी गांड़ बहुत ही सेक्सी हैं। एक बार मुझे भी दे दो।
उसने कोई भी जवाब नही दी, ना ही नाराज हुई। वो बिलकुल चुपचाप बैठी रही, तो मैंने एक दम से ब्रेक लगा कर बाइक रोक दी। उसके चूचे मेरी पीठ में दब गए। उसके मुंह से आह निकल पड़ी।
फिर जाकर भाभी बोली: बाइक क्यों रोकी तुमने (मुस्कुराते हुए)? यही सब कुछ लोगे क्या?
मैं: आप तैयार हो तो कहीं भी।
भाभी: रात को चुपके से घर आ जाना। और हां, अभी बाजार से चॉकलेट फ्लेवर के कॉण्डम जरूर ले लेना।
आस-पास बिलकुल सुनसान था, तो मैंने मौका देखकर भाभी के बूब्स दबा दिए और उसके साथ साथ उनके लिप्स पे एक किस भी कर दी।
फिर रास्ते में भाभी के साथ बहुत सारी रोमांटिक बातें की। फिर सामान खरीदा और भाभी की पसंद के कॉण्डम लिए। भाभी ने भी सामान खरीदा और फिर हम घर आ गए। घर आते हुए सुनसान रास्ते में एक बार फिर भाभी के लिप्स चूसे। फिर भाभी का नम्बर लेकर उनको उनके घर के पास छोड़ कर आ गया।
अब तो मैं बस रात का ही इंतजार कर रहा था। रात लगभग 10 बजे सब लोगो के सोने के बाद मैं अमन को बता कर भाभी के घर निकल गया। तो जाते-जाते अमन बोला-
अमन बोला: भाई आज तो तू जन्नत के मजे लेगा।
तो मैंने कहा: कोई नहीं, आज मुझे कर लेने दे, बाद में तुझे भी करवा दूंगा।
फिर मैं निकल गया।
भाभी के घर के पास पहुंच कर मैंने उनको कॉल किया तो वह बोली –
भाभी: चुपचाप, बिना आवाज किये उपर वाले कमरे में आ जाओ।
मैं अंधेरे में दबे पांव ऊपर चढ़ गया। फिर मैंने फोन पर ही भाभी को दरवाजा खोलने को बोला। तो फिर एक कमरे का दरवाजा खुला। अंदर भी लाइट नहीं जल रही थी। मैं झट से अंदर घुस गया। फिर भाभी ने दरवाजा बंद करके कमरे की लाइट जला दी।
उफ्फ क्या गजब दिख रही थी भाभी। उन्होंने लाल रंग की एक सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी। होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। मैंने टाइम वेस्ट न करते हुए सीधा भाभी को जकड़ लिया और खड़े-खड़े ही उनके लिप्स चूसने लगा।
भाभी भी मेरे इंतजार में पहले से गर्म थी। उन्होंने भी मेरा पूरा साथ दिया। हम 2-3 मिनट ऐसे ही खड़े-खड़े किसिंग करते रहे। फिर मैं वैसे ही चूसते हुए उनको बेड के करीब लेकर गया और बेड पर लिटा के चूसने लगा।
फिर मैंने उनकी नाइटी उतार दी। उफ्फ्फ… उन्होंने अंदर कुछ नहीं पहन रखा था। नाइटी उतारते ही वह बिल्कुल नंगी हो गई। उनके दो बड़े-बड़े तरबूज जैसे बूब्स मेरी आंखों के सामने आ गए। मैं उन पर टूट पड़ा। करीब 5 मिनट तक मैंने उनके बूब्स खूब दबाए और चूसे। फिर मैं भी अपने कपड़े उतार कर नंगा हो गया।
आने के बाद हम दोनों ने जरा भी बात नहीं की थी। सीधे ही काम पर लग गए थे। अब जाकर मैंने भाभी को लंड चूसने को बोला।
तो भाभी कहने लगी: नही ऐसे नहीं, पहले कॉण्डम लगाओ। तब मैं चुसूंगी।
अब मुझे समझ आया कि भाभी ने स्पेशल चॉकलेट फ्लेवर वाला कॉण्डम क्यों मंगवाया था। मैंने फटाफट अपनी पेंट की पॉकेट में से कॉण्डम का पैकेट निकाला और एक कॉण्डम भाभी को पकड़ा दिया। भाभी ने खुद ही फटाफट कॉण्डम मेरे लंड पर पहनाया और फिर लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।
ये कॉण्डम के साथ लंड चुसवाने का मेरा पहना अनुभव था। मुझे ठीक ही लग रहा था। हालांकि उतना मज़ा तो नहीं आ रहा था जितना बिना कॉण्डम के लंड चुसवाने में आता है। पर ना चूसने से अच्छा ही था ये। भाभी 2 मिनट ही कॉण्डम की सारी चॉकलेट चाट गई। अब भाभी लंड लेने के लिए तैयार थी।
मुझे तो वैसे भी भाभी की गांड चोदकर अपने लन्ड को शांत करना था, पर पहले भाभी की चूत को ठंडा करना भी जरूरी था। तो मैं भाभी को चित लिटाया उनके ऊपर चढ़ गया।
मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रखा। चूत पूरी गीली हो चुकी थी। मेरा लंड बड़ी ही आसानी से भाभी की चूत में समा गया। फिर मैं भाभी को चोदने लगा। उनकी चूत कुछ खास टाइट नहीं थी। और टाइट होगी भी कैसे? आखिर साक्षी भाभी एक 6 साल की लड़की की मां थी। और ना जाने अब तक कितने ही मर्दों के लौड़े भी अपनी चूत में ले चुकी थी।
मैं लगातार भाभी को पेलता रहा। 5-6 मिनट में ही भाभी झड़ गई। फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में किया और पीछे से चूत में लंड पेल दिया। 7-8 मिनट बाद मैं भी झड़ गया। भाभी भी अब तक दूसरी बार झड़ चुकी थी।
फिर मैंने लंड निकाल कर कॉण्डम उतारा और लंड को कपड़े से साफ किया। अब मैं भाभी की चूचियों के साथ खेलने लगा। अब मुझे भाभी की गांड पेलनी थी, तो मैंने भाभी को कहा कि भाभी अब गांड में डालूंगा। तो भाभी ने कहा ठीक है, पर पहले थोड़ी वैसलीन लगा लेना।
भाभी भी पक्की खिलाड़ी थी। पहले भी गांड में लौड़े ले चुकी थी। 8-10 मिनट में मेरा लंड तैयार हो गया। भाभी ने मुझे वैसलीन दी। मेने भाभी को घोड़ी बनाकर मैंने वैसलीन लगाई और अपनी दो उंगलियां भाभी की गांड में घुसा दी। भाभी के मुंह से हल्की सी चीख ही निकली। फिर मैंने अच्छे से भाभी की गांड चिकनी की। और कॉण्डम अपने लन्ड पर चढ़ा कर उनकी गांड पर टिका दिया।
अब मैंने धीरे-धीरे लंड अंदर बाहर करना शुरू किया। लंड बिना कसावट के अंदर जा रहा था। भाभी ने सिसकियां भरते हुए मेरा पूरा लंड गांड में डलवा लिया। मैंने भाभी को बोला –
मैं: वाह भाभी! आपकी गांड में तो बड़ी ही आसानी से घुस गया। मुझे तो बिल्कुल भी मेहनत नहीं करनी पड़ी।
तो भाभी मुस्कुराते हुए बोली: तो तुझे क्या लगा? तू अकेला ही थोड़ी है इस दुनिया में। तेरे अलावा और भी बहुत गांड के शौकीन हैं।
फिर मैं भाभी की गांड पेलने में बिजी हो गया। मैंने लगातार 10 मिनट तक उसी पोजीशन में भाभी की गांड चोदी। फिर मैं लंड निकाल कर बेड पर लेट गया और भाभी को लंड पे बैठने को बोला। भाभी लंड गांड में लेकर बैठ गई और ऊपर-नीचे होकर चुदने लगी। फिर करीब 5-7 मिनट बाद ऐसे ही चोदते-चोदते मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया।
उस रात मैंने 2 से 3 बार और भाभी की चूत और गांड की चुदाई की। फिर लगभग रात के 3 बजे मैं उनके घर से वापस आ गया। भाभी को चोद कर सच में मुझे खूब मज़ा आया।
फिर मैं शादी के बाद भी तक जब तक वह रुका, मैंने साक्षी भाभी की चूत और गांड़ खूब मारी।और अमन को भी भाभी की चूत चुदवा दी।
कैसे मैंने और मेरे भाई अमन ने साक्षी भाभी को साथ में चोदा, वो मैं अपनी अलगली स्टोरी में बताऊंगा। जब भी मैं अपने मामा के याह जाता हूं तो भाभी को चोदने का कोई ना कोई इंतजाम कर ही लेता हूं।